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This Article is From Aug 11, 2024

Neeraj Chopra's Panipat House: आलीशान, शानदार कारें और बाइक, कुछ ऐसा है भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा के घर का पूरा नजारा

Neeraj Chopra House in Panipat: पेरिस ओलंपिक में भले ही भारतीय एथलीट गोल्ड मेडल हासिल नहीं कर पाए लेकिन नीरज ने सिल्वर मेडल जीतकर भी इतिहास रच दिया.

Neeraj Chopra's Panipat House: आलीशान, शानदार कारें और बाइक, कुछ ऐसा है भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा के घर का पूरा नजारा
Neeraj Chopra house pics viral

Neeraj Chopra's Panipat House Pics: पेरिस ओलंपक (Paris olympics 2024)  में भारत को जैवनिल थ्रो में सिल्वर मेडल दिलाने वाले नीरज चोपड़ा का घर बड़ा ही आलीशान है, बता दें कि भारत के 'गोल्डन बॉय' नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) का घर हरियाणा के पानीपत में हैं. पानीपत स्थित उनके घर में कई कारें हैं और साथ ही स्टाइलिश बाइक भी हैं. NDTV ने उनके घर का दौरा किया, NDTV ने जब पानीपत में नीरज के परिवार से संपर्क किया, तो हमें उनके आलीशान घर, उनकी शानदार कारों के संग्रह और उनके गोल्डन रिट्रीवर कुत्ते के नाम के पीछे ओलंपिक कनेक्शन की झलक मिली.  भारत के सबसे विनम्र खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले नीरज के पास कारों का एक बेहतरीन संग्रह है.  उनके पास कुछ हाई-एंड बाइक भी हैं.  यह भी पता चला कि नीरज के कुत्ते का नाम टोक्यो है, बता दें कि टोक्यो में नीरज ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था. ऐसे में नीरज ने अपने कुत्ते का नाम टोक्यो रखा है. 

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बता दें कि पेरिस ओलंपिक में भारत के नीरज ने जैवलिन थ्रो के फाइनल में 89.45 मीटर दूर भाला फेंककर सिल्वर मेडल अपने नाम किया था. वहीं, पाकिस्तान के अरशद नदीम ने  92.97 का थ्रो किया था और गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया था. पाकिस्तान को ओलंपिक में 1992 के बाद पहली बार कोई मेडल मिला है.

वही, भारत के नीरज भारतीय ओलंपिक के इतिहास के इकलौते एथलीट बन गए हैं जिसने नाम गोल्ड और सिल्वर मेडल हासिल करने का गौरव हासिल है. बता दें कि नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था. 

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Photo Credit: NDTV

90 मीटर का आंकड़ा छूना नीरज के अब एक बड़ा लक्ष्य है.  वह पेरिस में इस उपलब्धि हासिल नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने उम्मीद नहीं खोई है. नीरज ने इस बारे में कहा कि, मैंने अभी तक 90 मीटर का थ्रो हासिल नहीं किया है, लेकिन दूसरे प्रयास के दौरान मुझे लगा  था मैं इसे हासिल कर पाउंगा लेकिन ऐसा नही हुआ. वह दिन अरशद का था. . मुझे खुद पर भरोसा है, और मुझे पता है कि मैं किसी दिन उस मुकाम तक पहुंच जाऊंगा. अपना झंडा थामना और अपने देश के लिए मेडल जीतना एक अविश्वसनीय एहसास है. "

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