Parenting Tips: आजकल बच्चे चलना बाद में सीखते हैं और फोन चलाना पहले. फोन में गाने कैसे चलाने हैं, वीडियो कैसे लगाना है या कहां नाचते-गाते लोगों की रील्स देखनी है यह भी बच्चे छोटी उम्र में ही बखूबी सीख जाते हैं. पहले तो लगता है कि वाह, हमारे बच्चे ने टेक्नोलॉजी में इस कच्ची उम्र में ही पक्की पकड़ बना ली है, लेकिन मुश्किलें तब शुरू होती हैं जब बच्चा हर वक्त मोबाइल (Mobile) से ही चिपके रहना चाहता है और जब उसे मोबाइल बंद करने को कहा जाता है या उससे छीना जाता है तो उसका रोना-बिलखना शुरू हो जाता है. आपके घर का भी यही हाल है और आपके बच्चे को भी मोबाइल एडिक्शन (Mobile Addiction) हो गया है तो यहां दिए कुछ टिप्स आपके बेहद काम आ सकते हैं. इनकी मदद से आपको बच्चे की यह बुरी आदत छुड़वाने में मदद मिलेगी.
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किस तरह छुड़वाएं बच्चे का मोबाइल एडिक्शन | How To Break Kid's Mobile Addiction
स्क्रीन टाइम करें सीमित
बच्चों को बहलाने के लिए कुछ देर के लिए फोन पकड़ाया जा सकता है. वहीं, स्कूल के कामों में भी आजकल बच्चों को फोन इस्तेमाल करन की जरूरत होती है. ऐसे में पूरी तरह से उन्हें फोन से दूर नहीं रखा जा सकता. इसीलिए यह जरूरी है कि आप बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम (Screen Time) को सीमित कर दें. बच्चों को कुछ देर के लिए ही फोन पकड़ाएं और उसके बाद उन्हें फोन इस्तेमाल ना करने दें. इससे उन्हें हर समय फोन में लगे रहने की आदत हटने लगेगी. खासकर 2 से 5 वर्ष तक की उम्र की बच्चों का स्क्रीन टाइम प्रतिदिन 1 घंटे से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
घर में जब हम फोन का इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर सी बात है यह नहीं देखते कि किस जगह पर फोन का इस्तेमाल करना है और किस तरह नहीं. घर के किसी भी कोने में हम फोन लेकर बैठ जाते हैं. लेकिन, बच्चों को इस चीज की आदत ना डालें. खाने की टेबल पर, स्टडी टेबल पर या फिर बेड पर मोबाइल का इस्तेमाल ना करने दें. इससे उन्हें हर समय मोबाइल पर लगे रहने की बुरी आदत (Bad Habit) लगती है.
अगर आप बच्चे के एक बार जिद्द करने पर उसके हाथ में फोन पकड़ा देंगे तो हर बार ही उसे लगेगा कि रूठने पर उसे फोन मिल जाएगा. इससे ना सिर्फ फोन एडिक्शन बढ़ेगा बल्कि उसके गुस्सा होने की आदत और जिद्द भी बढ़ने लगेगी.
मोबाइल से लंबा ब्रेक
जरूरी नहीं है कि हर दिन ही मोबाइल में लगना जरूरी है. एक या दो दिनों के लिए मोबाइल से ब्रेक भी लिया जा सकता है. बच्चों में इससे सब्र भी आएगा. आप इस वक्त पर उन्हें बाहर खेलने कूदने या किसी और एक्टिविटी में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
यह चाहे सुनने में बहुत ही ज्यादा कही जाने वाली बात लगें लेकिन सच यही है कि बच्चे माता-पिता (Parents) को जो कुछ करते देखते हैं वो सीखते भी हैं. अगर आप खुद ही हर समय मोबाइल में लगे रहेंगे, हर एक नॉटिफिकेशन पर मोबाइल (Phone) चेक करते रहेंगे, हर दूसरे पर तस्वीरें और वीडियो लेते रहेंगे तो बच्चे ये चीजें सीखेंगे ही. इसीलिए जरूरी है कि आपकी भी मोबाइल से दूर रहने की आदत बने.
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