पद्म पुरस्कारों के वितरण समारोह में राष्ट्रपति भवन का कड़ा प्रोटोकाल भी कर्नाटक में हजारों पौधे लगाने के लिये पद्म श्री से सम्मानित 106 साल की सालूमरदा थीमक्का को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने से नहीं रोक सका. पुरस्कार लेने पहुंची थीमक्का ने आशीर्वाद स्वरूप राष्ट्रपति के माथे को हाथ लगाया. थीमक्का ने बरगद के 400 पेड़ों समेत 8000 से ज्यादा पेड़ लगाएं हैं और यही वजह है कि उन्हें ‘वृक्ष माता' की उपाधि मिली है.
उन्हें राष्ट्रपति भवन में शनिवार को अन्य विजेताओं के साथ पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया. कड़े प्रोटोकाल के तहत आयोजित होने वाले समारोह में हल्के हरे रंग की साड़ी पहने थीमक्का ने अपने मुस्कुराते चेहरे के साथ माथे पर ‘त्रिपुण्ड्र' लगा रखा था. जब थीमक्का से 33 साल छोटे राष्ट्रपति ने पुरस्कार देते वक्त उनसे चेहरा कैमरे की तरफ करने को कहा तो उन्होंने राष्ट्रपति का माथा छू लिया और आशीर्वाद दिया. थीमक्का के इस सहज कदम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य मेहमानों के चेहरे पर मुस्कान आ गई और समारोह कक्ष उत्साहपूर्वक तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा.
पद्म पुरस्कारों से राष्ट्र की सबसे श्रेष्ठ और योग्य प्रतिभाओं को सम्मानित करना राष्ट्रपति के लिए प्रसन्नता का विषय होता है। लेकिन आज जब पर्यावरण की रक्षा में तत्पर, कर्नाटक की 107 वर्ष की वयोवृद्धा सालुमरदा तिम्मक्का ने आशीर्वाद देते हुए मेरे सिर पर हाथ रखा तो मेरा हृदय भर आया। pic.twitter.com/lntX2XnXRI
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 16, 2019
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थीमक्का की कहानी धैर्य और दृढ़ संकल्प की कहानी है. जब वह उम्र के चौथे दशक में थीं तो बच्चा न होने की वजह से खुदकुशी करने की सोच रही थीं, लेकिन अपने पति के सहयोग से उन्होंने पौधरोपण में जीवन का संतोष तलाश लिया.
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बता दें, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोक गायिका तीजन बाई, लार्सन एंड टूब्रो के अध्यक्ष अनिल कुमार नाइक, वैज्ञानिक एस एन नारायणन, अभिनेता मनोज बाजपेयी और 106 वर्षीय पर्यावरणविद् सालूमरदा थीमक्का सहित 54 प्रसिद्ध नागरिकों को शनिवार को पद्म पुरस्कार प्रदान किये. तीजन बाई और नाइक को दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण प्रदान किया गया. पौराणिक नदी सरस्वती का पता लगाने के लिए प्रयासरत आरएसएस नेता दर्शन लाल जैन, एमडीएच के संस्थापक सीईओ महाशय धर्म पाल गुलाटी, चिकित्सा पेशेवर अशोक लक्ष्मणराव कुकड़े, एन नारायणन, पर्वतारोही बछेंद्री पाल और पूर्व सीएजी वी के शुंगलु पद्म भूषण प्राप्त करने वालों में शामिल थे.
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राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगियों राजनाथ सिंह, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौर, विजय गोयल के साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे. इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों के लिए 112 ‘प्रेरक' हस्तियों का चयन किया गया और उनके नामों की घोषणा इस वर्ष गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई थी. पुरस्कार दो कार्यक्रमों में प्रदान किये गए. 47 गणमान्य व्यक्तियों को 11 मार्च को सम्मानित किया गया जबकि 54 को शनिवार को सम्मानित किया गया.
(इनपुट- भाषा)
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