विज्ञापन
This Article is From Aug 03, 2018

दिल्ली का रेड लाइट एरिया : छोटे से कमरे में ऐसी होती है सेक्स वर्कर की LIFE

जी.बी रोड (GB Road) का पूरा नाम गारस्टिन बास्टियन रोड (Garstin Bastion Road) है, जहां 100 साल पुरानी इमारतें हैं. जगह-जगह दलालों के झांसे में नहीं आने और जेबकतरों और गुंडों से सावधान रहने की चेतावनी लिखी हुई है.

दिल्ली का रेड लाइट एरिया : छोटे से कमरे में ऐसी होती है सेक्स वर्कर की LIFE
रेड लाइट एरिया में ऐसी होती है सेक्स वर्कर की LIFE, छोटे से कमरे में चलता है काम
नई दिल्ली:

दिल्ली के जी.बी रोड (GB Road) का पूरा नाम गारस्टिन बास्टियन रोड (Garstin Bastion Road) है, जहां 100 साल पुरानी इमारतें हैं. जगह-जगह दलालों के झांसे में नहीं आने और जेबकतरों और गुंडों से सावधान रहने की चेतावनी लिखी हुई है. यह दिल्ली (Delhi) की एक सड़क है, जिसका नाम सुनते ही लोगों की भौंहें तन जाती हैं और वे दबी जुबान में फुसफुसाना शुरू कर देते हैं. 

स्कूल में जब मैंने पहली बार इसके बारे में सुना था, तो कौतूहल था कि आखिर कैसी होगी यह सड़क? फिल्मों में अक्सर देखे गए कोठे याद आने लगते थे. याद आती थी मर्दो को लुभाने वाली सेक्स वर्कर्स, जिस्म की मंडी चलाने वाली कोठे की मालकिन और न जाने क्या-क्या. यही कौतूहल इतने सालों बाद मुझे जी.बी. रोड (GB Road) खींच लाया. 

इन 7 वजहों से मां नहीं बन पाती कुछ महिलाएं

बीते रविवार सुबह आठ बजे जब मैं जी.बी.रोड (GB Road) पहुंची, तो यह सड़क दिल्ली की अन्य सड़कों की तरह आम ही लगी. सड़क के दोनों ओर दुकानों के शटर लगे हुए थे. इन दुकानों के बीच से ही सीढ़ी ऊपर की ओर जाती हैं और सीढ़ियों की दीवारों पर लिखे नंबर कोठे की पहचान कराते हैं. कुछ लोग सड़कों पर ही चहलकदमी कर रहे हैं और हमें हैरानी भरी नजरों से घूर रहे हैं. हमने तय किया कि कोठा नंबर 60 में चला जाए.

महिलाओं का खतना के बारे में जानिए सबकुछ, कैसे और क्यों किया जाता है ये दर्दभरा Khatna

एनजीओ (NGO) में काम करने वाले अपने एक मित्र के साथ फटाफट सीढ़ियां चढ़ते हुए मैं ऊपर पहुंची, चारों तरफ सन्नाटा था. शायद सब सो रहे थे, आवाज दी तो पता चला, सब सो ही रहे हैं कि तभी अचरज भरी नजरों से हमें घूरता एक शख्स बाहर निकला. बड़े मान-मनौव्वल के बाद बताने को तैयार हुआ कि वह राजू (बदला हुआ नाम) है, जो बीते नौ सालों से यहां रह रहा है और लड़कियों (Sex Worker) का रेट तय करता है.

Sperm एलर्जी क्या है? जानिए इसके बारे में सबकुछ

thai sex workers

पहचान उजागर न करने की शर्त के साथ राजू ने एक सेक्स वर्कर सुष्मिता (बदला हुआ नाम) से हमारी मुलाकात कराई, जिसे जगाकर उठाया गया था. मैं सुष्मिता से अकेले में बात करना चाहती थी, लेकिन राजू को शायद डर था कि कहीं वह कुछ ऐसा बता न दे, जो उसे बताने से मना किया गया है. 

सुष्मिता की उम्र 23 साल है और उसे तीन साल पहले नौकरी का झांसा देकर पश्चिम बंगाल से दिल्ली लाकर यहां बेच दिया गया था. सुष्मिता ठीक से हिंदी नहीं बोल पाती, वह कहती है, "मैं पश्चिम बंगाल से हूं, मेरा परिवार बहुत गरीब है. एक पड़ोसी का हमारे घर आना-जाना था. उसने कहा, दिल्ली चलो. वहां बहुत नौकरियां हैं तो उसके साथ दिल्ली आ गई. एक दिन तो मुझे किसी कमरे में रखा और अगले दिन यहां ले आया."

