Travel: जगन्नाथपुरी चार धामों में से एक है और यहां भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के आयोजन की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे में भक्त देश के कोने-कोने से जगन्नाथपुरी मंदिर (Jagannath Puri Temple) के दर्शन करने आ रहे हैं. अगर आप भी भगवान जगन्नाथ की कृपा पाने के लिए पुरी जाने के बारे में सोच रहे हैं तो दर्शन के पश्चात पुरी (Puri) के आस-पास स्थित कुछ जगहों की सैर पर निकल सकते हैं. इन प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर घूमकर आपको कई नए अनुभव तो मिलेंगे ही साथ ही आप के लिए यह यात्रा और अधिक यादगार हो जाएगी. जानिए कौनसी हैं ये जगहें.
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पुरी के आस-पास घूमने की जगहें | Places To Visit Near Puri
नरेंद्र टैंकओडिशा के सबसे बड़े टैंक में नरेंद्र टैंक को गिना जाता है. कहते हैं कि इसे 15वीं शताब्दी में बनाया गया था. इस टैंक के आस-पास कई छोटे और बड़े मंदिर हैं जहां दर्शन के लिए जाया जा सकता है. .यह जगह जून और जुलाई के महीने में आयोजित होने वाली चंदन यात्रा के लिए होने वाली गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है.
सुदर्शन क्राफ्ट म्यूजियमअपनी यात्रा के दौरान आप सुदर्शन क्राफ्ट म्यूजियम की सैर करने आ सकते हैं. आर्टिस्ट और आर्ट लवर्स के लिए यह जगह बेहद खास है. यहां मॉडर्न और एतिहासिक क्राफ्ट की झलकियां देखने को मिलती हैं साथ ही कई तरह की शिल्पकलाओं के नमूने देखने को मिलते हैं. इस म्यूजियम में आर्टिस्ट अपना क्राफ्ट लाकर भी डिस्पले कर सकते हैं.
चिलिका झीलएक और बेहद खास टूरिस्ट अट्रेक्शन है उड़ीसा की चिलिका झील (Chilika Lake). यह आंतरिक खारे पानी की झील है जो छोटे द्वीप समूहों से घिरी हुई है. यहां दूर-दूर से लोग सैर करने आते हैं. आप इस जगह पर डॉल्फिन देख सकते हैं, अलग-अलग पक्षी देश सकते हैं और साथ ही बोटिंग का लुत्फ ले सकते हैं.
कोणार्क का सूर्य मंदिरभारत के सबसे खास और अद्भूत स्थलों में कोणार्क का सूर्य मंदिर शामिल है. इस मंदिर की नक्काशी अप्रतिम है जिसे देखने के लिए पर्यटक दूर-दराज के इलाकों से आते हैं. माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान सूर्यनारायण विराजमान हैं.
भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिरपुरी तक आए हैं तो भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर के दर्शन करने जरूर जाएं. इस मंदिर में भगवान शिव के हरिहर रूप की पूजा की जाती है जिसमें भगवान शिव और भगवान विष्णु संयुक्त रूप में विराजित हैं. इस मंदिर को देउल और कलिंग शैली में बनाया गया है और इसे चार भागों में बांटा गया है जिनमें गर्भ गृह, यज्ञ शाला, भोग मंडप और नाट्यशाला शामिल हैं.
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