1984 Violence
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1984 सिख हिंसा मामले में सज्जन कुमार को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा
- Tuesday February 25, 2025
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
दिल्ली की विशेष अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हुई हत्या के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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1984 सिख विरोधी हिंसा: दोषी महेंद्र यादव को अंतरिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
- Wednesday July 1, 2020
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: आनंद नायक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी शिकायत या उपचार पर आरोप के हम इस याचिका को नहीं सुन सकते. किसी मरीज के परिजनों को अस्पताल में जाने की अनुमति नहीं है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सामान्य नियम है और इसके विपरीत आदेश जारी नहीं किया जा सकता.
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दिल्ली हिंसा : मोहिंदर सिंह ने बचाई थी मुस्लिम परिवारों की जान, अब इस तरह कर रहे हैं मदद
- Saturday March 7, 2020
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
पुलिस और प्रशासन हालात सामान्य करने की हर संभव कोशिश में जुटे हैं. पीड़ितों को अभी तक दो करोड़ से ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है. हिंसा के दौरान की तमाम कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी के हीरो हैं मोहिंदर सिंह और उनके बेटे, जो कुछ मुस्लिम परिवारों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि मोहिंदर खुद 1984 दंगों का शिकार हुए थे.
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Delhi Violence: नरेश गुजराल ने अमित शाह को पत्र लिखकर पुलिस की उदासीनता पर उठाए सवाल, कहां- 'जब सांसद की शिकायत पर भी...'
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सचिन झा शेखर
भाजपा की गठबंधन सहयोगी SAD के सांसद ने कहा था कि कोई भी 1984 की पुनरावृत्ति नहीं चाहता. दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के पुत्र नरेश गुजराल ने कहा था कि शहर के कुछ हिस्सों में अल्पसंख्यक ‘‘दहशत’’ में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने चूंकि उनके जान माल की रक्षा नहीं की तो यह ठीक वैसा ही है जो हमने 1984 में देखा था.’’
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दिल्ली के दंगों के मद्देनजर यूपी के अयोध्या, काशी, मथुरा समेत कई संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ी
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब मायावती ने दिल्ली को दंगों को 1984 के सिख विरोधी दंगों जैसा बताया है. जबकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी ने पोलराइज़ेशन करने और मुद्दों से ध्यान हटाने लिए दंगे करवाए हैं. उधर दिल्ली दंगों के मद्देनज़र यूपी में अयोध्या,काशी, मथुरा समेत सभी संवेदनशील जिलों में सिक्यूरिटी और निगरानी बढ़ा दी गई है. बंटवारे के बाद पहली बार दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए. उस दिल्ली में जिसमें प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रपति और पूरी केन्द्र सरकार रहती है.
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दिल्ली हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच हो : मायावती
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा
बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा को 1984 जैसी हिंसा करार दिया और कहा कि इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी की कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस को फ्री-हैंड देने की मांग की और कहा कि पीड़ितों की पूरी मदद की जाए.
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दिल्ली हिंसा पर बोली HC- कोर्ट और पुलिस के होते हुए दिल्ली में दूसरा 1984 नहीं देख सकते
- Wednesday February 26, 2020
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए.
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शिवसेना ने दिल्ली हिंसा की तुलना सिख विरोधी दंगों से की, कहा- अहमदाबाद में नमस्ते और दिल्ली में हिंसा
- Wednesday February 26, 2020
- Reported by: भाषा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब 'प्रेम का संदेश' देने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे तब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था और इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी की कभी इतनी बदनाम नहीं हुई थी. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के सम्पादकीय ने अफसोस जताया कि ऐसे समय दिल्ली में ट्रंप का स्वागत किया गया जब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था. उसने कहा कि हिंसा सीधे तौर पर यह संदेश दे सकती है कि केन्द्र सरकार दिल्ली में कानूव एवं व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही. शिवसेना ने कहा, 'दिल्ली में हिंसा भड़की. लोग डंडे, तलवार, रिवाल्वर लेकर सड़कों पर आ गए, सड़कों पर खून बिखरा था. दिल्ली में स्थिति एक डरावनी फिल्म की तरह थी, जिसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के जख्मों को हरा कर दिया.' उसने कहा कि भाजपा आज भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा में सैकड़ों सिखों की हत्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है.
