महिलाओं की सुरक्षा के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को संशोधित शक्ति विधेयक पेश हुआ, इसमें गैंगरेप के दोषियों को मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान है. गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने बुधवार को संशोधित शक्ति विधेयक पेश किया, इसमें यह प्रावधान है कि FIR दर्ज होने के 30 दिन के भीतर पुलिस को जांच पूरी करनी होगी. इलेक्ट्रॉनिक सबूत देने में विलंब करने पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को भी जेल होगी. विधेयक पर अभी चर्चा होना बाकी है. शक्ति बिल पर शिवसेना की नेता नीलम गोरहे ने कहा, ' कई नेताओं ने जो अच्छे सुझाव दिए थे उन्हें भी बिल का हिस्सा बनाया गया है. मंशा यही है कि दोषी को जल्द सजा मिले. एसिड अटैक और महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम भी इस कानून के तहत आएंगे.
गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील ने बताया कि इस कानून में एक प्रावधान ये भी है कि जो लोग फर्जी आरोप लगायेंगे उन पर भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. राज्य की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड ने कहा कि हमें उम्मीद है सभी दल इस कानून को पास करने में साथ देंगे. आंध्र प्रदेश के ‘दिशा अधिनियम' की तर्ज पर तैयार किये गए विधेयक को पिछले साल दिसंबर में शीतकालीन सत्र के दौरान पहली बार सदन के पटल पर रखा गया था. इसके बाद सरकार ने इसे संयुक्त समिति को भेज दिया था। मंत्री ने कहा कि संयुक्त समिति ने 13 बैठकें करने के बाद सुझाव पेश किए. मसौदा विधेयक में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध के लिए मौत की सजा का प्रावधान है.
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