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6 years ago
नई दिल्ली:

सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ मामले (Sohrabuddin Shaikh Encounter Case Verdict) में 13 साल बाद शुक्रवार को फैसला आ गया और सीबीआई की स्पेशल अदालत ने अपने फैसले में सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने माना है कि सोहराबुद्दीन केस में किसी तरह की साजिश की बात की पुष्टि नहीं हुई है. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में साजिश की बात कहीं से भी साबित नहीं हुई. अभियोजन पक्ष लिंक साबित नहीं कर पाया. बता दें कि साल 2005 के इस मामले में 22 लोग मुकदमे का सामना कर रहे थे, जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं. इस मामले पर विशेष निगाह रही है क्योंकि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आरोपियों में शामिल थे. हालांकि, उन्हें 2014 में आरोप मुक्त कर दिया गया था. अमित शाह इन घटनाओं के वक्त गुजरात के गृह मंत्री थे. मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए. 

कोर्ट ने सीबीआई के आरोपपत्र में नामजद 38 लोगों में 16 को सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है. इनमें अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पी सी पांडे और गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डीजी वंजारा शामिल हैं.

 

Sohrabuddin Shaikh Encounter Case Verdict live Updates:

 

-सोहराबुद्दीन मामले में सारे 22 आरोपियों को बरी कर दिया है. किसी के खिलाफ कोई चार्ज सिद्ध नहीं हुआ. सोहराबुद्दीन हत्या मामले में कोर्ट ने माना कि हत्या गोली लगने हुई है लेकिन गोली 22 में से किसी आरोपी ने चलाई थी यह साबित नहीं हुआ. 

 

-बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि हमारा मुकदमा मेरिट पर लड़ा गया. यह रिजल्ट मेरिट पर आया है. विटनेस हॉस्टाइल हो गए थे इसलिए कोर्ट ने उनकी गवाही को सही नहीं माना. 

 

-अभियोजन पक्ष लिंक साबित नहीं कर पाया है.

 

-सोहराबुद्दीन शेख केस: सीबीआई स्पेशल जज ने अपने फैसले में माना है कि सभी गवाह और सबूत संतोषजनक नहीं हैं कि साबित कर सकें कि हत्या में किसी तरह की साजिश थी. कोर्ट ने यह भी माना है कि परिस्थिति जन्य साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं.

 

-कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि सोहराबुद्दीन केस में साजिश की बात साबित नहीं हुई है.

 

-सोहराबुद्दीन मुठभेड़ केस में सभी 22 आरोपी बरी, सीबीआई की विशेष अदालत ने सुनाया फैसला

 

-अब से कुछ देर में सीबीआई कोर्ट सुना सकता है अपना फैसला

 

क्या है पूरा मामला:

सीबीआई के मुताबिक आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था, जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे. सीबीआई के मुताबिक शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई. 

उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया. साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात - राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी. अभियोजन ने इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की जिनमें से 92 मुकर गए. इस बीच, बुधवार को अभियोजन के दो गवाहों ने अदालत से दरख्वास्त की कि उनसे फिर से पूछताछ की जाए. इनमें से एक का नाम आजम खान है और वह शेख का सहयोगी था. 

उसने अपनी याचिका में दावा किया है कि शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले आरोपी एवं पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा. एक अन्य गवाह एक पेट्रोल पंप का मालिक महेंद्र जाला है. अदालत दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला करेगी.

 

ये हैं वो नाम जिन्हें सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को बरी कर दिया है: 


1. मुकेश कुमार लालजी भाई परमार  ( A-4 ) - तत्कालीन डीएस पी                                                                   आरोप -सोहराबुद्दीन और कौसर बी को लाने में मदद और गलत जांच की

2. नारायण सिंह हरि सिंह धाबी (A-5)- इंस्पेक्टर, गुजरात ए टी एस                                                                 आरोप-  सोहराबुद्दीन पर गोली चलाई

3. बालकृष्ण राजेन्द्र प्रसाद चौबे (A-6)- इंस्पेक्टर , गुजरात ए टी एस 

आरोप- सोहराबुद्दीन के एनकाउंटर टीम का सदस्य और मौके पर मौजूद

4. रहमान अब्दुल रशीद  खान ( A-7)- इंस्पेक्टर , राजस्थान पुलिस 

आरोप - सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर करने वाली टीम का सदस्य, मौके पर मौजूद, गोली चलाई और खुफिया सूचना होने का दावा. एफ़ आई आर रजिस्टर्ड कराई.