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सन 1984 की सिख विरोधी हिंसा : पुलिस ने सही समय पर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की, रिकॉर्ड नष्ट हो गए
- Wednesday January 15, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सन 1984 के सिख विरोधी हिंसा मामले में जस्टिस ढींगरा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार, अभियोजन पक्ष और पुलिस ने सही समय पर अपनी रिपोर्ट अपील अदालत में दाखिल नहीं की. इसकी वजह से केसों के रिकॉर्ड नष्ट हो गए. जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 10 मामलों में राज्य सरकारें अपील दाखिल करें. दस वे FIR हैं जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था. जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तत्कालीन एसएचओ कल्याणपुरी ने दंगाइयों की सहायता की थी.
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1984 का सिख दंगाः कौन था वो शख्स, जिसने 'बांध' दिए थे राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के हाथ, बोले- मैं मजबूर हूं
- Tuesday December 18, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
1984 के सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा हुई है. दंगे के वक्त राष्ट्रपति की कुर्सी पर भी एक सिख ज्ञानी जैल सिंह ही बैठे थे. जानिए, उन्होंने दंगा रोकने में खुद को क्यों असहाय पाया था ?
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कौन हैं सज्जन कुमार, जिन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में मिली उम्रकैद की सजा, 10 खास बातें
- Monday December 17, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी करार दिया है. सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. फैसला जस्टिस एस. मुरलीधर और विनोद गोयल ने सुनाया है. सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का दोषी पाया गया. कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा और तब तक वह दिल्ली नहीं छोड़ सकते. सज्जन कुमार के अलावा नेवी के रिटायर्ड अधिकरी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर और गिरधारी लाल को भी दोषी करार दिया है. इन तीनों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोकर को भी दोषी करार पाया गया, जिन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल तथा पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. आइये आपको बताते हैं सज्जन कुमार से जुड़ी खास बातें.
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1984 का सिख दंगाः हत्यारों से भरी ट्रेन पहुंची थी दिल्ली, किसी को काटा, किसी को जिंदा जलाया
- Tuesday December 18, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
1984 के सिख विरोधी दंगों(1984 anti sikh riots) में हाथ होने पर कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानिए इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगे की कहानी.
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1984 सिख विरोधी हिंसा: SC में याचिककर्ता ने कहा-नई SIT ने शुरू नहीं किया काम, CJI बोले- मामले की जानकारी
- Wednesday September 5, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि जनवरी के आदेश के बावजूद नई SIT ने जांच शुरू नहीं की है. एक सदस्य की अभी तक नियुक्ति नहीं हुई और इस लिहाजा से जल्द सुनवाई होनी चाहिए.
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मॉब लिंचिंग पर UP के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान, 'इंसान भी जरूरी और गाय भी'
- Thursday July 26, 2018
- Written by: परिणय कुमार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस में मवेशी चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा चार लोगों की जमकर पिटाई के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का मॉब लिंचिंग पर बयान आया है. यूपी के सीएम ने कहा कि हमलोग सबको सुरक्षा देंगे. उन्होंने कहा कि इंसान भी जरूरी और गाय भी. दोनों की प्रकृति में अपनी भूमिका है. इसके अलावा उन्होंने इस मामले को बेवजह तूल देने के लिए कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.
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1984 सिख विरोधी हिंसा के 186 बंद मामलों की जांच के लिए SC पहुंचा याचिकाकर्ता
- Thursday July 12, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
9 जनवरी को 186 बंद मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक नई SIT का गठन किया था. सुपरवाइजरी पैनल की रिपोर्ट में कहा गया था कि 239 मामलों में से 186 को बिना जांच बंद किया गया.
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1984 सिख हिंसा मामले में सज्जन कुमार को कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा
- Tuesday February 25, 2025
- Reported by: NDTV इंडिया, Edited by: रितु शर्मा
दिल्ली की विशेष अदालत ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान हुई हत्या के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
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1984 सिख विरोधी हिंसा: दोषी महेंद्र यादव को अंतरिम जमानत देने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार
- Wednesday July 1, 2020
- Reported by: आशीष कुमार भार्गव, Edited by: आनंद नायक
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिना किसी शिकायत या उपचार पर आरोप के हम इस याचिका को नहीं सुन सकते. किसी मरीज के परिजनों को अस्पताल में जाने की अनुमति नहीं है. शीर्ष अदालत ने कहा कि यह सामान्य नियम है और इसके विपरीत आदेश जारी नहीं किया जा सकता.
