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This Article is From Jun 05, 2022

असम में ग्रामीणों की अनूठी पहल, पौधारोपण के लिए खेती योग्य भूमि तक छोड़ी; विश्व पर्यावरण दिवस पर लगाए 1 लाख पौधे

स्थानीय ग्रामीणों ने एक ही दिन में 1 लाख पौधे लगाने की अनूठी पहल की है. कई ग्रामीणों ने जंगल बनाने के लिए अपनी खेती की जमीन दी है.

असम में ग्रामीणों की अनूठी पहल, पौधारोपण के लिए खेती योग्य भूमि तक छोड़ी; विश्व पर्यावरण दिवस पर लगाए 1 लाख पौधे
असम में ग्रामीणों की अनूठी पहल, पौधारोपण के लिए खेती योग्य भूमि तक छोड़ी
नई दिल्ली:

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर असम के गोलाघाट जिले के धनसिरी के ग्रामीणों का एक कार्य चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, यहां के ग्रामीणों ने पर्यावरण सुरक्षा को लेकर एक लाख पौधे लगाए हैं. इस कार्य में राज्य वन विभाग और जिला प्रशासन ने ग्रामीणों की मदद की है. बताया जा रहा है कि यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है. बता दें कि हाल के दिनों में नम्बोर आरक्षित वन का क्षेत्र तेजी से सिमटता जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों की यह पहल क्षेत्र को हरा-भरा बनाने में मददगार साबित हो सकती है. 

स्थानीय ग्रामीणों ने तेंगानी दुई नोई मुख क्षेत्र (Tengani Dui Noi Mukh) में एक ही दिन में 40 हेक्टेयर भूमि पर 1 लाख पौधे लगाने की अनूठी पहल की है. कई ग्रामीणों ने जंगल बनाने के लिए अपनी खेती की जमीन दी है. 1 लाख पौधे लगाने के लिए जमीन की जुताई करने के लिए कई ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया गया है. यहां तक ​​​​कि क्षेत्र की एक महिला सरकारी अधिकारी ने भी खुद ट्रैक्टर से खेती के लिए जमीन की जुताई की. धनसिरी उप-मंडल (Dhansiri sub-division) में स्थानीय लोगों ने स्थानीय लोगों ने आने वाले कुछ वर्षों में कम से कम 15 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई है, इसलिए हर परिवार आज विश्व पर्यावरण दिवस पर कम से कम 10 पौधे लगाने की कोशिश कर रहा है. 

दरअसल, हाल के दिनों में यहां पर लोगों को सूखे का काफी सामना करना पड़ा है. पिछले साल सूखे के कारण खेती नहीं हुई थी. यहां पर फसलों की सिंचाई एक गंभीर समस्या बनी हुई है. बिश्वजीत बताते हैं कि यह स्थान पहले एक जंगल था, अर्थात् नम्बोर वन था, जो बाद में अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया. यहां के लोग जंगल को नष्ट कर देते थे. हालांकि, अब पेड़ लगाकर यहां फिर से जंगल बनाने की सोच रहे हैं. अब उन्होंने पेड़ लगाने के लिए अपनी फसल की भूमि तक प्रदान कर दी है. यहां 500 एकड़ जमीन है और हम पूरे क्षेत्र में पौधे लगाएंगे और नम्बोर जंगल को यहां तक ​​बढ़ाया जाएगा. हम उन लोगों को मुआवजा देने के बारे में भी सोच रहे हैं, जिन्होंने पौधारोपण के लिए अपनी खेती योग्य भूमि छोड़ दी है. 

धनसिरी के एसडीओ डिनचेंगफा बोरुआह ने बताया कि हम यहां निरीक्षण करने आए थे. क्योंकि पर्यटन कार्यक्रम के लिए एरिया तैयार कर रहे हैं. पहले से ही यहां ट्रैक्टर थे. इसलिए हमने सोचा कि हमें भी इसमें भाग लेना चाहिए, ताकि यह संदेश जा सके कि हम सभी को इसका हिस्सा बनना चाहिए. यहां एक लाख पौधे रोपे गए हैं. 

वहीं एक छात्र ने बताया कि मैं इस पर्यावरण दिवस को महत्व देना चाहूंगा, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण है. ग्लोबल वार्मिंग और तापमान बढ़ रहा है. मैं सभी को संदेश देना चाहता हूं कि बढ़ते तापमान को नियंत्रित करने के लिए हम सभी को पेड़ लगाने चाहिए. 
 

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