इस बार UNSC बैठक की अध्यक्षता करेगा भारत, जानिए किन मुद्दों पर रहेगा फोकस

14 दिसंबर को सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता में उस बात पर बहस होगी कि संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप को कैसे सुधारा जाए कि इसमें सभी  क्षेत्रों की बेहतर भागीदारी हो ताकि ये संस्था वो कर सके जिसके लिए ये बनी.

इस बार UNSC बैठक की अध्यक्षता करेगा भारत, जानिए किन मुद्दों पर रहेगा फोकस

UNSC की बैठक इसी महीने होने वाली है

नई दिल्ली:

इस दिसंबर भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करेगा. चुने हुए सदस्य के दो साल के कार्यकाल में भारत दूसरी बार UNSC की अध्यक्षता करेगा. UNSC की अध्यक्षता के दौरान दो अहम मौके होंगे - बेहतर बहुपक्षीयवाद और काउंटर टेररिज्म. इनकी अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयसंकर करेंगे. 14 दिसंबर को सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता में उस बात पर बहस होगी कि संयुक्त राष्ट्र के मौजूदा स्वरूप को कैसे सुधारा जाए कि इसमें सभी  क्षेत्रों की बेहतर भागीदारी हो ताकि ये संस्था वो कर सके जिसके लिए ये बनी. इस बहस के ज़रिए तय वक्त में सुधार के सुझावों पर चर्चा होगी. इस मौके पर यूएन के सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस और जनरल असेंबली अध्यक्ष  साबा कोरोसी सदस्यों को इस मुद्दे पर जानकारी देंगे. 

एक और कार्यक्रम जो 15 दिसंबर को होगा Threats to International Peace and Security Caused by Terrorist Acts: Global Approach to Counter Terrorism - Challenges and Way Forward है. आतंकवाद एक गंभीर , वैश्विक और अंतरराष्ट्रीय समस्या है. ये समझते हुए कि पिछले कुछ वक्त में आतंक ने एक बार फिर सिर उठाया है- कई प्रकार से और कई जगहों पर - इस ब्रीफिंग में इस बात पर चर्चा होगी कि सभी एक साथ मिलकर कैसे आतंक से लड़ सकते हैं. इसमें अक्टूबर में दिल्ली और मुंबई में हुई बैठकों में लिए निर्णयों पर आगे काम किया जाएगा. 

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इन दो अहम बैठकों के अलावा कई और मुद्दों पर भी चर्चा होगी. इनमें सीरिया- यमन, दाएश के अपराधों की जवाबदेही, सूडान के मदद, कॉंगो के हालात, अफगानिस्तान शामिल हैं. दो बैठकें यूक्रेन पर होंगी, और 1988 तालिबान सैंक्शन कमेटी भी मिलेगी.भारत ने लगातार ग्लोबल साउथ के मुद्दे संयुक्त राष्ट्र में उठाए हैं- चाहे वो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हो, बहुपक्षवाद हो, समुद्री सुरक्षा या यूएन के पीसकीपर्स की तकनीक के ज़रिए सुरक्षा हो. भारत सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि के ज़रिए परिषद के सदस्यों का ध्यान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की तरफ खींचने की कोशिश करता रहा है.