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दिल्ली हिंसा : मोहिंदर सिंह ने बचाई थी मुस्लिम परिवारों की जान, अब इस तरह कर रहे हैं मदद
- Saturday March 7, 2020
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: राहुल सिंह
पुलिस और प्रशासन हालात सामान्य करने की हर संभव कोशिश में जुटे हैं. पीड़ितों को अभी तक दो करोड़ से ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है. हिंसा के दौरान की तमाम कहानियां सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी के हीरो हैं मोहिंदर सिंह और उनके बेटे, जो कुछ मुस्लिम परिवारों के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि मोहिंदर खुद 1984 दंगों का शिकार हुए थे.
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Delhi Violence: नरेश गुजराल ने अमित शाह को पत्र लिखकर पुलिस की उदासीनता पर उठाए सवाल, कहां- 'जब सांसद की शिकायत पर भी...'
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: सचिन झा शेखर
भाजपा की गठबंधन सहयोगी SAD के सांसद ने कहा था कि कोई भी 1984 की पुनरावृत्ति नहीं चाहता. दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के पुत्र नरेश गुजराल ने कहा था कि शहर के कुछ हिस्सों में अल्पसंख्यक ‘‘दहशत’’ में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस ने चूंकि उनके जान माल की रक्षा नहीं की तो यह ठीक वैसा ही है जो हमने 1984 में देखा था.’’
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दिल्ली के दंगों के मद्देनजर यूपी के अयोध्या, काशी, मथुरा समेत कई संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा बढ़ी
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: कमाल खान, Edited by: सूर्यकांत पाठक
दिल्ली हाईकोर्ट के बाद अब मायावती ने दिल्ली को दंगों को 1984 के सिख विरोधी दंगों जैसा बताया है. जबकि समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी ने पोलराइज़ेशन करने और मुद्दों से ध्यान हटाने लिए दंगे करवाए हैं. उधर दिल्ली दंगों के मद्देनज़र यूपी में अयोध्या,काशी, मथुरा समेत सभी संवेदनशील जिलों में सिक्यूरिटी और निगरानी बढ़ा दी गई है. बंटवारे के बाद पहली बार दिल्ली में हिंदू-मुस्लिम दंगे हुए. उस दिल्ली में जिसमें प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राष्ट्रपति और पूरी केन्द्र सरकार रहती है.
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दिल्ली हिंसा की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच हो : मायावती
- Thursday February 27, 2020
- Reported by: भाषा, Edited by: मानस मिश्रा
बसपा प्रमुख मायावती ने बृहस्पतिवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली की हिंसा को 1984 जैसी हिंसा करार दिया और कहा कि इसकी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी की कानून-व्यवस्था में सुधार के लिए पुलिस को फ्री-हैंड देने की मांग की और कहा कि पीड़ितों की पूरी मदद की जाए.
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दिल्ली हिंसा पर बोली HC- कोर्ट और पुलिस के होते हुए दिल्ली में दूसरा 1984 नहीं देख सकते
- Wednesday February 26, 2020
- Reported by: शरद शर्मा, Edited by: आरिफ खान मंसूरी
दिल्ली हाई कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि उच्च पदों पर बैठे लोगों को पीड़ित परिवारों से मिलना चाहिए.
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शिवसेना ने दिल्ली हिंसा की तुलना सिख विरोधी दंगों से की, कहा- अहमदाबाद में नमस्ते और दिल्ली में हिंसा
- Wednesday February 26, 2020
- Reported by: भाषा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब 'प्रेम का संदेश' देने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे तब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था और इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी की कभी इतनी बदनाम नहीं हुई थी. शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के सम्पादकीय ने अफसोस जताया कि ऐसे समय दिल्ली में ट्रंप का स्वागत किया गया जब उसकी सड़कों पर खून-खराबा मचा था. उसने कहा कि हिंसा सीधे तौर पर यह संदेश दे सकती है कि केन्द्र सरकार दिल्ली में कानूव एवं व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रही. शिवसेना ने कहा, 'दिल्ली में हिंसा भड़की. लोग डंडे, तलवार, रिवाल्वर लेकर सड़कों पर आ गए, सड़कों पर खून बिखरा था. दिल्ली में स्थिति एक डरावनी फिल्म की तरह थी, जिसने 1984 के सिख विरोधी दंगों के जख्मों को हरा कर दिया.' उसने कहा कि भाजपा आज भी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा में सैकड़ों सिखों की हत्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराती है.
