
काली हल्दी और पीली हल्दी के बीच मंत्रोच्चारण... बाल खोलकर बैठा बाबा और उसके सामने बैठे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री भरत गोगावले. एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें शिवसेना नेता भरत गोगावले कथिततौर पर 'अघोरी पूजा' करते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को लेकर भरत गोगावल पर उद्धव ठाकरे गुट के साथ-साथ बीजेपी नेता भी हमलावर हो गए हैं. इस वीडियो में भरत गोगावले एक बंगाली बाबा के साथ पूजा करते नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह पूजा अक्टूबर 2024 में विधानसभा चुनावों से एक महीने पहले की गई थी, जिसे जीत सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कराया गया था. हालांकि, भरत गोगावले ने अघोरी पूजा के आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बताया है.
इस नए वीडियो को महायुती के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गट) के प्रवक्ता सूरज चव्हाण ने ही सार्वजनिक किया है. वीडियो में एक बाबा खुले बालों के साथ मंत्रोच्चारण करते दिख रहे हैं, जबकि भरत गोगावले पूजा में भाग लेते नजर आ रहे हैं. इससे पहले शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता वसंत मोरे ने भी गोगावले पर अघोरी पूजा का आरोप लगाते हुए एक वीडियो सार्वजनिक किया था.

वसंत मोरे ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'अगर ये पूजा अघोरी नहीं थी, तो भरत गोगावले निर्वस्त्र होकर उसमें क्यों बैठे थे? अब तक तो बस काली हल्दी और पीली हल्दी ही बाहर नहीं निकली है, गोगावले से जुड़ी और भी कई बातें सामने आएंगी.' मोरे ने आगे कहा, 'गोगावले के सामने बाल खोलकर बैठा बाबा कौन है? ये जनता को बताना चाहिए. अगर आप जनता के लिए काम करते, तो ऐसे कर्मकांड करने की ज़रूरत नहीं पड़ती.'
हालांकि, भरत गोगावले ने अघोरी पूजा के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए सफाई दी है, 'मैंने कोई अघोरी पूजा नहीं की है. कई साधू-संत मेरे घर आते हैं, यह वीडियो उसी समय का है. इसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है.'
इस बीच, भाजपा नेता नितेश राणे भी विवाद में कूद पड़े. उन्होंने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, 'अघोरी पूजा क्या होती है, ये मातोश्री के तीसरे माले पर जाकर पूछिए. उद्धव ठाकरे खुद इसमें विशेषज्ञ हैं.'
अब यह मामला केवल शिवसेना के गुटों के बीच नहीं, बल्कि महायुती के नेताओं के भीतर ही राजनीतिक मुद्दा बन गया है. इस विवाद के बीच अंधश्रद्धा निर्मूलन संघर्ष समिति से भी मांग की जा रही है कि वह इस वायरल वीडियो की जांच करे और यह स्पष्ट करे कि यह पूजा वास्तव में अघोरी थी या नहीं?
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