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This Article is From Jul 04, 2023

दुनिया का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट राजस्थान में पर्यटन को देगा नई उड़ान, बाढ़ से भी मिलेगी राहत

चंबल के पूर्वी किनारे पर रिवर फ्रंट पर सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति स्थापित की जा रही है. यह प्रतिमा रिवर फ्रंट पर बैराज की तरफ बनाए गए बैराज गार्डन में बन रही है. वृंदावन गार्डन की तर्ज पर इस बैराज गार्डन को विकसित किया गया है.

दुनिया का पहला हेरिटेज रिवर फ्रंट राजस्थान में पर्यटन को देगा नई उड़ान, बाढ़ से भी मिलेगी राहत
कोटा:

राजस्थान पर्यटन के क्षेत्र में अपने हेरिटेज, धोरो, संस्कृति सभ्यता के साथ हैरिटेज  रिवरफ्रंट के नाम से भी दुनिया में अपनी पहचान बनाने जा रहा है. राजस्थान के कोटा में चंबल नदी के किनारे 1200 करोड़ की लागत से  दुनिया का पहला हेरिटेज रिवरफ्रंट विकसित किया गया है. चंबल नदी के दोनों किनारों को बेहद खूबसूरत बनाया गया है और यहां कई विश्व कीर्तिमान भी स्थापित हो रहे हैं.  चंबल के किनारे पर देश की सबसे बड़ी नंदी की मूर्ति देखने को मिलेगी तो विष्णु के 10 अवतार के दर्शन भी यहीं होंगे. यही नहीं सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति, सबसे बड़ी घंटी भी चम्बल किनारे कोटा में देखने को मिलेगी. कोटा में चम्बल नदी के किनारे 2.7 किलोमीटर लंबा रिवर फ्रंट लभगभ तेयार हैं.  

बाढ़ से मिलेगी निजात

कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किलोमीटर की लंबाई में चंबल नदी के दोनों किनारों पर चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया जा रहा है. 1200 करोड़ की लागत से ये रिवर फ्रंट तैयार हो रहा है. चंबल रिवर फ्रंट भारत में विकसित पहला हेरिटेज रिवरफ्रंट है. इस रिवर फ्रंट के दोनों किनारों पर 26 घाटों का निर्माण करवाया गया है. इन घाटों को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया है. चंबल रिवर फ्रंट से चंबल नदी के किनारे बसी बस्तियों को बाढ़ से निजात मिलेगी साथ ही चंबल नदी में गिर रहे 14 गंदे नालों को ट्रेप कर नाले के पानी को एसटीपी से फ़िल्टर ट्रीटमेंट किया गया है. जिससे के चंबल के पानी का शुद्धिकरण भी होगा.

नेहरू की आंखों से देख सकेंगे रिवर फ्रंट

रिवर फ्रंट पर 120 मीटर की लंबाई में जवाहर घाट का निर्माण किया गया है. इस घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का फेस मास्क बनाया गया है. यह फेस मास्क 12 मीटर ऊंचा और 3 मीटर चौड़ा है. गनमेटल से यह फेस मास्क बनाया गया हैं. इसके पीछे की तरफ से लोग इस मास्क के अंदर जा सकेंगे, जो आंखों तक पहुंचेंगे और वहां से रिवरफ्रंट का नजारा देख सकेंगे.

विश्व की सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा रिवर फ्रंट के पश्चिमी जोन में सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा बनाई गई है.  नंदी की प्रतिमा की ऊंचाई 6.5 मीटर, लंबाई 10.5 और चौड़ाई 4.5 मीटर है. नंदी की प्रतिमा जोधपुर स्टोन से बनाई गई है. इस प्रतिमा के सामने वैदिक मंदिर हैं, जो पांच तत्वों को दर्शा रहे है.

