
Parenting Tips: बचपन में जो कुछ बच्चे देखते-सुनते हैं वही उनके आने वाले भविष्य की नींव रखता है. बड़े होकर बच्चे की आदतें और व्यवहार कैसा होगा यह कई हद तक उसकी परवरिश पर निर्भर करता है. ऐसे में पैरेंट्स को इस बात का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है कि वे बच्चे को कैसा वातावरण दे रहे हैं. अगर पैरेंट्स बच्चे को अपना समय नहीं देंगे तो बच्चे का अकेलापन गहराने लगेगा. वहीं, पैरेंट्स अगर शुरुआत से ही कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो बच्चे का आने वाला भविष्य संवर सकता है. इसी बारे में बता रहे हैं बच्चों के डॉक्टर रवि मलिक. डॉ. रवि मलिक एमडी पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) हैं और इंस्टाग्राम पर अक्सर ही ऐसे वीडियो शेयर करते रहते हैं जिनमें वे बच्चों की सेहत और परवरिश से जुड़े टिप्स बताते हैं. अपने ऐसे ही एक वीडियो में डॉ. मलिक ने स्मार्ट पैरेंटिंग हैक्स शेयर किए हैं.
डॉक्टर ने बताए स्मार्ट पैरेंटिंग हैक्स । Smart Parenting Hacks By Doctor
फैमिली टाइम में करें ये कामडॉक्टर की सभी पैरेंट्स को सलाह है कि फैमिली टाइम (Family Time) में बच्चों के साथ टीवी देखने के बजाए आप उनके साथ बोर्ड गेम्स जैसे लूडो या शतरंज खेल सकते हैं. फैमिली बोंडिंग के लिए गेम्स खेलना ज्यादा फायदेमंद होता है. इससे जो आपसी नोंक-झोंक होती है वो भी सभी को एकदूसरे से करीब लाती है और ठहाके की वजह बनती है सो अलग.
आउटडोर गेम्स के लिए ले जाएंबच्चे को अपनी निगरानी में आउटडोर गेम्स खेलने के लिए लेकर जाएं. उसे रोक-टोक करके घर में ही ना रोकें. बाहर जाकर खेलना बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद जरूरी होता है. इससे बच्चे की स्ट्रेंथ भी बढ़ती है और वो टीमवर्क के बारे में भी सीखता है.
वॉकर का सहारा हटाएंबच्चे को चलने के लिए फोर्स ना करें बल्कि उसे अपनी इंडिपेंडेंट ग्रोथ लेने दें. माता-पिता (Parents) चाहते हैं कि बच्चा जल्द से जल्द चलने लगे और इसीलिए वे उसे वॉकर पकड़ा देते हैं. लेकिन, वॉकर के सहारे चलना बच्चे की प्राकृतिक ग्रोथ के लिए ठीक नहीं है.
ABC से ज्यादा जरूरी हैं खिलौने
डॉक्टर की सलाह है कि अगर आपका बच्चा 2 साल का है या 2 साल से छोटा है तो उसे ABC सिखाना अभी जरूरी नहीं है. इस उम्र में अकेडमिक ज्ञान से ज्यादा जरूरी है उसे अपने आसपास की चीजों की समझ. इसके लिए आप उसे अलग-अलग तरह के खिलौने लाकर दे सकते हैं या तस्वीरें पहचानना सिखा सकते हैं.
ना दें पुलिस की धमकीअक्सर ही पैरेंट्स बच्चे को डराने के लिए या कोई काम करवाने के लिए उसे पुलिस की धमकी देने लगते हैं. डॉक्टर की सलाह है कि पैरेंट्स को ऐसा नहीं करना चाहिए. बच्चे को डराने या धमकाने के बजाय पैरेंट्स को बच्चे को समझाना जरूरी है कि कोई काम किस तरह या क्यों करना चाहिए.
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