
Parenting Tips: भारतीय परिवारों में दादी-नानी के नुस्खों की एक अलग जगह है. छोटी-छोटी परेशानी होने पर लोग कई बार डॉक्टर से सलाह न लेकर दादी-नानी के नुस्खों को ट्राई करना ज्यादा बेहतर समझते हैं. कुछ मामलों में ये नुस्खे फायदा भी पहुंचाते हैं. हालांकि, कुछ नुस्खें ऐसे भी होते हैं, जो फायदे कि बजाय उल्टा परेशानी को और बढ़ा देते हैं. यहां हम आपको 5 ऐसे ही घरेलु नुस्खों के बारे में बता रहे हैं. इनके बारे में पीडियाट्रिशियन निमिशा अरोड़ा ने बताया है.
पीडियाट्रिशियन ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. इस पोस्ट में वे बताती हैं, कुछ घरेलू उपाय लाड़-प्यार या परंपरा के नाम पर बच्चों की सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में-
बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं दादी-नानी के ये नुस्खे
नंबर 1- शहद चटनाडॉक्टर निमिशा बताती हैं, छोटे बच्चों के साथ एक रिवाज निभाया जाता है, जिसमें उन्हें शहद चटाया जाता है. इसके अलावा बहुत सी दादियां बच्चों का गला या पेट साफ करने के लिए शहद देने की सलाह देती हैं. हालांकि, एक साल से छोटे बच्चों को शहद देना खतरनाक हो सकता है. शहद में क्लॉस्ट्रिडियम बोटुलिनम नामक बैक्टीरिया हो सकता है, जिससे बच्चे को बोटुलिज्म नामक जानलेवा संक्रमण हो सकता है. इसलिए किसी भी कंडीशन में बच्चे को एक साल से पहले शहद न दें.
नंबर 2- आंखों में काजल लगानाहमारे देश में छोटे बच्चों को काजल जरूर लगाया जाता है. दादी-नानी का कहना होता कि काजल लगाने से बच्चे की आंख बड़ी होती हैं. हालांकि, ये दावा पूरी तरह गलत है. इससे अलग ज्यादातर काजल में सीसा (lead) होता है, जो बच्चों की आंखों और ब्रेन की ग्रोथ के लिए नुकसानदायक है. इससे संक्रमण और एलर्जी का भी खतरा रहता है.
नंबर 3- नाक या कान में तेल डालनादादी-नानी कहती हैं कि सरसों का तेल नाक या कान में डालने से सफाई होती है, लेकिन डॉक्टर ऐसा भी नहीं करने की सलाह देती हैं. पीडियाट्रिशियन के मुताबिक, तेल नाक या फेफड़ों में जाकर एस्पिरेशन निमोनिया जैसे खतरनाक संक्रमण का कारण बन सकता है.
नंबर 4- छह महीने से पहले पानी देनाबहुत सी दादियां गर्मी में बच्चों को पानी देने की सलाह देती हैं, जबकि डॉक्टर बताती हैं कि छह महीने से पहले बच्चों की जरूरतें सिर्फ मां के दूध से पूरी होती हैं. ज्यादा पानी से वॉटर इंटॉक्सिकेशन हो सकता है और बच्चों के दूध पीने की मात्रा घट जाती है.
नंबर 5- कपड़े से लपेटनाहालांकि, बच्चों को कपड़े में लपेटना उन्हें सुरक्षित महसूस कराता है लेकिन अगर यह बहुत टाइट हो, खासकर पैरों के आसपास, तो इससे हिप डिस्प्लेसिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं. इसलिए डॉक्टर ऐसा भी नहीं करने की सलाह देती हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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