
Parenting Advice: बच्चे की परवरिश में माता-पिता को बहुत सी बातों का ध्यान रखना पड़ता है. पैरैंट्स की यूं तो हमेशा यही कोशिश रहती है कि वे कुछ ऐसा ना करें या बच्चे से कुछ ऐसा ना कह दें जिससे बच्चे को परेशानी हो. लेकिन, पैरेंट्स अक्सर ही बच्चे से ऐसी बहुत सी बातें बोल देते हैं जो बच्चे के मन-मस्तिष्क पर चोट करती है और बच्चे को चोट पहुंचाती है. गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. मोनिका सिंह का कहना है कि ऐसी 3 बातें हैं जो माता-पिता (Parents) को अपने बच्चे से कभी नहीं कहनी चाहिए. यहां जानिए कहीं आप भी तो बच्चों को गलती से नहीं बोल देते ये बातें.
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बच्चों से कभी नहीं कहनी चाहिए ये 3 बातें | 3 Things You Should Never Say To Your Child
"तुम किसी काम के नहीं हो"डॉक्टर का कहना है कि बच्चे से यह कहना कि तुम किसी काम के नहीं हो या फिर 'यू आर गुड फॉर नथिंग' ऐसा वाक्य है जो बच्चे को अंदर तक तोड़ देता है. बच्चे का कोंफिडेंस पूरी तरह से खत्म हो जाता है. वह खुद को कमतर समझने लगता है. बच्चा चाहे कितना ही बड़ा हो जाए लेकिन अपने माता-पिता की नजर में हमेशा ऊपर ही रहना चाहता है. लेकिन, अगर माता-पिता ही उससे ऐसी बातें कह देते हैं तो वह खुद से भी नजरें नहीं मिला पाता है. बच्चा माता-पिता की हर बात को गांठ बांध लेता है. ऐसे में पैरेंट्स से यह सुनना कि तुम किसी काम के नहीं हो उसके मन-मस्तिष्क पर गहरा असर छोड़ता है.
"मैं तुमसे प्यार नहीं करता"कभी भी यहां तक कि गुस्से में भी बच्चे से यह नहीं कहना चाहिए कि मैं तुमसे प्यार नहीं करता. बच्चों को इससे तकलीफ पहुंचती है. यह एक ऐसा वाक्य है जो किसी का भी दिल तोड़ सकता है और यह तो आपका ही बच्चा है. बच्चों को बाहरी दुनिया के प्यार से ज्यादा अपने पैरेंट्स का प्यार (Parent's Love) चाहिए होता है. चाहे दुनिया का कोई व्यक्ति उससे प्यार ना करे लेकिन उसे यह पता होता है कि उसके पैरेंट्स उससे प्यार करते हैं. लेकिन, अगर पैरेंट्स ही उसे यह कह देंगे कि वे उससे प्यार नहीं करते हैं तो बच्चे के लिए इस बात को भूल पाना मुश्किल हो जाता है. उसका दर्द गहराने लगता है.
"तू ये जिंदगी में कभी कर ही नहीं सकता"डॉक्टर का कहना है कि आपको जिंदगी में कभी भी बच्चे से यह नहीं कहना चाहिए कि तू यह जिंदगी में भी नहीं कर सकता है. ऐसा कहकर आप बच्चे के पंख काट देते हैं. उसका पूरा का पूरा कोंफिडेंस (Confidence) टूट जाएगा. अगर दुनिया भी उसके खिलाफ हो और उसे बताए कि वह किसी काम में अच्छा नहीं है, लेकिन अगर पैरेंट्स उसके साथ हैं, उसपर भरोसा करते हैं तो बच्चा हर मुश्किल से लड़ने की क्षमता खुद में ले आता है. ऐसे में पैरेंट्स का बच्चे की काबिलियत को नकार देना और यह कह देना कि वह कुछ नहीं कर सकता, बच्चे को आहत करता है.
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