Parenting Tips: 13 से 19 साल की उम्र बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है. इस दौरान बच्चे अपने बचपन से युवावस्था की ओर कदम बढ़ाते हैं. इस समय उनमें शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कई सारे बदलाव भी देखने को मिलते हैं. इसी के साथ माता-पिता के लिए भी ये समय काफी ज्यादा जरूरी होता है. अगर बच्चों को इस समय सही परवरिश या सही दिशा न मिले तो बच्चे गलत राह पर जाकर अपना भविष्य खराब कर सकते हैं. अधिकतर देखा जाता है कि इस दौरान बच्चे अपने माता-पिता से दूरी बनाते हैं या फिर उनसे कुछ भी बात करने से कतराते हैं. ऐसे में अगर आप बच्चे के पिता हैं और आप चाहते हैं कि बच्चा सही राह पर चले और उसे सही मार्गदर्शन मिले तो ये आर्टिकल आपके लिए ही है. आज हम आपको ऐसी 4 महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं जिनका पालन पिता को जरूर करना चाहिए, वरना भविष्य में पछतावा भी हो सकता है. इससे बच्चों के साथ रिश्ता तो मजबूत होगा ही साथ में वे सफल और जिम्मेदार इंसान भी बनेंगे.
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13 से 19 साल की उम्र में बच्चों के अंदर काफी बदलाव आते हैं. आमतौर पर बच्चे इस दौरान थोड़ा चिड़चिड़ापन दिखाते हैं. इसके कारण कई बार वे अपनी मम्मी से ही लड़ जाते हैं. कई बार बच्चे इतनी बदतमीजी से बात करते हैं कि उन्हें अंदाजा भी नहीं होता है. ऐसे में पिता का कर्तव्य ये बनता है कि वे अपने बच्चे को शांति से समझाएं और सही-गलत के बार में बताएं.
2. बच्चे की मां को गलत न ठहराएंकई बार पिता बच्चों के सामने ही उनकी माता से लड़ने लगते हैं और उन्हें गलत ठहराते रहते हैं. यह व्यवहार बच्चों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है. इससे वे खुद को इमोशनली इनसिक्योर महसूस कर सकते हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चों से अलग बैठकर अपने मतभेदों को शांति से सुलझाना चाहिए.
3. परिवार के नियम और बाउंड्री समझाना13 से 19 साल के बच्चों के पिता को उन्हें परिवार के नियम और बाउंड्री को जरूर समझाना चाहिए. इससे बच्चे के लिए ये समझ पाना काफी आसान हो जाएगा कि उसके लिए क्या करना सही है और क्या गलत. साथ ही बच्चे की हर तरह की कन्फ्यूजन भी दूर हो जाएगी.
4. सोच-समझकर बोलें और व्यवहार करेंहर कोई जानता है कि बच्चों के लिए माता-पिता ही उनके पहले रोल मोडल होते हैं. साथ ही बच्चे गीली मिट्टी की तरह होते हैं, जैसा वे देखते हैं वैसा ही सीखते भी हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चों के सामने कुछ भी गलत बोलने या फिर गलत व्यवहार करने से पहले जरूर सोचना-समझना चाहिए. इससे बच्चा गलत आदतें भी सीख सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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