आयुर्वेद से जानिए दूध वाली चाय में गुड़ डालना क्यों है गलत सुझाव, सेहत के लिए इस कारण से हो सकता है हानिकारक

Milk and Jaggery Tea: गुड़ के शरीर पर फायदे तो कई होते हैं लेकिन दूध वाली चाय में गुड़ डालने पर शरीर को नुकसान भी पहुंचता है. आइए जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की इस मसले पर क्या राय है. 

आयुर्वेद से जानिए दूध वाली चाय में गुड़ डालना क्यों है गलत सुझाव, सेहत के लिए इस कारण से हो सकता है हानिकारक

Milk Tea With Jaggery: दूध में गुड़ डालकर इसलिए नहीं बनाते चाय. 

खास बातें

  • दूध वाली चाय में नहीं डाला जाता गुड़.
  • शरीर के लिए है टॉक्सिक कोंबिनेशन.
  • पाचन पर पड़ता है असर.

Healthy Tips: सुबह-सुबह चाय पीने का मजा ही कुछ और है. बहुत से लोग गर्म-गर्म चाय की चुस्कियों से दिन की शुरुआत करना पसंद करते हैं. चाय (Chai) में दूध और चायपत्ती तो डलती ही है लेकिन गुड़ (Jaggery) डालें या चीनी इसे लेकर अक्सर असमंजस में पड़ जाते हैं. असल में आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार गुड़ सेहत के लिए तो अच्छा है और गुड़ की चाय भी स्वादिष्ट बनती है लेकिन इसमें दूध नहीं डाला जाना चाहिए. साफ शब्दों में कहें तो दूध वाली चाय (Milk Tea) में गुड़ (Gud) डालने से परहेज करना चाहिए. आइए जानें इसके कारण. 


दूध और गुड़ वाली चाय | Milk and Jaggery Tea

देखा जाए तो गुड़ के कई फायदे होते हैं. इसमें विटामिन, फॉस्फोरस, आयरन, मैग्नीशियम और पौटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है. तिल के लड्डू, मिठाई और काढ़ा आदि बनाने में गुड़ का अत्यधिक प्रयोग भी किया जाता है. शरीर की इम्यूनिटी (Immunity) के लिए भी इसे अच्छा माना जाता है, लेकिन, आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर रेखा कि मानें तो दूध वाली चाय में गुड़ डालना एक टॉक्सिक कोंबिनेशन (Toxic Combination) है जो आपके पाचन को खासतौर से प्रभावित करता है. 

आयुर्वेद में हर फूड का एक अलग गुण, स्वाद, तासीर और पाचन (Digestion) पर असर माना जाता है. जब आप किसी गर्म तासीर की चीज को ठंडी तासीर वाली चीज के साथ मिलाते हैं तो उन्हें असंगत माना जाता है. दूध वाली चाय में गुड़ ना डालने का एक कारण यह भी है कि गुड़ की तासीर गर्म है और दूध की ठंडी. 

गुड़ वाली दूध की चाय पीने पर पाचन बुरी तरह से खराब भी हो सकता है. व्यक्ति को दस्त, पेट दर्द, उल्टी और पेट फूलने की शिकायत हो सकती है. साथ ही, ठंडी-गर्म तासीर की चीजों को एकसाथ खाने पर स्किन में रैशेज हो सकते हैं. 


गुड़ की बजाय दूध वाली चाय में चीनी या फिर मिश्री का इस्तेमाल किया जा सकता है. यह कोंबिनेशन पेट के लिए ठीक रहता है और इसके साइड इफेक्ट्स भी नहीं होते. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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