सपा-बसपा गठबंधन पर बोले योगी आदित्यनाथ, अब कायदे से 'निपटाने' में मदद मिलेगी

सपा-बसपा गठबंधन  (SP-BSP Alliance) पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'अच्छा हुआ दोनों दल एक हो गए.

सपा-बसपा गठबंधन पर बोले योगी आदित्यनाथ, अब कायदे से 'निपटाने' में मदद मिलेगी

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अच्छा हुआ दोनों दल एक हो गए.

खास बातें

  • सपा-बसपा गठबंधन पर योगी आदित्यनाथ ने दिया बयान
  • बोले, इस गठबंधन से प्रदेश की राजनीति पर कोई फर्क नहीं
  • कहा- क्यों नहीं दोनों दलों का एक में विलय कर देते हैं
नई दिल्ली :

सपा-बसपा गठबंधन  (SP-BSP Alliance) पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'अच्छा हुआ दोनों दल एक हो गए. इस गठबंधन से प्रदेश की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. अब बीजेपी को इन्हें ''कायदे'' से निपटाने में मदद मिलेगी. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘सपा-बसपा के गठबंधन का मतलब, भ्रष्टाचारी, जातिवादी मानसिकता वाले अराजक और गुंडों को सीधे-सीधे सत्ता देकर जनता को उसके भाग्य पर छोड़ देने जैसा है. मैं कह सकता हूं कि इस गठबंधन का प्रदेश की राजनीति पर कोई असर नहीं होने वाला है. अच्छा हुआ दोनों एक हो गये हैं. हमें मदद मिलेगी कायदे से इनको निपटाने के लिये.'. दिल्ली में आयोजित भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में महागठबंधन का बार-बार जिक्र किये जाने के औचित्य के बारे में योगी  (Yogi Adityanath) ने कहा, ‘गठबंधन कोई चुनौती नहीं है. मैं सपा मुखिया अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री के रूप में पिछली बार वह (सपा संस्थापक) मुलायम सिंह यादव को आगे कर रहे थे. वह स्पष्ट करें कि इस बार प्रधानमंत्री पद के लिये उनकी नजर में मुलायम हैं या बसपा प्रमुख मायावती.

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चुनाव के पहले नेता भी स्पष्ट होने चाहिये. नेतृत्वविहीन गठबंधन को जनता खारिज करेगी'.योगी आदित्यनाथ नेकहा कि, ‘सपा और बसपा अलग-अलग पार्टी क्यों हैं, दोनों का विलय कर दीजिये'. सीएम योगी ने कहा कि सपा और बसपा ने वर्ष 1993 से लेकर 1995 तक उत्तर प्रदेश में मिलकर सरकार चलायी. दूसरा, सपा और बसपा को प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार चलाने का अवसर भी मिला. उनकी कार्यपद्धति को सबने देखा. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले मायावती और अखिलेश यादव ने सपा-बसपा गठबंधन (SP-BSP Alliance) का औपचारिक ऐलान किया. इस ऐलान के मुताबिक, यूपी की 80 सीटों में 38-38 सीटों पर सपा और बसपा लड़ेगी. बसपा और सपा यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 38-38 पर चुनाव लड़ेंगी. कांग्रेस की परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली में महागठबंधन कोई उम्मीदवार नहीं उतारेगा.

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अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के अहंकार का विनाश करने के लिए सपा-बसपा का मिलना जरूरी था. मैंने कहा था कि इस गठबंधन के लिए अगर दो कदम पीछे भी हटना पड़ा तो हम करेंगे. आज से सपा का कार्यकर्ता यह गांठ बांध ले कि मायावती जी का अपमान मेरा अपमान होगा. हम समाजवादी हैं औऱ समाजवादियों की विशेषता होती है कि हम दुख और सुख के साथ होते हैं. बीजेपी हमारे बीच गलतफहमी पैदा कर सकती है. बीजेपी दंगा-फसाद भी करा सकती है लेकिन हमें संयम और धैर्य से काम लेना है. मैं मायावती जी के इस निर्णय का स्वागत करता हूं. (इनपुट- भाषा से भी)

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