विज्ञापन

ग्राउंड रिपोर्ट: झुग्गियों में पानी का संकट, कोठियों में नहीं कोई दिक्‍कत... एक किमी में नजर आती हैं दो दुनिया

NDTV इंडिया की टीम जब वजीरपुर पहुंची तो सबसे पहले टकराई प्यास की मार से जूझते चेहरों से, जहां कोई बाल्टी लेकर खड़ा था, कोई टैंकर का इंतजार कर रहा था और कोई दुखी मन से बता रहा था कि हर दिन पानी खरीदने में 40-50 रुपये खर्च हो जाते हैं. 

ग्राउंड रिपोर्ट: झुग्गियों में पानी का संकट, कोठियों में नहीं कोई दिक्‍कत... एक किमी में नजर आती हैं दो दुनिया
पश्चिमी दिल्ली के वजीरपुर में पानी का काफी संकट है.
नई दिल्‍ली:

दिल्ली की चिलचिलाती गर्मी में जब शहर के कुछ इलाकों में लोग एसी में बैठकर ठंडे पानी की बोतलें खोल रहे हैं, वहीं उत्तर पश्चिमी दिल्ली के वजीरपुर में हालात बिलकुल अलग हैं. यहां के लोग हर दिन पीने के पानी के लिए लंबी कतारें लगाते हैं, धक्का-मुक्की झेलते हैं और कई बार अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं. NDTV इंडिया की टीम जब वजीरपुर पहुंची तो सबसे पहले टकराई प्यास की मार से जूझते चेहरों से, जहां कोई बाल्टी लेकर खड़ा था, कोई टैंकर का इंतजार कर रहा था और कोई दुखी मन से बता रहा था कि हर दिन पानी खरीदने में 40-50 रुपये खर्च हो जाते हैं. 

इस तरह से छलका लोगों का दर्द

  • “हर दिन पानी खरीदना पड़ता है,” एक बुज़ुर्ग व्यक्ति ने कहा. 
  • “घर में पानी नहीं आता, टॉयलेट में नहाते हैं,” एक महिला ने बताया. 
  • “टैंकर के झगड़े में जान जा चुकी है,” एक युवक ने दो साल पुराना हादसा याद किया. 
  • “पानी में कीड़े होते हैं,” फल बेचने वाली महिला ने गंदे पानी की बोतल दिखाते हुए कहा. 

टैंकर आता है, बस्ती टूट पड़ती है

जैसे ही पानी का टैंकर आता है, बच्चे, महिलाएं, बुज़ुर्ग सब टूट पड़ते हैं. कोई गिर जाता है, कोई चोट खा जाता है. एक छोटी बच्ची ने बताया कि मम्मी-पापा काम पर गए हैं और उसे खुद पानी भरने आना पड़ा. दूसरी महिला आधी भरी बाल्टी दिखाते हुए कहती हैं – “पूरा दिन कैसे चलेगा?”

पाइपलाइन है, पर पानी नहीं

कुछ लोगों ने हमें अपने घर बुलाया, दिखाया कि घर में पाइपलाइन तो है लेकिन पानी नहीं है. जो पानी है भी, वो ग्राउंड वॉटर है जो इतना मटमैला और बदबूदार है कि पीने लायक नहीं है. लोगों ने बताया कि इस पानी से स्किन प्रॉब्लम और बीमारियां हो रही हैं. 

Latest and Breaking News on NDTV

झुग्गियों में गहराता संकट

NDTV की टीम जब झुग्गियों में पहुंचीं तो लोग दिखा रहे थे कि कैसे वो गंदे पानी से काम चला रहे हैं. पाइपलाइन अधूरी पड़ी है – वो भी चुनाव के वक्त लाई गई थी. महिलाएं-बच्चे, सभी किसी न किसी तरह पैसों से पानी खरीदने को मजबूर हैं. 

वजीरपुर गांव के लोग भी पानी के लिए तरस रहे हैं. कोई सब्जी बेचने वाला गांव छोड़ने का सोच रहा है, कोई रोजाना 100 रुपये पानी पर खर्च कर रहा है. रसोई में खड़ी महिलाएं गिन रही हैं, पानी पर हर महीने कितना पैसा जा रहा है. 

अशोक विहार में सब ठीक है

दिल्ली के वजीरपुर में लोग बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. उसके बगल में अशोक विहार है, जहां कोठियों में रहने वाले लोग कह रहे हैं – “यहां कोई दिक्कत नहीं.” दो इलाकों के बीच बमुश्किल एक किलोमीटर का फर्क है, लेकिन जिदगी का बहुत बड़ा फासला है. 

स्थानीय विधायक ने क्‍या कहा?

विधायक पूनम शर्मा से जब हमने पूछा तो पहले उन्होंने समस्या से इनकार किया, लेकिन जब हमने ग्राउंड रिपोर्ट बताई तो उन्होंने माना कि पानी की दिक्कत है, लेकिन दावा किया कि “समस्या 50 प्रतिशत हल हो चुकी है और बाकी भी हो जाएगी.”

दिल्ली जल बोर्ड से नहीं मिला कोई जवाब 

वहीं हमने दिल्ली जल बोर्ड से भी इस मुद्दे पर संपर्क किया, लेकिन रिपोर्ट फाइल किए जाने तक कोई जवाब नहीं मिला. लोग अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि कोई स्थायी समाधान निकलेगा. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com