सुशील मोदी का बड़ा खुलासा- लालू यादव ने बिहार में BJP की सरकार बनाने के लिए की थी मदद की पेशकश

बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि राजद प्रमुख लालू यादव ने पेशकश की थी कि अगर चारा घोटाला मामले में सीबीआई नरमी बरते तो वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धूल चटाकर भाजपा की सरकार बनाने में मदद करेंगे.

सुशील मोदी का बड़ा खुलासा- लालू यादव ने बिहार में BJP की सरकार बनाने के लिए की थी मदद की पेशकश

चारा घोटला मामले में जेल की सजा काट रहे हैं लालू यादव.

पटना:

बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि राजद प्रमुख लालू यादव ने पेशकश की थी कि अगर चारा घोटाला मामले में सीबीआई नरमी बरते तो वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धूल चटाकर भाजपा की सरकार बनाने में मदद करेंगे. पटना में सुशील मोदी ने कहा कि लालू ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के पास अपने दूत के तौर पर पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता को दो बार भेजा था और बाद में गुप्ता के साथ जेटली से स्वयं भी मिले थे, पर उनकी पेशकश ठुकरा दी गई थी. सुशील ने कहा, 'मैं उन सटीक तारीखों को याद नहीं कर सकता, जिन पर लालू के दूत प्रेमचंद गुप्ता जेटली से मिले थे, लेकिन यह नवंबर 2014 के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हुआ, जिसमें उन्हें कुछ राहत प्रदान की गई और इससे पहले कि सीबीआई पांच महीने बाद अपील में जाती.' भाजपा नेता सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों का लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव और विपक्षी महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम)-सेक्युलर प्रमुख जीतन राम मांझी, जो सुशील द्वारा इंगित अवधि के दौरान मुख्यमंत्री रहे थे, ने खंडन किया है.

सुशील मोदी पर फिर तेजस्वी का हमला: देश के करोड़ों रुपये लूटकर भागने-भगाने वाले एक ही 'जात-बिरादरी' के

बता दें कि जून 2013 में भाजपा से नाता तोड़ने के बाद 2014 में संपन्न लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हुई पराजय की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उत्तराधिकारी के तौर पर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में उस समय जेडीयू के 100 से अधिक विधायक थे, जबकि भाजपा के पास लगभग 90 विधायक थे. फरवरी 2015 में जेडीयू द्वारा मांझी के स्थान पर नीतीश को मुख्यमंत्री के रूप चुने जाने पर मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और जेडीयू में अपने समर्थक नेताओं के साथ मिलकर हम-सेक्युलर नामक अपनी अलग पार्टी बना ली थी.

BLOG: मायावती के रंग समझना आसान नहीं, विपक्ष के लिए बढ़ गया है सिरदर्द...

दिलचस्प बात यह है कि लालू ने उस समय नीतीश का समर्थन किया था और मांझी पर केंद्र में भाजपा नीत राजग सरकार के हाथों में खेलने का आरोप लगाया था. साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय मांझी भाजपा नीत राजग गठबंधन में शामिल हो गए थे, पर मात्र एक सीट पर विजयी रहे थे. नीतीश ने महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस से नाता तोड़कर पिछले साल भाजपा के साथ मिलकर बिहार में राजग की नई सरकार बना ली थी. इसके कुछ ही महीने बाद मांझी राजग छोड़ महागठबंधन में शामिल हो गए.

राबड़ी देवी का बड़ा दावा: नीतीश महागठबंधन में वापस आकर 2020 में तेजस्वी को CM और खुद को PM बनवाना चाहते थे

मांझी ने कहा 'सुशील मोदी जो कह रहे हैं वह निराधार है. यह केंद्र में और बिहार में एनडीए सरकार की विफलताओं के लिए एक कवर-अप है, जहां नीतीश कुमार को नरेंद्र मोदी द्वारा भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए ब्लैकमेल किया गया था.' उन्होंने कहा 'मैंने नीतीश और लालू दोनों के साथ काम किया है. मैं अनुभव से कह सकता हूं कि लालू अपने विरोधियों से खुलकर लड़ते हैं. वह नीतीश की तरह नहीं हैं.' सुशील मोदी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी ने ट्वीट किया, 'सुशील मोदी हार देख बौखला गए हैं. मानसिक दिवालिएपन की पराकाष्ठा लांघकर कह रहे हैं कि लालूजी संघ से मिले हुए हैं. लालू जी वो हैं जिन्होंने संघियों की आंखों में उंगली डाल बिगड़ैल बलवाई संघियों की नाक में रस्सी पिरोई है.' तेजस्वी ने यह भी कहा, 'लालू जी ने संघ की घृणित नफरती राजनीति को बिहार में पांव पसारने नहीं दिया. आडवाणी जी को नकेल डाल उनकी उन्मादी यात्रा को रोका. 15 वर्ष में एक भी दंगा नहीं होने दिया.'

राबड़ी देवी ने किया खुलासा, प्रशांत किशोर लेकर आए थे ये ऑफर...

सुशील मोदी ने यह दावा ऐसे समय में किया है जब पिछले ही दिनों राजद प्रमुख लालू की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने दावा किया था कि भाजपा से मोहभंग हो जाने पर नीतीश ने अपने दूत प्रशांत किशोर के जरिए फिर से महागठबंधन में शामिल होने का असफल प्रयास किया था. मोदी ने कहा, 'मैं यह खुलासा सिर्फ लालू प्रसाद के चरित्र को रेखांकित करने के लिए कर रहा हूं, जो अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. वह अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार को धूल चटाने की पेशकश भी कर रहे थे और बाद में उनके साथ मिलकर महागठबंधन भी बनाया.' सुशील ने लालू पर आरोप लगाया 'लालू भाजपा-आरएसएस गठबंधन के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं, लेकिन वह कभी हमारी मदद लेने में हिचकते नहीं थे. 1970 के दशक में पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव जीतने में एबीवीपी की मदद हो या दो दशक बाद बिहार के मुख्यमंत्री बनने के लिए हो.' उन्होंने कहा, 'लोग इन चीजों को वैसे समय में जानना चाहते थे जब उनकी तरफ से बहुत कुछ कहा जा रहा है.'

राबड़ी देवी ने ट्वीट करके पीएम मोदी को कहा 'सबसे झूठा आदमी', लालू बोले- 'ई लोगन के दिन भर कौनो काम नइखे'

सुशील का इशारा तेजस्वी और उनकी मां राबड़ी देवी के उन हालिया दावों की ओर था जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि जुलाई 2017 में राजग में लौटने के बाद नीतीश का भाजपा से छह महीने के भीतर ही मोहभंग हो गया था और राजद के साथ तालमेल का असफल प्रयास करने के लिए उन्होंने अपने दूत प्रशांत किशोर को भेजा था.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

VIDEO: मानहानि पर सुशील मोदी vs तेजस्वी