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This Article is From Apr 05, 2024

तेलंगानाः लू से बचाव के लिए दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक बाहर नहीं निकलने का परामर्श जारी

तेलंगाना में शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लू के अलर्ट के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को परामर्श जारी किया कि वे धूप में खासकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच, बाहर निकलने से बचें.

तेलंगानाः लू से बचाव के लिए दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक बाहर नहीं निकलने का परामर्श जारी
हैदराबाद/मुंबई:

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने तेलंगाना में लू को लेकर ‘येलो अलर्ट' जारी किया है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने भी लोगों को सावधानी बरतने को लेकर स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है. राज्य में अधिकतम तापमान के 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने और शुष्क मौसम की संभावना जताई गई है. वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई में अत्याधिक गर्मी की आशंका को देखते हुए स्थानीय निकाय ने ‘कोल्ड रूम' स्थापित किए हैं

तेलंगाना में शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लू के अलर्ट के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को परामर्श जारी किया कि वे धूप में खासकर दोपहर 12 बजे से तीन बजे के बीच, बाहर निकलने से बचें. विभाग ने कहा कि लोग शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय पदार्थ या चीनी वाले पेय पदार्थ का सेवन करने से बचें क्योंकि इससे शरीर के अधिक तरल पदार्थ की हानि होती है या पेट में ऐंठन हो सकती है.

आईएमडी के अनुसार, शनिवार को तेलंगाना के खम्मम, नलगोंडा, सूर्यापेट, महबूबनगर, नगरकुर्नूल, वानपर्ति, नारायणपेट और जोगुलम्बा गदवाल जिलों के अलग-अलग इलाके में लू चलने की संभावना है. उधर, मुंबई में अत्याधिक गर्मी की आशंका को देखते हुए स्थानीय निकाय ने ‘कोल्ड रूम' स्थापित किए हैं और सभी अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्रों में लू लगने की बीमारी के उपचार के लिए संबंधित दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.

बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने 103 ‘हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना' (जन औषधालय) में एसी लगा दिए हैं. विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ चौदह प्रमुख अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में लू की चपेट में आने वाले मरीजों के उपचार के लिए बनाए गए कोल्ड रूम में दो-दो बिस्तर होंगे. रोकथाम के लिए चिकित्सा अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है.''

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अप्रैल और मई तुलनात्मक रूप से अधिक गर्म होते हैं और इसलिए लू लगने का खतरा होता है. स्थानीय निकाय लू लगने से बचने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरुकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.''

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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