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थ्रेडिंग के चक्कर में काटने पड़ सकते हैं अस्पताल के चक्कर, ब्यूटी पार्लर जाती हैं तो कभी ना करें यह गलती

Threading Side Effects: पार्लर से जाकर हम बिना देखे ही थ्रेडिंग करवा लेते हैं. लेकिन, सही तरह से और सही जगह से थ्रेडिंग ना करवाई जाए तो इससे स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी हो सकती हैं.

थ्रेडिंग के चक्कर में काटने पड़ सकते हैं अस्पताल के चक्कर, ब्यूटी पार्लर जाती हैं तो कभी ना करें यह गलती
Threading And Health Problems: थ्रेडिंग में हुई एक गलती आपको बीमार भी कर सकती है. 

Threading Effects: लड़कियां हर महीने थ्रेडिंग करवाती हैं और आइब्रो बनवाती हैं. अक्सर ही थ्रेडिंग (Threading) कहां बनवाई जा रही है और किससे बनवाई जा रही है इसपर कम ही ध्यान दिया जाता है बस शर्त यह है कि आइब्रो की शेप अच्छी नजर आनी चाहिए. वहीं, लड़कियां तो अक्सर पार्लर ही बदलती रहती हैं. थ्रेडिंग को लेकर अक्सर सोचा जाता है कि अगर कुछ गड़बड़ होती भी है तो ज्यादा से ज्यादा यह होगा कि आइब्रो की शेप बिगड़ गई है या फिर कट्स वगैरह लग गए हैं. लेकिन, थ्रेडिंग सही तरह से और सही जगह से ना कराने का खामियाजा इससे भी बड़ा हो सकता है. डॉ. अदितजी धमीजा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे बता रहे हैं कि थ्रेडिंग में हुई एक गलती स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों की वजह बन सकती है. 

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थ्रेडिंग कराते समय कभी ना करें यह गलती 

डॉक्टर ने अपने वीडियो में बताया कि एक 28 साल की युवती को कमजोरी, जी मितलाना और आंखों के पीला पड़ने के बाद जब अस्पताल लेकर जाया गया तो पता चला कि यह पार्लर में हुई एक गलती के चलते हुआ है. ब्लड टेस्ट में पता चला कि यह दिक्कत थ्रेडिंग की वजह से हुई है. डॉक्टर ने बताया कि कुछ पार्लर में थ्रेडिंग वाले धागे को रीयूज किया जाता है यानी एक ही धागे का इस्तेमाल बार-बार किया जाता है. बिना किसी सैनिटेशन की वजह से इसमें माइक्रो कट्स जो लगते हैं उसकी वजह से ब्लड बॉर्न डिजीजेस जैसे कि हैपेटाइटिस बी, हैपेटाइटिस सी और HIV तक ट्रांसफर हो सकता है. इन बीमारियों के लक्षण तुरंत नजर नहीं आते हैं और जबतक नजर आते हैं तबतक बहुत ज्यादा डैमेज हो चुका होता है. ऐसे में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. 

इसीलिए पार्लर में थ्रेडिंग करवाने से पहले यह देखना जरूरी है कि नया थ्रेड यूज हो रहा है या नहीं. हमेशा नया थ्रेड इस्तेमाल करने के लिए कहें, ऐसे पार्लर (Beauty Parlour) में बिल्कुल ना जाएं जहां पर बेसिक हाइजीन मेंटेन नहीं किया जाता है और जब भी चक्कर आना महसूस हो, जी मितलाने लगे या फिर आंखें पीली पड़ जाएं तो तुरंत ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए. 

इन बातों का रखें ध्यान 

  • ऐसे पार्लर चुनें जहां पर साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाता है. 
  • जिन टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है वह हर कस्टमर पर बिना सैनिटाइज किए या बिना साफ किए इस्तेमाल तो नहीं हो रहे हैं, यह देख लें. 
  • यह देखें कि पार्लर के स्टाफ ने अपने हाथ सैनिटाइज किए हैं या नहीं. 
  • जिन कपड़ों पर आपको लेटाया जा रहा है या जो कपड़े आपको पहनने के लिए दिए जा रहे हैं वो साफ हैं या नहीं यह भी देखें. 
  • अगर आप बीमार हैं या फिर पार्लर स्टाफ बीमार है तो अपनी अपोइंटमेंट आगे बढ़ा दें. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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