
Healthy Tips: शरीर का ऊपरी हिस्सा कई कारणों से दर्द कर सकता है. लेकिन, कम उम्र में लगातार दर्द बने रहना खतरे की घंटी हो सकती है. असल में शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द (Upper Limb Pain) होना, नंबनेस (Numbness) यानी सुन्न महसूस होना, झनझनाहट होना या फिर बर्निंग सनसेशन फील होना अन्य स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के चलते हो सकता है या फिर लाइफस्टाइल की बुरी आदतें इसकी वजह हो सकती हैं. इसी बारे में बता रहे हैं AIIMS में बतौर न्यूरोसर्जन काम कर चुके डॉक्टर अरुण एल नायक. डॉक्टर ने बताया कि किन वजहों से यह दिक्कत हो सकती है और किस तरह इनसे छुटकारा पाया जा सकता है.
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शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द की वजह | Causes Of Pain In Upper Body
डॉक्टर ने बताया कि शरीर के ऊपरी हिस्से खासतौर से हाथों में होने वाले दर्द, झनझनाहट, सुन्न पड़ने और बर्निंग सनसेशन होने की दिक्कत को ब्रैकियलजिया कहते हैं.
- यह दिक्कत सर्वाइकल डिस्क हर्निएशन के कारण हो सकती है. खासतौर से युवाओं को यह दिक्कत हो सकती है.
- सर्वाइकल स्पॉनडेलॉसिस भी इसका कारण हो सकता है. यह उम्र बढ़ने पर होनी वाली दिक्कत है जो गर्दन पर पहले होती है.
- थोरासिक आउलेट सिंड्रोम में नसे थोरासिक इनलेट यानी गर्दन के पास खिंच सकती है जिससे दर्द होता है.
- बाइक से गिरने या फिर स्ट्रेच इंजरी की वजह से बोराकियल प्लेक्सेस हो सकता है.
- इस दर्द और दिक्कत का कारण फ्रोजन शॉल्डर (Frozen Shoulder) भी हो सकता है. खासतौर से डायबिटीज के मरीजों को यह हो सकता है.
- युवा लड़कों में रोटेटर कफ टियर की वजह से यह दिक्कत हो सकती है. इसमें कंधे में दर्द होने लगता है. खासकर जब वेट लिफ्टिंग की जाती है या फिर सोते हैं तो दर्द महसूस होता है.
- कार्पल टनल सिंड्रोम जोकि महिलाओं को ज्यादा होता है. इससे हाथ के अंगूठे और उंगलियों में नंबनेस होने लगती है.
- क्यूबाइटल टनल सिंड्रोम में रिंग फिंगर और सबसे छोटी उंगली में झनझनाहट महसूस होती है.
- पेरिफेरल न्यूरोपैथी जिसमें पैर पर बर्निंग सनसेशन महसूस होती है. यह दिक्कत डायबिटीज के मरीजों को और शराब पीने वालों को ज्यादा होती है.
- दिल में रेफर्ड पेन होने पर भी शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द रहने लगता है. खासतौर से शरीर की बाईं ओर यह दर्द होता है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
इस स्थिति में क्या करना चाहिए
- डॉक्टर का कहना है कि खुद को पेनकिलर्स खाकर सेल्फ ट्रीट करने की कोशिश ना करें बल्कि डॉक्टर की सलाह लें.
- क्लिनिकल एग्जाम नर्व टेस्ट करवाएं.
- फिजियोथेरैपी से आराम मिल सकता है.
- पोश्चर को सही करना जरूरी है. इससे नर्व्स की दिक्कतें दूर रहती हैं.
- ब्रैकियलजिया बीमारी नहीं बल्कि लक्षण है और इसकी जड़ वाली दिक्कतें दूर करना जरूरी है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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