5. हिमांशु सिंह राजावत ( A-8) - सब इंस्पेक्टर , राजस्थान पुलिस 

आरोप - सोहराबुद्दीन पर गोली चलाई

6. श्यामसिंह जयसिंह चरण (A-9)- सब इंस्पेक्टर, राजस्थान पुलिस 

आरोप - सोहराबुद्दीन पर गोली चलाई

7. अजय कुमार भगवानदास परमार (A-10) - सिपाही, गुजरात पुलिस
आरोप-सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर करने वाली टीम का सदस्य

8. संतराम चंद्रभान शर्मा (A-11)- सिपाही, गुजरात पुलिस
आरोप-सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर करने वाली टीम का सदस्य

9. नरेश विष्णुभाई चौहान (A-13) - सब इंस्पेक्टर, गुजरात पुलिस 

आरोप- कौसर भी फार्म हाउस में बंद कर रखने और फिर शव को नष्ट करने में मदद

10. विजयकुमार अर्जुभाई राठौड़ (A-14)- इंस्पेक्टर, गुजरात पुलिस 

आरोप- कौसरबी को गायब करने के साजिश में शामिल

11. राजेन्द्रकुमार जीरावला ( A-19)- अरहान फार्म हाउस का मालिक

आरोप- कौसर बी को बंद कर रखे जाने की ज़ानकारी ओर मदद 

12. घट्टमनेनी श्रीनिवास राव ( A- 23)- सब इंस्पेक्टर, आंध्रप्रदेश पुलिस

आरोप- सोहराबुद्दीन और कौसर बी का गुजरात तक लाने में मदद

13. आशीष अरुणकुमार पंड्या ( A-25) - सब इंस्पेक्टर , गुजरात पुलिस 

आरोप- तुलसी प्रजापति पर गोली चलाई

14. नारायण सिंह फते सिंह चौहान ( A-26) 

15- युवधिरसिंह नाथूसिंह चैहान ( A-27) 

16. करतार सिंह यादराम जाट ( A-29) 

17. जेठू सिंह मोहनसिंह सोलंकी ( A-30) 

18. कानजीभाई नरनभाई कच्छी ( A- 31) 

19. विनोदकुमार अमृतकुमार लिम्बाचिया ( A- 32) 

20. किरणसिंह हलाजी चौहान ( A- 33) 

21. करणसिंह अर्जुनसिंह सिसोदिया( A-34) 

 

ये सभी गुजरात और राजस्थान पुलिसकर्मी हैं. आरोप- तुलसी प्रजापति का एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल

 

22. रमनभई कोदारभाई पटेल ( A-38)- गुजरात CID का जांच अधिकारी 

आरोप - सोहराबुद्दीन मुठभेड़ जांच में लीपापोती

 

ये नाम पहले ही हो चुके थे आरोप मुक्त:

 

  1. डी जी वंजारा , डीआईजी गुजरात एटीएस
  2. जकुमार पांडियन, एसपी गुजरात 
  3. दिनेश एम एन, एसपी राज्यस्थान 
  4. नरेंद्र अमीन, डिवाय एसपी, गुजरात
  5. अभय चुडासमा, एसपी गुजरात 
  6. अमित शाह, गृह राज्य मंत्री गुजरात 
  7. अजय पटेल
  8. यशपाल सिंह चुडासमा 
  9. विमल पटनी, मार्बल व्यपारी 
  10. गुलाबचंद कटारिया, गृहमंत्री राजस्थान 
  11. एन एल बालसुब्रमण्यम, एसपी आंध्र प्रदेश
  12. दलपत सिंह राठौर, हेड कॉन्स्टेबल राजस्थान
  13. प्रशांत पांडे, डीजीपी गुजरात 
  14. गीता जौहरी, आईजीपी गुजरात 
  15. ओम प्रकाश माथुर, एडीजीपी गुजरात
  16. विपुल अग्रवाल, एसपी गुजरात
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