गंभीर के कार्यकाल में भारत ने किस तरह गंवाए 8 टेस्ट और 3 श्रृंखला
दक्षिण अफ्रीका ने गुवाहाटी में भारत को 2-0 से हराकर टेस्ट श्रृंखला अपने नाम की जिससे मेजबान टीम को मुख्य कोच गौतम गंभीर के मार्गदर्शन में तीसरी टेस्ट श्रृंखला में हार का मुंह देखना पड़ा. इस तरह गंभीर का 16 महीने का सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा. इस दौरान भारत को घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से 0-3, ऑस्ट्रेलिया से उसकी सरजमीं पर 1-3 से और अब घरेलू मैदान पर दक्षिण अफ्रीका से 0-2 से हार मिली. इससे गंभीर का बतौर कोच टेस्ट कोचिंग रिकॉर्ड 19 मैच में सात जीत, 10 हार और दो ड्रॉ है जिसमें जीत का प्रतिशत महज 36.82 है. वह केवल डंकन फ्लेचर से आगे हैं जिनकी जीत का प्रतिशत 33.33 (39 टेस्ट में 13 जीत, 17 हार, 9 ड्रॉ) रहा है.
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आर अश्विन और रविंद्र जडेजा ने मिलकर दूसरी पारी में न्यूजीलैंड को 174 पर समेट दिया जिससे 147 रन का लक्ष्य आसान लग रहा था. ऋषभ पंत के 57 गेंद में 64 रन के बावजूद भारत पटेल (57 रन देकर छह विकेट) और फिलिप्स (42 रन देकर तीन विकेट) के सामने 121 रन पर ढेर हो गया.
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पर्थ में मिली 295 रन की जीत का जोश दूसरे दिन रात्रि टेस्ट में उतर गया. मिचेल स्टार्क (48 रन देकर छह विकेट) और ट्रेविस हेड (140) ने ऑस्ट्रेलिया को दबदबा बनाने में मदद की. दूसरी पारी में कप्तान पैट कमिंस (57 रन देकर पांच विकेट) ने भारत को समेट दिया और ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए मात्र 19 रन का लक्ष्य मिला जिसे उन्होंने बिना नुकसान के हासिल कर लिया.
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ब्रिस्बेन में खराब मौसम ने भारत को संभावित हार से बचाया था. इसके बाद अश्विन ने तीसरे टेस्ट के बाद संन्यास ले लिया. चौथे टेस्ट में स्टीव स्मिथ के 140 के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने लगभग 500 का स्कोर बनाया. पदार्पण करने वाले नीतीश कुमार रेड्डी के शतक के बावजूद भारत 100 से ज्यादा रन से पिछड़ गया. 340 के लक्ष्य का पीछा करते हुए केवल यशस्वी जायसवाल (208 गेंद पर 84 रन) थोड़ा टिके, लेकिन टीम 155 पर ढेर हो गई.
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देश के नए टेस्ट स्थल पर यह भारत की रन अंतर से लिहाज से अब तक की सबसे बड़ी हार रही. मार्को यानसन ने 48 रन देकर छह विकेट लिए। दक्षिण अफ्रीका 288 रन की बढ़त लेकर उतरा और भारत के सामने 549 का विशाल लक्ष्य रखा. भारत एक बार फिर हार्मर (37 रन देकर छह विकेट) के सामने जूझता रहा और 140 पर ढेर हो गया.