
Manu Bhakar creates history: पेरिस में जारी ओलंपिक खेलों के दूसरे दिन रविवार को शूटिंग में कांस्य पदक इतिहास रचने वाली भारतीय महिला शूटर मनु भाकर (Manu Bhakar creates history) ने कहा कि वह मैच के दौरान भगवद गीता के बारे में सोच रही थी. इसके पीछे की वजह बताते हुए भाकर ने यह भी कहा कि इस पदक का बहुत ही लंबे समय से इंतजार था. मैं इस उपलब्धि का बस जरिया भर हूं. और भारत और भी कई ज्यादा पदकों का हकदार है.जीत के बाद भाकर ने खुलासा करते हुए कहा कि मैच के दौरान मैं केवल भगवद गीता और अर्जुन के बारे में सोच रही थी क्योंकि मैच से पहले मैंने भगवद गीता पढ़ी थी. उन्होंने कहा कि सने मुझे तनाव के पलों में शांत रहने में मदद की.
“You focus on your KARMA, not on the outcome.”
— Awanish Sharan 🇮🇳 (@AwanishSharan) July 28, 2024
Well done #ManuBhakar 🇮🇳 pic.twitter.com/oZjW9s7qtS
भाकर ने कहा कि इस बार और ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने की ओर निहार रहे हैं. निजी रूप से कहूं , तो यह मेरे लिए अवास्तविक अहसास है. मैंने यह पदक जीतने के लिए बहुत ही ज्यादा प्रयास किए हैं. यहां तक कि आखिरी शॉट तक मैं पूरी ऊर्जा और जोश के साथ संघर्ष कर रही थी. इस बार यह कांस्य पदक है. हो सकता है कि अगली बार और बेहतर होगा. मैं वही कर रही थी, जो मुझे करना था. निश्चित रूप से टोक्यो के बाद मैं बहुत ज्यादा निराश थी और इससे उबरने में खासा लंबा समय लगा.
भाकर बोली कि जैसे ही क्वालीफिकेशन राउंड खत्म हुआ, तो मुझे नहीं पता था कि चीजें कैसे जा रही थीं. मनु ने दार्शनिक अंदाज में काह कि हमें कड़ा परिश्रम करना होता है और बाकी किस्मत और भगवान पर छोड़ देना होता है. मैं आगे भी वह सब करूंगी, जो मैं कर सकती हूं. फिलहाल जीत के बाद बहुत ही अच्छा महसूस हो रहा है. भाकर ने जीत के बाद अपने तमाम दोस्तों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद. मैं आज यहां खड़ी हूं, तो इसका श्रेय उन्हें जाता है. जब कभी भी मैं बहुत ज्यादा प्रयास करती हूं, तो आप सभी मेरा जीवन आसान बना देते हैं. मैं अपने प्रायोजक OGQ और अपने सभी कोचों का भी शुक्रिया अदा करती हूं.
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