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सन 1984 की सिख विरोधी हिंसा : पुलिस ने सही समय पर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल नहीं की, रिकॉर्ड नष्ट हो गए
- Wednesday January 15, 2020
- Reported by: आशीष भार्गव, Edited by: सूर्यकांत पाठक
सन 1984 के सिख विरोधी हिंसा मामले में जस्टिस ढींगरा ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्य सरकार, अभियोजन पक्ष और पुलिस ने सही समय पर अपनी रिपोर्ट अपील अदालत में दाखिल नहीं की. इसकी वजह से केसों के रिकॉर्ड नष्ट हो गए. जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 10 मामलों में राज्य सरकारें अपील दाखिल करें. दस वे FIR हैं जिसमें सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था. जस्टिस ढींगरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तत्कालीन एसएचओ कल्याणपुरी ने दंगाइयों की सहायता की थी.
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1984 का सिख दंगाः कौन था वो शख्स, जिसने 'बांध' दिए थे राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के हाथ, बोले- मैं मजबूर हूं
- Tuesday December 18, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
1984 के सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा हुई है. दंगे के वक्त राष्ट्रपति की कुर्सी पर भी एक सिख ज्ञानी जैल सिंह ही बैठे थे. जानिए, उन्होंने दंगा रोकने में खुद को क्यों असहाय पाया था ?
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कौन हैं सज्जन कुमार, जिन्हें 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में मिली उम्रकैद की सजा, 10 खास बातें
- Monday December 17, 2018
- ख़बर न्यूज़ डेस्क
1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी करार दिया है. सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. निचली अदालत ने सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. फैसला जस्टिस एस. मुरलीधर और विनोद गोयल ने सुनाया है. सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को हत्या, साजिश, दंगा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का दोषी पाया गया. कुमार को 31 दिसंबर तक सरेंडर करना होगा और तब तक वह दिल्ली नहीं छोड़ सकते. सज्जन कुमार के अलावा नेवी के रिटायर्ड अधिकरी कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोकर और गिरधारी लाल को भी दोषी करार दिया है. इन तीनों को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. इनके अलावा पूर्व विधायक महेंद्र यादव और किशन खोकर को भी दोषी करार पाया गया, जिन्हें निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल तथा पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा सुनाई है. आइये आपको बताते हैं सज्जन कुमार से जुड़ी खास बातें.
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1984 का सिख दंगाः हत्यारों से भरी ट्रेन पहुंची थी दिल्ली, किसी को काटा, किसी को जिंदा जलाया
- Tuesday December 18, 2018
- Written by: नवनीत मिश्र
1984 के सिख विरोधी दंगों(1984 anti sikh riots) में हाथ होने पर कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. जानिए इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख दंगे की कहानी.
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1984 सिख विरोधी हिंसा: SC में याचिककर्ता ने कहा-नई SIT ने शुरू नहीं किया काम, CJI बोले- मामले की जानकारी
- Wednesday September 5, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि जनवरी के आदेश के बावजूद नई SIT ने जांच शुरू नहीं की है. एक सदस्य की अभी तक नियुक्ति नहीं हुई और इस लिहाजा से जल्द सुनवाई होनी चाहिए.
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मॉब लिंचिंग पर UP के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान, 'इंसान भी जरूरी और गाय भी'
- Thursday July 26, 2018
- Written by: परिणय कुमार
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस में मवेशी चोरी के संदेह में भीड़ द्वारा चार लोगों की जमकर पिटाई के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का मॉब लिंचिंग पर बयान आया है. यूपी के सीएम ने कहा कि हमलोग सबको सुरक्षा देंगे. उन्होंने कहा कि इंसान भी जरूरी और गाय भी. दोनों की प्रकृति में अपनी भूमिका है. इसके अलावा उन्होंने इस मामले को बेवजह तूल देने के लिए कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.
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1984 सिख विरोधी हिंसा के 186 बंद मामलों की जांच के लिए SC पहुंचा याचिकाकर्ता
- Thursday July 12, 2018
- Reported by: आशीष भार्गव
9 जनवरी को 186 बंद मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक नई SIT का गठन किया था. सुपरवाइजरी पैनल की रिपोर्ट में कहा गया था कि 239 मामलों में से 186 को बिना जांच बंद किया गया.
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