
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट टेकऑफ के कुछ ही समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस भयावह हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई थी. आज रविवार को गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि विजय रूपाणी के डीएनए का मिलान सुबह 11:10 बजे हो गया और उनके परिवार को इसकी जानकारी दे दी गई है. उनके पार्थिव शरीर को जल्द ही राजकोट ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा. जानकारी के अनुसार चार्टड प्लेन से उनके शव को राजकोट भेजा जाएगा.
अंतिम संस्कार को लेकर राजकोट में तैयारी जारी
पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम संस्कार को लेकर राजकोट में तैयारी जारी है. प्रशासन की तरफ से जारी एक प्रेस नोट के अनुसार अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल होंगे. प्रशासन की तरफ से इसे लेकर विशेष व्यवस्था की गई है. वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है.

विजय रूपाणी का डीएनए मैच होने की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने उनके परिजनों को दी. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने मीडिया को बताया, "सीएम भूपेंद्र पटेल पूर्व सीएम विजय रूपाणी के आवास पर गए और परिवार को बताया कि डीएनए मिलान हो गया है. मुख्यमंत्री ने परिवार को ये भी बताया कि राजकोट में अंतिम संस्कार संपन्न कराने में सरकार उनका सहयोग करेगी. परिवार के सदस्य तय करेंगे कि वे उनका पार्थिव शरीर कब ले जाना चाहते हैं."

विजय रूपाणी एयर इंडिया की उसी फ्लाइट में थे, जो 12 जून को अहमदाबाद में लंदन के लिए रवाना होने से कुछ मिनट बाद क्रैश हो गई थी. प्लेन में 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 लोग मारे गए. प्लेन दुर्घटना में सिर्फ एक व्यक्ति जिंदा बचा, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस दर्दनाक हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया. फिलहाल पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के अंतिम दर्शन के लिए राजकोट के अलग-अलग हिस्सों से लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. प्रशासन ने भी शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए हैं.
विजय रूपाणी के सीएम रहते ही शुरू हुई थी लंदन के लिए उड़ान
आपको बता दें कि विजय रूपाणी ने मुख्यमंत्री रहने के दौरान अहमदाबाद से लंदन के लिए डायरेक्ट फ्लाइट शुरू हुई थी. उस समय किसी ने सोचा तक नहीं था कि उनकी मौत इसी यात्रा के दौरान ऐसे हो जाएगी. विजय रूपाणी की मौत का एक दुखद पहलू ये भी है कि जिस नंबर को वो अपने लिए लकी मानते थे, उसी नंबर पर उनकी मौत हो गई. ये कुदरत के ऐसे फैसले हैं, जिन्हें समझ पाना किसी इंसान के बूते की बात नहीं.
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