विज्ञापन

खाने को लेकर बच्‍चा करता है परेशान, तो क्‍या करें पैरेंट्स? ये रहा जवाब

How to encourage kids to eat: जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, उनकी पोषण से जुड़ी की जरूरतें भी बदलने लगती हैं, ऐसे में पैरेंट्स को हमेशा सतर्क रहना चाहिए, ताकि समय पर यह पहचाना जा सकते कि उनमें कोई कमज़ोरी या न्यूट्रिशन की कमी न हो रही हो.

खाने को लेकर बच्‍चा करता है परेशान, तो क्‍या करें पैरेंट्स? ये रहा जवाब
पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास, संज्ञानात्मक क्षमता और ओवरऑल वेलबीइंग पर प्रभाव पड़ सकता है.

Parenting tips for picky eaters: हर माता-पिता चाहते हैं, कि उनका बच्‍चा शारीरिक और मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ हो. इसके लिए ही पैरेंट्स अपने बच्‍चों को बैलेंस और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट देना पसंद करते हैं. लेकिन ये जितना आसान सुनने में लगता है, असलियत उससे अलग है. लेटेस्‍ट NFHS-5 (2019-21) डाटा की मानें तो आज भी कई कोशिशों के बावजूद भी, 5 साल से कम उम्र के लगभग 32.1% बच्चों का वजन कम है. माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को पोषण देने की कोशिशों के बाद भी बिजी शेडयूल, खाने की आदतें और प्रोसेस्‍ड फूड ज्‍यादा पसंद करने के चलते पैरेंट्स परेशान होते नजर आते हैं. बच्‍चे के जन्‍म के शुरुआती विकास के दौरान पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास, संज्ञानात्मक क्षमता और ओवरऑल वेलबीइंग पर प्रभाव पड़ सकता है.

पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है.

पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है. Photo Credit: Pexels

बच्चों के स्वस्थ विकास में सबसे अहम रोल होता है बैलेंस डाइट का. विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और हेल्दी फैट्स बच्चों की हड्डियों को मजबूत करते हैं, मस्तिष्क के विकास में मदद करते हैं और इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करते हैं. जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैं, उनकी पोषण से जुड़ी की जरूरतें भी बदलने लगती हैं, ऐसे में पैरेंट्स को हमेशा सतर्क रहना चाहिए, ताकि समय पर यह पहचाना जा सकते कि उनमें कोई कमज़ोरी या न्यूट्रिशन की कमी न हो रही हो.

यह भी देखें: Amazon Great Summer Sale 2025: बेस्ट डील्स और ऑफर्स पर एक नजर

माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी

AIIMS, CSIR, University of Chicago Medical Centre और अन्य संस्थानों के एक कम्‍बाइंड सर्वे में यह बात सामने आई है कि भारत में अलग-अलग एज ग्रुप में माइक्रोन्यूट्रिएंट की कमी काफी आम हो गई है. आपको बता दें कि इस तरह की कमियां बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बूरा असर डाल सकती हैं.
 

  • आयोडीन की कमी: 17%
  • फोलिक एसिड की कमी: 37%
  • आयरन की कमी: 54%
  • विटामिन बी12 की कमी: 53%
  • विटामिन ए की कमी: 19%
  • विटामिन डी की कमी: 61%

गौरलतब है कि शरीर में आयरन की कमी प्रेगनेंट वूमेन में सबसे ज्‍यादा पाई गई. लेकिन इसकी कमी बच्‍चों के लिए नुकसानदायक होती है. खासतौर पर कैल्शियम और विटामिन D बच्‍चों के विकास पर गंभीर असर डालती है.

क्‍या है Calcium और Vitamin D3 में संबध

पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है.

पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है. Photo Credit: Pexels

सबसे पहले बात करते हैं कैल्शियम और विटामिन D3 की. ये दोनों बच्चों के हड्डियों और दांतों के विकास के लिए सबसे अहम माने जाते हैं. कैल्शियम जहां हड्डियों को मजबूती देता है, वहीं विटामिन D3 यह सुनिश्चित करता है कि कैल्शियम गट से सही तरह अब्‍जॉर्ब हो और ब्‍लड सर्कुलेशन तक सुचारू रूप से पहुंचे.

यह भी देखें:  बोरिंग बेडरूम को ये चीजें देंगी मॉडर्न और लग्जरी लुक 

क्‍या कहता है सर्वे?

एक सर्वे (Curr Rheumatol Report) की माने तो विटामिन D और कैल्शियम हड्डियों के सही खनिजकरण के लिए आवश्यक माना गया है, जिससे हड्डियों बेहतर होती है. इसके अलावा, विटामिन D के और भी अन्‍य लाभों में ऑटोइम्यून बीमारियों की रोकथाम, गिरने पर हड्डी का नुकसान से बचाव, इम्यूनिटी को मजबूत बनाना और हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से बचना शामिल है.

Calcium Gummies: बच्चों में पोषण की कमी को दूर करने का आसान तरीका

कैल्शियम की जरूरत को समझते हुए कई पैरेंट्स सप्‍लीमेंट्स के तौर पर कैल्शियम गमीज़ का सहारा लेते हैं. उनका फल जैसा टेस्‍ट, आसानी से चबा पाना और अट्रेक्टिव पैकेजिंग बच्‍चों को पसंद आती हैं.
 

