रायपुर:
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव अब दूर नहीं हैं. वैसे तो तमाम राजनीतिक दल अपने-अपने चुनाव घोषणा पत्रों में वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह की चीज़ें मुफ्त देने के वादे करते हैं, लेकिन अब चुनाव से पहले भी तोहफे बांटे जाने लगे हैं. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने लोगों को फ्री मोबाइल बांटने की योजना की शुरुआत कर दी है. हालांकि करोड़ों के तोहफे में इस बात को नजरअंदाज कर दिया गया है कि छत्तीसगढ़ के बड़े भू-भाग में अब भी मोबाइल कन्टेक्टिविटी नहीं है. छत्तीसगढ़ के बालौद ज़िले के मुल्ले गांव में मोबाइल से बात करने किसी को पेड़ पर चढ़ना पड़ता है, तो किसी को घर की छत पर. वहां रहने वाली भगवती बाई कहती हैं, 'बहुत समस्या है हमारे गांव में, पेड़ पर चढ़ना पड़ता है, कभी इमरजेंसी में 108 को बुलाना है तो बहुत समस्या होती है.' वहीं योगराज का कहना है, 'जब हम लोगों को जरूरत होती है, तो टावर खोजना पड़ता है, कट कट कर आवाज आती है.'
इन सबके बीच रायपुर के स्टेडियम से मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संचार क्रांति योजना यानी स्काई का उद्घाटन किया. मंच पर अभिनेत्री कंगना रनौत भी मौजूद थीं. चुनाव से पहले सरकार 55 लाख महिलाओं और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन देगी. सरकार कह रही है वो छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ का सपना पूरा करेगी.
लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च करके सरकार 4499 रुपये वाला माइक्रोमैक्स भारत 2+ स्काई मोबाइल लोगों को देगी. इस मोबाइल को सरकार ने 2509.92 रुपये में खरीदा है. कॉलेज में पढ़ने वाली 18 साल से ऊपर की छात्राओं और 21 साल के ऊपर के छात्रों को माइक्रोमैक्स मोबाइल भारत 4 उपलब्ध दिया जाएगा. हालांकि करोड़ों खर्च करने से पहले मुख्यमंत्री इन आंकड़ों को देख लेते तो बेहतर होता. राज्य के 27 जिलों में, 7 में नेटवर्क बेहद ख़राब है.
बस्तर की 31 लाख 86000 आबादी में तो टेलिकॉम कवरेज 19.14 फीसद है. देश में मोबाइल इस्तेमाल का औसत 68 फीसद है, छत्तीसगढ़ में सिर्फ 29. छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन खुद कहते हैं, 'बीजापुर एक ऐसा जिला है जहां 9 फीसद कनेक्टिविटी है, सुकमा में दस से कम है, सरगुजा में भी नेटवर्क की कमी है, कोरिया, जशपुर, रायगढ़, राजनांदगांव काफी ऐसे इलाके हैं जहां नेटवर्क कम है. विपक्ष को लगता है, चुनावी साल में सरकार जनता के हाथ में झुनझुना पकड़ा कर वोट बटोरना चाहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा, 'ये बहुत बेसिक फोन है, एंड्रॉयड नहीं है. जहां नेटवर्क है ही नहीं ये फोन खिलौने के रूप में काम में आएगा.' वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अमित जोगी ने कहा, '90 में से 45 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां हाथ में मोबाइल आ जाएगा लेकिन जब टावर नहीं हैं तो वो बातचीत किससे करेंगे, किस प्रकार की क्रांति लाएंगे. ये चुनावी शिगूफा है हमने चुनाव आयोग से कहा है मोबाइल खरीदें, बांटे लेकिन चुनाव के बाद.' योजना के तहत जो स्मार्टफोन बांटे जाएंगे उनका छह महीने तक कोई बिल नहीं आएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए रिलायंस के जियो से करार किया है.
इन सबके बीच रायपुर के स्टेडियम से मुख्यमंत्री रमन सिंह ने संचार क्रांति योजना यानी स्काई का उद्घाटन किया. मंच पर अभिनेत्री कंगना रनौत भी मौजूद थीं. चुनाव से पहले सरकार 55 लाख महिलाओं और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन देगी. सरकार कह रही है वो छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘डिजिटल इंडिया’ का सपना पूरा करेगी.
लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च करके सरकार 4499 रुपये वाला माइक्रोमैक्स भारत 2+ स्काई मोबाइल लोगों को देगी. इस मोबाइल को सरकार ने 2509.92 रुपये में खरीदा है. कॉलेज में पढ़ने वाली 18 साल से ऊपर की छात्राओं और 21 साल के ऊपर के छात्रों को माइक्रोमैक्स मोबाइल भारत 4 उपलब्ध दिया जाएगा. हालांकि करोड़ों खर्च करने से पहले मुख्यमंत्री इन आंकड़ों को देख लेते तो बेहतर होता. राज्य के 27 जिलों में, 7 में नेटवर्क बेहद ख़राब है.
बस्तर की 31 लाख 86000 आबादी में तो टेलिकॉम कवरेज 19.14 फीसद है. देश में मोबाइल इस्तेमाल का औसत 68 फीसद है, छत्तीसगढ़ में सिर्फ 29. छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी के सीईओ एलेक्स पॉल मेनन खुद कहते हैं, 'बीजापुर एक ऐसा जिला है जहां 9 फीसद कनेक्टिविटी है, सुकमा में दस से कम है, सरगुजा में भी नेटवर्क की कमी है, कोरिया, जशपुर, रायगढ़, राजनांदगांव काफी ऐसे इलाके हैं जहां नेटवर्क कम है. विपक्ष को लगता है, चुनावी साल में सरकार जनता के हाथ में झुनझुना पकड़ा कर वोट बटोरना चाहती है.
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा, 'ये बहुत बेसिक फोन है, एंड्रॉयड नहीं है. जहां नेटवर्क है ही नहीं ये फोन खिलौने के रूप में काम में आएगा.' वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के अमित जोगी ने कहा, '90 में से 45 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां हाथ में मोबाइल आ जाएगा लेकिन जब टावर नहीं हैं तो वो बातचीत किससे करेंगे, किस प्रकार की क्रांति लाएंगे. ये चुनावी शिगूफा है हमने चुनाव आयोग से कहा है मोबाइल खरीदें, बांटे लेकिन चुनाव के बाद.' योजना के तहत जो स्मार्टफोन बांटे जाएंगे उनका छह महीने तक कोई बिल नहीं आएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए रिलायंस के जियो से करार किया है.
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