विश्व की सबसे बड़ी घंटी, 15 मिनट में होगी कास्टिंग

चंबल रिवर फ्रंट के दोनों किनारों को बेहद आकर्षक बनाया गया है विश्व की सबसे बड़ी घंटी भी स्थापित होगी. इसकी खासियत हैं यह घंटी सिंगल पीस कास्टिंग की होगी. यानि कि इसे टुकड़ों में नहीं लगाया जाएगा बल्कि सिंगल पीस ही बनाया जाएगा. यह 30 फीट ऊंची और 28 फीट चौड़ी होगी. इसका वजन 72 टन है. अष्ट धातु से इसका निर्माण किया जा रहा है. जो सैकड़ों साल तक कायम रहेगी. इसकी चमक कभी काली नहीं पड़ेगी. दुनिया में चीन और रूस में ही ऐसी घंटियां है जिसमें से चीन की 6* 6 मीटर और रशिया की 6* 6.5 मीटर की है. 


यह रिकॉर्ड बनाएगा चंबल रिवर फ्रंट

चंबल रिवर फ्रंट देश का पहला हेरिटेज रिवरफ्रंट है, जहां विभिन्न शैलियां, अलग-अलग 26 घाट अलग-अलग थीम पर, बनाए गए हैं.

 भारत में संगमरमर की सबसे ऊंची मूर्ति चंबल माता की मूर्ति यही स्थापित की गई हैं.

 भारत का पहला एलईडी गार्डन चंबल रिवर फ्रंट पर.

 सबसे बड़ी नंदी की प्रतिमा भी रिवर फ्रंट का आकर्षण.

 सबसे बड़ी घंटी चंबल रिवर फ्रंट पर स्थापित.


सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति, बार्सिलोना फॉउंटेन शो

चंबल के पूर्वी किनारे पर रिवर फ्रंट पर सबसे बड़ी चंबल माता की मूर्ति स्थापित की जा रही है. यह प्रतिमा रिवर फ्रंट पर बैराज की तरफ बनाए गए बैराज गार्डन में बन रही है. वृंदावन गार्डन की तर्ज पर इस बैराज गार्डन को विकसित किया गया है. जहां 20 मीटर के पेडेस्टल पर 42 मीटर ऊंची चंबल माता की मूर्ति बनाई जा रही है. वियतनाम मार्बल से इसका निर्माण हो रहा है. यह भारत में संगमरमर की सबसे ऊंची मूर्ति होगी. साथ ही यही 40 मीटर व्यास का बार्सिलोना फाउंटेन की तर्ज पर फाउंटेन भी बनाया गया है, जहां लोग रंग बिरंगी रोशनी और म्यूजिक के साथ फाउंटेन शो देख सकेंगे. इसके अलावा 42 मीटर ऊंचे मुकुट महल में संग्रहालय बनाया जा रहा हैं.


देश का पहला एलईडी गार्डन, इनविजिबल स्ट्रक्चर चौंकाएगा

रिवरफ्रंट में योग घाट भी बनाया गया है, यहां योग की मुद्रा में एक स्ट्रकचर है, जो लोगों को अचंभित कर रहा है. यह इनविजिबल स्ट्रक्चर हैं. यानी कभी देखने पर ऐसा लगेगा कि यहां पर स्ट्रक्चर है तो कभी ऐसा लगेगा कि यहां कुछ नहीं है. इसे stainless-steel से बनाया गया है. इसके साथ ही यहां पर देश का पहला एलईडी गार्डन भी बनाया गया है. इस घाट पर जो गार्डन विकसित किया है,  यहां आने वाले लोगों को वास्तविक पेड़ पौधों पक्षियों की जगह एलईडी एलिमेंट दिखाई देंगे.

चंबल रिवर फ्रंट पर हर वर्ग के आकर्षण को विकसित किया गया है. राज्यपाल कलराज मिश्र , सीएम अशोक गहलोत भी निर्माणाधीन रिवरफ्रंट का बीते दिनों अवलोकन कर चुके हैं. उन्होंने भी चंबल रिवर फ्रंट की खुले दिल से सराहना की है. चंबल नदी के पश्चिमी किनारे पर रिवर फ्रंट पर गीता घाट बनाया गया है, जहां पर गनमेटल से लिखे श्लोक लिखे गए है. गीता के यह श्लोक आने वाले लोगों को ज्ञान का संदेश देंगे. वही मशाल घाट पर मसाले लगाई जा रही है. शौर्य चोक में योद्धाओं की प्रतिमा लगाई गई है.  राजस्थान जोन में राजस्थान के प्रसिद्ध भवनों की प्रतिरूप बनाए जा रहे हैं.

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