यूपी के सीएम अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
लखनऊ:
देश की राजनीति को गर्माने वाले दादरी कांड के पीड़ितों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात करके कहा कि वे इस मामले में अब तक की गई कार्रवाई तथा आर्थिक सहायता से संतुष्ट हैं और वे अब इस प्रकरण में आगे कोई जांच नहीं चाहते।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सितम्बर में गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह के बाद भीड़ द्वारा घर में घुसकर कत्ल किए गए अखलाक के भाईयों, माता तथा अन्य परिजन ने मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अखलाक के परिजन ने राज्य सरकार द्वारा अब तक की गई कार्रवाई तथा परिवार को उपलब्ध कराई गई 45 लाख रुपये की सहायता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे इस मामले में आगे कोई जांच नहीं चाहते।
क्या था मामला
ज्ञातव्य है कि बिसाहड़ा गांव में सितंबर, 2015 के आखिरी हफ्ते में बकरीद के फौरन बाद गोमांस खाने की अफवाह से भड़की भीड़ ने अखलाक नामक व्यक्ति के घर में घुसकर उसे तथा उसके परिजन को मारापीटा था। इसमें अखलाक की मौत हो गई थी जबकि उसका बेटा गम्भीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना ने देश की राजनीति में खासी हलचल पैदा की थी, इसकी गूंज बिहार विधानसभा चुनाव तक में सुनाई दी थी।
सिपाही की मौत पर 20 लाख का मुआवजा
एक अन्य घटनाक्रम में बुलंदशहर में तैनात सिपाही अजमत की गत अक्तूबर में एक सरकारी अस्पताल में कथित रूप से गलत इंजेक्शन लगाए जाने से हुई मौत के मामले में उसके परिजन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। अखिलेश ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए 20 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि अजमत की मौत के मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सितम्बर में गौतमबुद्धनगर जिले के दादरी स्थित बिसाहड़ा गांव में गोमांस खाने की अफवाह के बाद भीड़ द्वारा घर में घुसकर कत्ल किए गए अखलाक के भाईयों, माता तथा अन्य परिजन ने मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अखलाक के परिजन ने राज्य सरकार द्वारा अब तक की गई कार्रवाई तथा परिवार को उपलब्ध कराई गई 45 लाख रुपये की सहायता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि अब वे इस मामले में आगे कोई जांच नहीं चाहते।
क्या था मामला
ज्ञातव्य है कि बिसाहड़ा गांव में सितंबर, 2015 के आखिरी हफ्ते में बकरीद के फौरन बाद गोमांस खाने की अफवाह से भड़की भीड़ ने अखलाक नामक व्यक्ति के घर में घुसकर उसे तथा उसके परिजन को मारापीटा था। इसमें अखलाक की मौत हो गई थी जबकि उसका बेटा गम्भीर रूप से घायल हो गया था। इस घटना ने देश की राजनीति में खासी हलचल पैदा की थी, इसकी गूंज बिहार विधानसभा चुनाव तक में सुनाई दी थी।
सिपाही की मौत पर 20 लाख का मुआवजा
एक अन्य घटनाक्रम में बुलंदशहर में तैनात सिपाही अजमत की गत अक्तूबर में एक सरकारी अस्पताल में कथित रूप से गलत इंजेक्शन लगाए जाने से हुई मौत के मामले में उसके परिजन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। अखिलेश ने उन्हें ढांढस बंधाते हुए 20 लाख रुपये की सहायता की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी एलान किया कि अजमत की मौत के मामले में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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