
Skipping Advantages: अक्सर लोग उम्र बढ़ने के साथ अपनी फिटनेस रूटीन छोड़ देते हैं, लेकिन अगर आपको लगता है कि 60 के बाद एक्सरसाइज मुश्किल है, तो आपको मिलिंद सोमन की मां को देखना चाहिए. हाल ही में एक्टर और फिटनेस आइकन मिलिंद सोमन ने अपने इंस्टाग्राम milindrunning पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उनकी मां 86 साल की उम्र में रोज स्किपिंग करती नजर आ रही हैं. वीडियो में मिलिंद सोमन ने कैप्शन लिखा- 'फैमिली के साथ रस्सी कूदने का समय. आई (मां) अब 86 साल की हैं, योग और अन्य एक्टिविटीज के अलावा, रस्सी कूदना भी रोजाना करती हैं.' यह सिर्फ एक फिटनेस रूटीन नहीं, बल्कि लंबी जिंदगी जीने का तरीका है, कि उम्र सिर्फ एक नंबर है. आइए जानते हैं स्किपिंग क्या है और इसके क्या फायदे हैं.
स्किपिंग क्या है | What is Skipping
स्किपिंग यानी रस्सी कूदना, सुनने में भले ही एक सिंपल एक्सरसाइज लगे, लेकिन इसके फायदे इतने जबरदस्त हैं कि अगर आप रोज इसे करेंगे, तो न सिर्फ आपकी फिटनेस लेवल बेहतर होगी, बल्कि लंबे समय तक हेल्दी और एक्टिव रहने में भी मदद मिलेगी. यह ऐसी एक्सरसाइज है, जो कम समय में पूरे शरीर को एक्टिव कर देती है और इसके लिए महंगे जिम इक्विपमेंट या ज्यादा स्पेस की जरूरत भी नहीं होती है।
रस्सी कूदने से क्या-क्या फायदे हैं | Benefits Of Skipping
1. हार्ट हेल्थ में सुधार
स्किपिंग एक कार्डियोवस्कुलर एक्सरसाइज है, जो आपके हार्ट रेट को तेजी से बढ़ाती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाती है. जब शरीर में ब्लड फ्लो सही तरीके से होता है, तो दिल मजबूत बनता है और हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. डॉक्टर भी मानते हैं कि रोजाना 10-15 मिनट स्किपिंग करना, हार्ट के लिए वैसा ही फायदेमंद है, जैसा तेज वॉक या हल्की जॉगिंग.
2. वेट मैनेजमेंट और फैट लॉस
अगर आपका गोल वजन कम करना है, तो स्किपिंग आपके लिए एक कैलोरी-बर्निंग मशीन है. रिसर्च के मुताबिक, 10 मिनट स्किपिंग करने से ही करीब 120-150 कैलोरी बर्न हो सकती है. लगातार स्किपिंग करने से मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता है, जिससे आपका शरीर रिलैक्स मोड में भी ज्यादा कैलोरी खर्च करता है.
3. हड्डियों की मजबूती
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियों की बोन डेंसिटी कम होने लगती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है. स्किपिंग एक वेट-बियरिंग एक्सरसाइज है, जो हड्डियों को मजबूती देती है और उनकी डेंसिटी को बनाए रखती है. खासकर महिलाओं के लिए यह बहुत फायदेमंद है, क्योंकि मेनोपॉज के बाद बोन लॉस की आशंका बढ़ जाती है.
4. कोऑर्डिनेशन और बैलेंस में सुधार
स्किपिंग सिर्फ पैरों की एक्सरसाइज नहीं है, इसमें हाथ, पैर, आंख और दिमाग सबका तालमेल चाहिए. रोजाना स्किपिंग करने से आपका हैंड-आई कोऑर्डिनेशन बेहतर होता है और बैलेंस की क्षमता बढ़ती है.
5. स्टैमिना और एनर्जी बूस्ट
अगर आप दिनभर थकान महसूस करते हैं, तो स्किपिंग आपके शरीर में एंडॉर्फिन हार्मोन रिलीज करती है, जो आपको एनर्जी और पॉजिटिविटी देता है. कुछ ही हफ्तों में आप महसूस करेंगे कि आपकी स्टैमिना बढ़ रही है और आप पहले से ज्यादा एक्टिव हो गए हैं.
6. स्किन और हेयर हेल्थ में सुधार
यह सुनकर हैरानी होगी, लेकिन स्किपिंग से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ने के कारण आपकी स्किन पर नेचुरल ग्लो आता है और बालों की ग्रोथ भी बेहतर हो सकती है. यह अंदर से हेल्दी बॉडी बनाने के साथ बाहर से भी आपको यंग और फ्रेश दिखने में मदद करता है.
7. स्ट्रेस कम करने में मदद
स्किपिंग करते समय शरीर रिलैक्स मोड में आ जाता है और दिमाग का फोकस सिर्फ मूवमेंट पर रहता है. यह मेडिटेशन जैसी फीलिंग देता है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है.
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