
Children's Health: भारतीय घरों में दाल खूब पकाई जाती है और खाई जाती है. दालों में कमाल के पोषक तत्व, विटामिन और खनिज होते हैं. विटामिन ए, सी, के और ओमेगा फैटी एसिड्स के साथ ही दालें फॉस्फोरस, आयरन, कॉपर और कैल्शिमय जैसे खनिजों से भरपूर होती है और प्रोटीन के मुख्य स्त्रोतों में गिनी जाती है. ऐसे में बच्चे की सेहत दुरुस्त रखने के लिए उनके खानपान में दालों (Pulses) को शामिल करना बेहद जरूरी होता है. अब दालें तो कई हैं, जैसे मूंग की दाल, उड़द दाल, अरहर, मसूर दाल और चने की दाल, लेकिन बच्चों की सेहत के लिए कौनसी दाल (Dal) सबसे अच्छी है यह जानना जरूरी है. पीडियाट्रिशियन डॉ. पार्थ सोनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने बताया कि बच्चों को किस उम्र में कौनसी दाल खिलानी चाहिए और उनकी सेहत को किन दालों से फायदा मिलता है.
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बच्चे को किस उम्र में कौनसी दाल खिलानी चाहिए
चना दाल किन बच्चों को खिलाएंबच्चों को चना दाल खिलाई जा सकती है. यह दाल फाइबर से भरपूर होती है. इसमें फाइटेट भी होता है. इससे बच्चों में गैस हो सकती है इसीलिए एक साल का हो जाने के बाद बच्चे को यह दाल खिलाएं. हफ्ते में एक बार यह दाल बच्चों को खिलाई जा सकती है. जिन बच्चों की उम्र 2 साल से ज्यादा है उन्हें यह दाल अच्छे से प्रेशर कुकर में पकाकर खिला सकते हैं. इस दाल में आयरन, फॉलिक एसिड और फॉस्फोरस अत्यधिक मात्रा में होते हैं, इसीलिए यह इम्यूनिटी और बोन हेल्थ के लिए अच्छी है. 2 साल से बड़े बच्चों को हफ्ते में 2 बार यह दाल खिलाई जा सकती है.
मसूल दाल बच्चों के लिए अच्छी है या नहीं2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए मसूर दाल (Masoor Dal) बेहद अच्छी है क्योंकि यह बेहद सॉफ्ट होती है और आसानी से पक जाती है. इसमें आयरन और फॉलिक एसिड भी बहुत ज्यादा होते हैं. 7 महीने का हो जाने के बाद बच्चे को हफ्ते में एक या दो बार यह दाल खिलाई जा सकती है. 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों के लिए भी यह दाल अच्छी है लेकिन यह उनके लिए कम सेटिस्फाइंग होती है, एसिडिक कंटेंट ज्यादा होने के चलते इन बच्चों को भी हफ्ते में एक या दो बार ही मसूर की दाल खिलानी चाहिए.
तूर दाल के क्या फायदे हैंतूर की दाल में बहुत ज्यादा ऑलिगोसेगेराइट्स होते हैं जिस चलते इसे पचाना मुश्किल होता है. यह दाल खाने पर पेट में गैस भी ज्यादा होती है. इसलिए 9 महीने की उम्र के बाद हफ्ते में एक बार बच्चे को तूर दाल खिलाई जा सकती है. 2 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे तूर दाल (Toor Dal) को ज्यादा अच्छे से पचा सकते हैं. इस दाल में कैलोरी, प्रोटीन और कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं और आयरन, पौटेशियम और फॉलिक एसिड ज्यादा होने की वजह से यह ब्लड और इम्यूनिटी के लिए भी बहुत अच्छी होती है. इसीलिए 2 साल से बड़े बच्चों को हफ्ते में 2 से 3 बार तूर दाल खिलाई जा सकती है.
मूंग दाल किस उम्र के बच्चों को खिलाएंमूंग की दाल (Moong Dal) को किंग ऑफ दाल कहा जाता है. यह बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है और इसीलिए इसे बच्चों के लिए नंबर वन दाल कहा जा सकता है. इस दाल को पचाना आसान होता है, इसका टेक्सचर भी स्मूद होता है और इसे पकने में भी ज्यादा समय नहीं लगता है. 6 महीने का हो जाने के बाद बच्चों को हफ्ते में 3 से 4 बार यह दाल खिलाई जा सकती है. मूंग की दाल में प्रोटीन सबसे ज्यादा होता है. इसमें आयरन, फॉलिक एसिड और पौटेशियम भी बहुत ज्यादा है. इससे शरीर को बी कॉम्प्लेक्स विटामन भी मिलते हैं. इतने सारे न्यूट्रिशन और आसानी से पच जाने की क्षमता के कारण ही इस दाल को नंबर वन दाल कहा जाता है.
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