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This Article is From Feb 06, 2017

कमल के चित्र में रंग भरे; राजनीतिक अटकलों के 'रंग' चढ़े, नीतीश कुमार हंसे बिना न रह सके

कमल के चित्र में रंग भरे; राजनीतिक अटकलों के 'रंग' चढ़े, नीतीश कुमार हंसे बिना न रह सके
जदयू की बीजेपी से नजदीकी की नई अटकलों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हंस पड़े (फाइल फोटो).
नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बीजेपी से नजदीकी बढ़ने की अटकलें नित नए रंग में सामने आ रही हैं. छोटी-छोटी बातों के अर्थ निकालकर उन्हें जदयू और बीजेपी के बढ़ते रिश्तों से जोड़कर देखा जाता है. सोमवार को पटना में पत्रकारों से बात करते हुए ऐसा ही एक वाकया सामने आने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ठहाके लगाने पर मजबूर हो गए. उन्होंने कमल के एक चित्र में रंग क्या भर दिया, अटकलें तेज हो गईं जदयू-बीजेपी के संबंध प्रगाढ़ होने की.        

नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरा. इसके बाद राजनीतिक अटकलों (भाजपा और जदयू के एक बार फिर करीब आने) का बाजार गर्म हो गया. इसके बारे में बताए जाने पर नीतीश हंस पड़े. सोमवार को यहां पत्रकारों ने जब नीतीश द्वारा कमल में रंग भरने को लेकर सवाल किया तो, जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस बारे आप मुझसे क्यों पूछ रहे हैं? आपको इस बारे में पटना पुस्तक मेला के संयोजक से पूछना चाहिए. उन्होंने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मधुबनी चित्रकार बौआ देवी की उक्त चित्रकारी में मुझसे रंग भरने का अनुरोध किया था.’’

पटना के गांधी मैदान में चार फरवरी से शुरू हुए 23वें पुस्तक मेले के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ने पद्मश्री से सम्मानित बौआ देवी द्वारा चित्रित कमल के फूल के ऊपरी हिस्से में केसरिया रंग भरा तथा फूल के नीचे अपने हस्ताक्षर भी किए थे. नीतीश कुमार की पार्टी इस कमल प्रकरण के बाद भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर लगाई जा रही अटकलों को पहले ही फिजूल बता चुकी है. भाजपा के 17 साल सहयोगी रहे नीतीश कुमार ने जून 2013 में नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था. हाल के दिनों में नीतीश ने केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का समर्थन किया था और मोदी ने नीतीश के बिहार में शराबबंदी की प्रशंसा की थी.

लोकसंवाद के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस के दबाव में आकर उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से बाहर रहने संबंधी फैसले पर सवालों का सीधा जवाब देने से बचते हुए नीतीश ने कहा कि हम यहां बैठे हैं और बिहार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रहे हैं. उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन किसी प्रकार की सीधी टिप्पणी करने से बचते हुए नीतीश ने कहा कि इसे बिहार की तर्ज पर महागठबंधन नहीं कहा जा सकता. उत्तरप्रदेश में महागठबंधन तभी बन पाता जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हाथ मिलाती. यह पूछे जाने पर कि राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा उनके खिलाफ लगातार टिप्पणी की जा रही, नीतीश ने कहा कि इन पर जवाब जदयू कार्यालय देगा.
(इनपुट एजेंसी से)

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