
What are green crackers: दिवाली रोशनी, खुशियों और उत्साह का त्योहार है. लेकिन हर साल दिवाली पर पटाखों के कारण प्रदूषण बढ़ जाता है, जो हमारे वातावरण और स्वास्थ्य दोनों पर बुरा असर डालता है. इन बीच ग्रीन पटाखे चर्चा में हैं. दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली में पटाखे बैन हैं. साल 2017 में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिवाली पर पटाखे चलाने पर प्रतिबंध लगाया था. अब, भाजपा सरकार इसके लिए AAP सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है. BJP कहना है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए पूर्व की सरकार अगर पहले ही ठोस कदम उठाती, तो पटाखों पर प्रतिबंध की स्थिति नहीं आती. इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Delhi CM Rekha Gupta) दिवाली पर ग्रीन पटाखों से प्रतिबंध हटवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगीं. आइए जानते हैं कि आखिर ग्रीन पटाखे क्या होते हैं और आप इनकी पहचान कैसे कर सकते हैं.
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क्या होते हैं ग्रीन पटाखे?
ग्रीन पटाखों की खोज सीएसआईआर-नीरी (National Environmental Engineering Research Institute) ने की थी. ये पटाखे सामान्य पटाखों की तुलना में बहुत कम धुआं और आवाज करते हैं. जहां सामान्य पटाखे 160 डेसीबल तक शोर करते हैं, वहीं ग्रीन पटाखों की आवाज 110 से 125 डेसीबल तक ही होती है. यानी आम पटाखों की तुलना में ग्रीन पटाखों से वायु और नोइस, दोनों पोल्युशन कम होते हैं.
इन पटाखों की खासियत यह है कि इनमें एलुमिनियम, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे हानिकारक केमिकल्स या तो बहुत कम मात्रा में होते हैं या बिल्कुल नहीं होते. साथ ही इनमें डस्ट रिप्रेजेंट मिलाया जाता है, जिससे फूटने के बाद ये आसपास की धूल को सोख लेते हैं. मतलब ये पटाखे हवा को थोड़ा साफ रखने में भी मदद करते हैं.
ग्रीन पटाखे मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं-स्वास (SWAS): इनसे बहुत ही बारीक पानी की बूंदें निकलती हैं, जो धूल को सोख लेती हैं.
सफल (SAFAL): इनमें सुरक्षित मात्रा में एलुमिनियम होता है और ये कम आवाज करते हैं.
स्टार (STAR): इनमें पोटेशियम नाइट्रेट या सल्फर नहीं होता, इसलिए ये बहुत कम धुआं फैलाते हैं.
बाजार में नकली ग्रीन पटाखे भी मिल सकते हैं, इसलिए खरीदते समय सावधानी जरूरी है. इसके लिए हमेशा लाइसेंस प्राप्त दुकान से ही पटाखे खरीदें. असली ग्रीन पटाखों के बॉक्स पर क्यूआर कोड होता है, जिसे आप 'NEERI' ऐप से स्कैन कर सकते हैं. स्कैन करने पर आपको पता चल जाएगा कि पटाखा असली है या नहीं.
इस तरह इस बार दिवाली पर खुशियां मनाएं, लेकिन वातावरण का ध्यान रखते हुए. ग्रीन पटाखे न सिर्फ प्रदूषण को कम करते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए साफ हवा और बेहतर स्वास्थ्य का संदेश भी देते हैं.
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