विज्ञापन
This Article is From Apr 12, 2016

राजस्थान : भरतपुर में बीजेपी विधायक की कथित टिप्पणियों से 'आहत' कुलपति ने दिया त्यागपत्र

राजस्थान : भरतपुर में बीजेपी विधायक की कथित टिप्पणियों से 'आहत' कुलपति ने दिया त्यागपत्र
जयपुर: भरतपुर के महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय के कुलपति ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि उन्होंने बीजेपी के विधायक द्वारा बोर्ड की प्रबंधन कमेटी की बैठक में उन पर की गई कथित टिप्पणियों से निराश और आहत होकर अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।

बीजेपी विधायक पर दबाव बनाने और बाधाएं डालने का आरोप
प्रबंधन कमेटी की बैठक बीती नौ अप्रैल को बुलाई गई थी, जिसमें बीजेपी विधायक विजय बंसल ने बिना बैठक के बिन्दुओं की मंजूरी के लिए आपातकालीन बैठक आहूत किए जाने पर आपत्ति की थी। उन्होंने विश्वविद्यालय में सहायक रजिस्ट्रार और उप रजिस्ट्रार के पदों पर चल रही नियुक्ति प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए थे। बताया जाता है कि विधायक सहायक रजिस्ट्रार और उप रजिस्ट्रार की नियुक्ति प्रक्रिया में दबाव डाल रहे थे और बाधाएं पैदा कर रहे थे।

कुलपति केडी स्वामी ने बताया कि दोनों पदों की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त में कराई गई थी और बीती 29 मार्च को पांच सदस्यीय एक कमेटी ने चुने गए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू किया था। बीते शनिवार को एक विशेष बैठक साक्षात्कार में चुने गए अभ्यर्थियों के नामों का खुलासा करने के लिए आहूत की गई थी। विधायक ने बैठक में इसका विरोध करते हुए लिफाफे को नहीं खोलने दिया। बैठक में तीन एजेंडा थे, लेकिन वह बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई।

आहत कुलपति ने राज्यपाल को भेजा त्यागपत्र
स्वामी ने कहा कि इस घटनाक्रम से आहत होने की वजह से उन्होंने त्यागपत्र दे दिया और कुलाधिपति और राज्यपाल कल्याण सिंह को अपना त्यागपत्र भेज दिया। कुलाधिपति और राज्यपाल कल्याण सिंह को भेजे त्यागपत्र में कुलपति ने त्यागपत्र निजी कारणों से देना बताया है। विश्वविद्यालय में 2013 में कुलपति की नियुक्ति की गई थी।

बीजेपी विधायक ने मामले की एसीबी से जांच की मांग की
दूसरी ओर, वधायक विजय बंसल ने कुलपति द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कुलपति ने पहले तो विशेष बैठक 5 अप्रैल को बुलाई थी, लेकिन तब विधानसभा सत्र जारी होने के कारण वह बैठक में मौजूद नहीं हो सकते थे, इसलिए उन्होंने तारीख आगे बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था।

बंसल ने कहा कि कुलपति ने तारीख बढ़ाने से मना कर दिया। तब बंसल ने ध्यानाकर्षण के जरिये मामले को विधानसभा में उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री से बैठक को आगे बढ़ाये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि फिर भी कुलपति ने यह कहते हुए 5 अप्रैल की बैठक को निरस्त नहीं किया कि वे राज्यपाल के अधीन हैं। बाद में राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद बैठक निरस्त की गई और गत शनिवार नौ अप्रैल को छुट्टी वाले दिन बैठक बुलाई गई।

'दाखिले की चयन प्रक्रिया पर उठाए थे सवाल'
बंसल के अनुसार, उन्होंने बैठक में चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाए और यह कोई दबाव नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति ने त्यागपत्र भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जांच के डर से दिया है। चयनित अभ्यर्थियों के नाम लिफाफे में बंद हैं और कुलपति ने लिफाफे को राज्यपाल को भेज दिया है। राजभवन के प्रवक्ता ने बताया कि कुलपति का त्यागपत्र स्वीकार कर लिया गया है और उसे सोमवार को राज्य सरकार के पास भेज दिया गया है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
राजस्थान, महाराजा सूरजमल ब्रज विश्वविद्यालय, बीजेपी, भरतपुर, कुलपति केडी स्वामी, विजय बंसल, Rajasthan, BJP, Bharatpur, VC K D Swami, Vijay Bansal
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com