हालांकि, सभी Calcium Gummies एक तरह से नहीं बनाई जाती हैं. कई में अतिरिक्त चीनी भरी होती है, जो बच्‍चों के दांतों को नुकसान पहुंचा सकती है और वजन बढ़ने जैसी समस्‍याओं से घेर सकती है. ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने वाले पैरेंट्स के लिए शुगर-फ्री या कम चीनी वाले ऑप्‍शन ज्‍यादा बेहतर होते हैं. ऐसे में आप  Shelcal Pro Gummies का रूख कर सकते हैं, ये ब्रांड दावा करता है कि यह 5-18 साल के बच्‍चों के लिए बेस्‍ट होते हैं. ब्रांड के अनुसार हर गमी में शामिल हैं:

  • 250 mg of calcium
  • 125 IU of vitamin D3
पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है.

पोषण संबंधी गेप का बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास पर प्रभाव पड़ सकता है. Photo Credit: Amazon

ब्रांड के अनुसार एक शेल्कल प्रो गमी लगभग 1 गिलास दूध (1 गिलास ~ 200 मिली) के बराबर कैल्शियम और ~16 चेडर चीज़ स्लाइस (1 चीज़ स्लाइस ~ 28 ग्राम) के बराबर विटामिन डी3 देता करता है.

ICMR 2020 के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आयु के हिसाब से हर बच्‍चे को को अलग-अलग मात्रा में कैल्शियम और विटामिन डी चाहिए होता है:
 

ICMR RDA For Calcium And Vitamin D3
Age GroupCalcium RDA (mg/day)Vitamin D RDA (unit/ per day)
1-3 years500600 IU
4-6 years550600 IU
7-9 years650600 IU
10-12 years (Boys)850600 IU
10-12 years (Girls)850600 IU
13-15 years (Boys)1000600 IU
13-15 years (Girls)1000600 IU
16-18 years (Boys)1050600 IU
16-18 years (Girls)1050600 IU

इसका मतलब यह हुआ कि Shelcal Kids Pro Gummy टीनएज के लिए लगभग 25% और बच्चों, विशेष रूप से 10 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए काफी हद तक RDA की पूर्ति कर सकता है.

Shelcal Kids Pro Gummy टीनएजर्स के लिए भी उपलब्ध हैं, ताकि उनके कैल्शियम और विटामिन डी3 से वंचित न रखा जाए. बच्चों के लिए उपलब्ध प्रोडक्‍ट की तरह ही ये भी शुगर फ्री होते हैं, दो तरह के टेस्‍ट में मिलते हैं और हड्डियों को मजबूत करने और जोड़ों तथा मांसपेशियों की ताकत देने में मदद करते हैं.

Supplements: मददगार हैं लेकिन रिप्‍लेसेंट नहीं हो सकते

हालांकि Shelcal Kids Pro Gummy पोषण संबंधी कमियों को दूर करने में मदद करते हैं, एक्‍सपर्ट सलाह देते हैं कि इन्‍हें कभी भी बैलेंस, विविध आहार की जगह नहीं लेना चाहिए. पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ, जिनमें डेयरी उत्पाद, पत्तेदार साग, फलियां, फल और फोर्टिफाइड अनाज शामिल हैं, बच्चे को जरूर देने चाहिए. लगातार पोषक तत्वों की कमी के परेशान पैरेंट्स को चाइल्‍ड एक्‍स्‍पर्ट या पोषण विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए.

Frequently Asked Questions (FAQs)

सवाल 1: बच्चों को बैलेंस डाइट देना क्‍यों जरूरी है?

जवाब: बैलेंस डाइट बच्चों के विकास, मस्तिष्क की वृद्धि, इम्यूनिटी और ओवरऑल वेलबीइंग के लिए अहम मानी जाती है. इसमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, फैट्स और कार्बोहाइड्रेट शामिल होते हैं.

सवाल 2: बच्चों में सबसे आम पोषण संबंधी कमियां कौन-सी होती हैं? 

जवाब: अकसर बच्चों में आयरन, विटामिन D, कैल्शियम, विटामिन A, फोलिक एसिड और विटामिन B12 की कमी पाई जाती है.

सवाल 3: कैसे तय किया जाए कि बच्चे को पर्याप्त विटामिन और मिनरल्स मिल रहे हैं?

जवाब: बच्‍चों को फलों, सब्जियों, होल ग्रेन्स, प्रोटीन और डेयरी प्रोडक्ट्स से भरपूर विविध आहार दें. अगर बच्चा पिकी ईटर है या उसकी डाइट में पोषण की कमी है, तो गमीज़ जैसे सप्लीमेंट्स भी विचार कर सकते हैं, लेकिन पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

सवाल 4: क्या न्यूट्रिशन गमीज बच्चों के लिए ठीक हैं?

जवाब: हां, अगर सही क्‍वांटिटी और बिना एक्‍स्‍ट्रा शुगर या आर्टिफिशियल एडिटिव्स वाली गमीज बच्‍चों के लिए सही रहती हैं.

सवाल 5: बच्चे के लिए सप्लीमेंट्स लेने पर कब विचार करना चाहिए?

जवाब: अगर बच्चे की खानपान की आदतें लीमिटेड नहीं हैं, उसे स्‍पेशल न्यूट्रिएंट डेफिशिएंसी है, बच्‍चे डायटरी रिस्ट्रिक्शन देते हैं तो आप सप्लीमेंट्स का रूप कर सकते हैं. हालांकि किसी भी सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले paediatrician से सलाह जरूर लें.
 

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बच्चों के पोषण को सही बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही रणनीति और सप्लीमेंट्स से इसे आसान बनाया जा सकता है। Shelcal Pro Gummies जैसे प्रोक्‍डट में कैल्शियम और विटामिन D3 भरपूर होते हैं, जो हड्डियों के मजबूती देते है और उनके संपूर्ण विकास में मदद करते हैं. 

Source: *Curr Rheumatology Report [Read Here]

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com