क्या है धारा-377? जानिए क्यों मचा रखा है भारत में LGBTQ ने हंगामा

यह पूछने पर कि क्या वह अपने घर लौटना नहीं चाहती है? काफी देर चुप रहकर वह कहती है, "नहीं. घर नहीं जा सकती. बहुत मजबूरियां हैं. यहां खाने को मिलता है, कुछ पैसे भी मिल जाते हैं, जो छिपाकर रखने पड़ते हैं."

सुष्मिता बीच में ही कहती है, "किसी को बताना मत..." इससे आगे कुछ पूछने की हिम्मत ही नहीं हुई. सुष्मिता है तो 23 की, लेकिन उसका शरीर देखकर लगता है कि जैसे 15 या 16 की होगी, दुबली-पतली कुपोषित लगती है. 

इमारत की पहली और दूसरी मंजिल पर जिस्मफरोशी का धंधा चलता है. इच्छा हुई कि इन कमरों के अंदर देखा जाए कि यहां कैसे रहते हैं? अंदर घुसी कि एक अजीब सी गंध ने नाक ढकने को मजबूर कर दिया. इतने छोटे और नमीयुक्त कमरे हैं, सोचती रही कि कोई यहां कैसे रह सकता है. 

Male Birth Control: कंडोम ही नहीं इन 4 तरीकों से पुरुष भी रोक सकते हैं अनचाही प्रेग्नेंसी

sex workers

राजू बताता है कि एक कोठे में 13 से 14 सेक्स वर्कर हैं और सभी अपनी मर्जी से धंधा करती हैं लेकिन गीता (बदला हुआ नाम) की बात सुनकर लगा कि ये मर्जी में नहीं मजबूरी में धंधा करती हैं. गीता कहती है, "जैसे आप नौकरी करके पैसे कमाती हो. वैसे ही ये हमारी नौकरी है. आप बताइए, हमारी क्या समाज में इज्जत है, कौन हमें नौकरी देगा. जिस्म बेचकर ही हम अपना घर चला रहे हैं. बेटी को पढ़ा रही हूं, ये छोड़ दूंगी तो बेटी का क्या होगा."

गीता कहती है कि वो एक साल में तीन कोठे बदल चुकी है. वजह पूछने पर कहती है, "पैसे अच्छे नहीं मिलेंगे तो कोठा तो बदलना पड़ेगा ना." गीता की ही दोस्त रेशमा (बदला हुआ नाम) कहती है, "हम जैसे हैं, खुश हैं. सरकार हमारे लिए क्या कर रही है. हमारे पास ना राशन कार्ड है, ना वोटर कार्ड ना आधार. हमारे पास कोई वोट मांगने भी नहीं आता. सरकार ने हमारे लिए क्या किया. कुछ नहीं."

तीन शादियां और 4 अफेयर्स, जानिए Imran Khan की पूरी LOVE लाइफ

जेहन में ढेरों सवाल लेकर एक और कोठे पर गई, जहां 15 से लेकर 19 साल की कई सेक्स वर्कर मिली, जो शायद रातभर की थकान के बाद देर सुबह तक सो रही हैं. 

इसके बारे में राजू कहते हैं, "रात आठ बजे के बाद यहां का माहौल बदल जाता है. कोठे पर आने वालों की संख्या बढ़नी शुरू हो जाती है. अकेले आने वाले शख्स को जेबकतरे लूट लेते हैं, चाकूबाजी की भी कई वारदातें हुई हैं."

यहां आकर लगता है कि एक शहर के अंदर कोई और शहर है. जिस्मफरोशी के लिए यहां लाई गई या यहां खुद अपनी मर्जी से पहुंचीं औरतों की जिंदगी दोजख से कम कतई नहीं है. अपने साथ कई सवालों के जवाब लिए बिना वापस जा रही हूं, इस उम्मीद में कि जल्द लौटकर जवाब बटोर लूंगी.

सेक्‍स के बाद क्‍यों चिड़चिड़े और दुखी हो जाते हैं पुरुष? जानिए PCD के बारे में

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com