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This Article is From Oct 18, 2011

तेलंगाना : स्कूलों में बजी घंटियां, जनजीवन पटरी पर लौटा

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश में पृथक तेलंगाना राज्य की मांग को लेकर एक महीने से अधिक समय से चल रहे आंदोलन के बीच मंगलवार को हालात कुछ सुधरे। लम्बे समय से बंद स्कूल एवं कालेज खुल गए और सार्वजनिक क्षेत्र के सिंगारेनी कोयला खान में भी उत्पादन शुरू हो गया। परिवहन निगम के कर्मचारी पहले ही हड़ताल खत्म कर चुके हैं। इस तरह जीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया। सिंगारेनी में 35 दिनों बाद मंगलवार को दोबारा कोयले का उत्पादन शुरू होने से बिजली का संकट झेल रहे आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित छह राज्यों को राहत मिली। सम्पूर्ण तेलंगाना क्षेत्र में 40 हजार से अधिक स्कूल मंगलवार को खुल गए। इस क्षेत्र में हैदराबाद सहित 10 जिले आते हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हड़ताल के बाद स्कूल खुलने के पहले दिन दो लाख शिक्षक और करीब 52 लाख विद्यार्थी स्कूल आए। निजी स्कूल और महाविद्यालय तथा सरकारी स्कूल तो खुल चुके हैं, लेकिन सरकारी कनिष्ठ महाविद्यालय बुधवार से खुलेंगे। कनिष्ठ महाविद्यालय के व्याख्याता मंगलवार को शिक्षा मंत्री पार्थ सारथी से मिले। उन्होंने तेलंगाना संयुक्त कार्य समिति (जेएसी) की सलाह से हड़ताल खत्म किया। जेएसी अलग राज्य के लिए चल रहे आंदोलन को नेतृत्व दे रहा है। उधर मुख्यमंत्री एन. किरन कुमार रेड्डी से सोमवार रात मुलाकात के बाद शिक्षकों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी। मुख्यमंत्री ने उनकी सभी मांग मान ली लेकिन अलग राज्य की मांग को यह कहकर इनकार कर दिया कि यह उनके दायरे में नहीं आता है। इसके बाद जेएसी ने शिक्षा संस्थान को हड़ताल से अलग कर दिया। शिक्षा संस्थानों के प्रबंधकों ने कहा कि वे शनिवार और अन्य छुट्टियों वाले दिन भी शैक्षिक सत्र लगाकर पाठ्यक्रम पूरा करेंगे। सरकार ने चेतावनी दी थी कि उन स्कूलों की मान्यता समाप्त कर दी जाएगी, जो मंगलवार से संचालन आरम्भ नहीं करेंगे। जेएसी पर शिक्षा संस्थानों को हड़ताल से अलग करने का दबाव था, क्योंकि इससे बच्चों के एक शैक्षिक सत्र का नुकसान हो सकता था। तेलंगाना के चार जिले में स्थित करीब 50 खदानों के मजदूर सोमवार आधी रात को काम पर लौट आए। श्रमिक संगठनों ने अस्थायी तौर पर आंदोलन बंद करने की घोषणा की है। जेएसी के समन्वयक एम. कोडंडरम ने कम्पनी के प्रबंधन से बातचीत करने के बाद श्रमिक संगठनों की ओर से हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की। बातचीत के दौरान कम्पनी प्रबंधन इस बात के लिए भी सहमत हो गया कि मजदूर जितने दिन हड़ताल पर रहे हैं उसे विशेष अवकाश की श्रेणी में शामिल किया जाएगा तथा त्योहार के मौके पर बोनस भी दिया जाएगा। हड़ताल के दौरान दर्ज किए गए मामलों को भी वापस लेने का फैसला किया गया। सिंगारेनी कम्पनी में 35 दिनों बाद मंगलवार को दोबारा कोयले का उत्पादन शुरू हुआ। कोयले की कमी की वजह से ही आंध्र प्रदेश सहित अन्य राज्यों में घेरलू, औद्योगिक और कृषि इकाइयों में बिजली कटौती शुरू कर दी गई थी। हड़ताल की वजह से ताप बिजली घरों में बिजली का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। सिंगारेनी कम्पनी के अधिकारियों का कहना है कि पहली पाली में करीब 22,000 मजदूरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी जबकि इसकी संख्या 40,000 होती है। अधिकारियों ने कहा कि हड़ताल वापस लेने की खबर अभी ज्यादातर मजदूरों को नहीं मिली है। उम्मीद है कि जैसे जैसे यह खबर उन तक पहुंचेगी, खदान में काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी बढ़ेगी और बुधवार तक ही सामान्य स्थिति बहाल होगी। हड़ताल की वजह से सिंगारेनी कम्पनी में 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। करीब 70 हजार सिंगानेरी मजदूर 13 सितम्बर से हड़ताल पर थे। आंध्र प्रदेश सड़क परिवहन निगम (एपीएसआटीसी) के कर्मचारियों ने 28 दिनों के बाद हड़ताल से अलग होने का ऐलान पहले ही कर दिया था।

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