राज बब्बर: सपा से बगावत करके डिंपल यादव को हराया था चुनाव, पढ़ें- सिनेमा से सियासत तक का सफर

राज बब्बर कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक हैं. राजनीति में आने से पहले वह फिल्मी दुनिया के मंझे हुए अभिनेता थे. वह तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं.

राज बब्बर: सपा से बगावत करके डिंपल यादव को हराया था चुनाव, पढ़ें- सिनेमा से सियासत तक का सफर

खास बातें

  • 1989 में जनता दल में शामिल होकर किया सियासी आगाज
  • 2006 में समाजवादी पार्टी ने किया निष्कासित
  • 2009 में मुलायम सिंह की बहू डिंपल यादव को हराया चुनाव
नई दिल्ली:

राज बब्बर कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक हैं. राजनीति में आने से पहले वह फिल्मी दुनिया के मंझे हुए अभिनेता थे. वह तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे हैं और दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे हैं. उन्हें सियासत का भी मंझा हुआ खिलाड़ी माना जाता है. राज बब्बर का जन्म यूपी के आगरा में 23 जून 1952 को हुआ था. उनकी शुरुआती पढ़ाई आगरा के फैज ए आम इंटर कॉलेज में हुई. बब्बर ने ग्रेजुएशन आगरा कॉलेज से पूरा किया और वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के भी छात्र रहे हैं. दिल्ली में एनएसडी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद बब्बर मुंबई चले गए और रीना रॉय के साथ उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. उन्हें असली पहचान इंसाफ का तराजू फिल्म से मिली.

बब्बर ने अपने करियर में कई फिल्में कीं. उन्होंने निकाह, आज की आवाज, किस्सा कुर्सी का, अगर तुम न होते, दलाल और याराना जैसी कई फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी का परिचय दिया. राजबब्बर ने नादिरा जहीर से शादी की. उनके दो बच्चे आर्या बब्बर और जूही बब्बर हैं. बाद में उन्होंने स्मिता पाटिल से शादी की. स्मिता और राजबब्बर के बेटे का नाम प्रतीक बब्बर है. 

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सिनेमा से कैसे सियासत में पहुंचे राजबब्बर

राजबब्बर ने सिनेमा के क्षेत्र में अपनी मजबूत छाप छोड़ी थी लेकिन उसके बावजूद उन्होंने सियासत में आने का फैसला किया और 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में जनता दल में शामिल हो गए. बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और तीन बार लोकसभा सांसद रहे. 1994 से 1999 के बीच वह राज्यसभा के सदस्य रहे. 2004 में वह लोकसभा सांसद बने लेकिन 2006 में उन्हें समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. 2008 में राजबब्बर ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 2009 में फिरोजाबाद से पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को चुनाव में हराकर सांसद बने. 

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2014 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा लेकिन वह बीजेपी के जनरल वीके सिंह से चुनाव हार गए. इसके बाद उन्हें यूपी कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. इस चुनाव में वह फतेहपुर सीकरी से मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं. राजबब्बर पहली बार सियासी तौर पर चर्चा में तब आए थे जब उन्होंने 2013 में कहा था कि मुंबई में एक आम आदमी 12 रुपए में भरपेट खाना खा सकता है. उन्होंने यह भी कहा था कि भारत का गरीब आदमी दो बार का खाना 28 और 32 रुपए में खा सकता है. हालांकि बाद में उन्होंने अपने इस बयान के लिए अफसोस जताया था. 2013 में उन्होंने तत्कालीन गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की तुलना एडोल्फ हिटलर से की थी. 

VIDEO: राजनीति में प्रियंका की एंट्री.

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