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This Article is From May 10, 2019

Ajay Maken: परिवार से विरासत में मिले राजनीति के गुर, कॉलेज में पड़ी नींव, जानिए पूरा सियासी सफर

अजय माकन नई दिल्ली सीट से लोकसभा चुनाव 2019 लड़ रहे हैं. वे दो बार संसद सदस्य और तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं.

Ajay Maken: परिवार से विरासत में मिले राजनीति के गुर, कॉलेज में पड़ी नींव, जानिए पूरा सियासी सफर
अजय माकन 1985 में पहली बार दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे.

कांग्रेस पार्टी से दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके अजय माकन (Ajay Maken) इस बार नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections 2019) के मैदान में हैं. माकन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और वे केंद्र और राज्य स्तर पर भी कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले माकन दो बार संसद सदस्य और तीन बार दिल्ली विधानसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्होंने कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में कदम रख दिया था. 1985 में पहली बार दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए थे.  माकन को दिल्ली का तेजतर्रार नेता माना जाता है और उनका राजनीतिक करियर काफी प्रभावशाली रहा है. 

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अजय माकन (Ajay Maken) स्वतंत्रता सेनानियों और राजनेताओं के परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके परदादा जगत राम और दादा ओ पी माकन स्वतंत्रता सेनानी थे. अजय माकन (Ajay Maken) के चाचा सत्य प्रकाश माकन एक महानगरीय पार्षद थे, जिनकी 26 साल की कम उम्र में ही मृत्यु हो गई, जिससे उनके चाचा ललित माकन राजनीति में आ गए. ललित माकन बाद में एक लोकप्रिय ट्रेड यूनियन नेता और सांसद भी रहे.  अजय माकन के पिता का नाम सी पी माकन एक व्यवसायी हैं और मां का नाम संतोष माकन हैं. अजय माकन की पत्नी राधिका माकन हैं. इन दोनों का एक बेटा ओजस्वी और दो बेटियां आरुषि और अहाना हैं. 

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राजनीतिक सफर
माकन की शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हुई. इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से कैमेस्ट्री ऑनर्स किया. यहीं से उनके राजनीतिक करियर की नींव पड़ी, जब वे 1985 में पहली बार दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष चुने गए. 

1993 में अजय माकन ने राजौरी गार्डन से पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद वे 1998, 2003 में भी विधायक चुने गए. 1999 में अजय माकन को दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया. 2003 में 39 साल की उम्र में वह दिल्ली विधानसभा के सबसे कम उम्र के स्पीकर बने. 

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2004 में पहली बार चुनकर वे लोकसभा पहुंचे. केंद्र में कांग्रेस की सरकार रहते हुए माकन ने केंद्रीय युवा मामले और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), केंद्रीय गृह राज्य मंत्री, केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री का पद भी संभाला. 

2015 में अजय माकन (Ajay Maken) को दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अभियान समिति के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. इस चुनाव में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर माकन ने सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा लेकिन वे हार गए. आम आदमी पार्टी के सोमदत्त और बीजेपी (BJP) के प्रवीण कुमार जैन के बाद वे तीसरे नंबर पर रहे. इस हार के बाद माकन ने कांग्रेस महासचिव का पद भी छोड़ दिया था. अब लोकसभा चुनाव 2019 में वे एक बार फिर नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. 

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