मुंबई:
शिवसेना ने जम्मू कश्मीर के उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह पर हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने को लेकर उनकी ‘‘दुर्घटना’’ टिप्पणी के लिए यह कहते हुए निशाना साधा कि यह आतंकवादियों का ‘‘समर्थन’’ करने और सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के ‘‘अपमान’’ के बराबर है।
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि यह टिप्पणी रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मुश्किल स्थिति में डालेगी जिन्होंने हाल में कहा था कि देश के खिलाफ बोलने वालों को ‘‘एक सबक सिखाने’’ की जरूरत है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है, ‘‘पर्रिकर ने केवल लोगों की भावनाएं व्यक्त की थीं लेकिन वह कौन है जो हमारे जवानों को हतोत्साहित कर रहा है? यदि पाकिस्तान आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने पर दुख जताये तो समझा जा सकता है। लेकिन वह (जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री) महबूबा मुफ्ती थीं जिन्होंने सबसे पहले उसके मारे जाने पर आंसू बहाये थे और उसके बाद वह निर्मल सिंह हैं जिन्होंने कथित तौर पर उसे एक दुर्घटना करार दिया।’’
सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में वानी को मार गिराने पर बात करते हुए निर्मल सिंह ने 30 जुलाई को कहा था, ‘‘पुलिस और सुरक्षा बलों ने हमें (सरकार) बताया कि उन्हें नहीं पता कि आतंकवादी कौन है। वह एक दुर्घटना थी क्योंकि जब कोई अभियान संचालित किया जाता है, ऐहतियात बरते जाते हैं लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इस तरह का होगा। यदि हमें पता होता तो इसकी तैयारियां की गई होतीं।’’
संपादकीय में लिखा है, ‘‘यह एक ओर आतंकवादियों का समर्थन करने और दूसरी ओर शहीद जवानों का अपमान करने के बराबर है। इससे पर्रिकर के लिए चुनौती खड़ी होगी जो देश के खिलाफ बोलने वालों को सबक सिखाने की बाते करते हैं।’’ इसमें लिखा है, ‘‘फिल्मी सितारों को सबक सिखाना आसान है जो कभी कभी बिना सोचे समझे बोलते हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनते हैं और ऐसे बयान देते हैं?’’
इसमें लिखा है कि यदि वानी का मारा जाना एक दुर्घटना है तो जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार भी एक दुर्घटना है। इसमें पूछा गया है, ‘‘आप क्या करेंगे यदि लोग अपना मन बना लें कि जम्मू कश्मीर में यह सरकार एक दुर्घटना है?’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कहा कि यह टिप्पणी रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को मुश्किल स्थिति में डालेगी जिन्होंने हाल में कहा था कि देश के खिलाफ बोलने वालों को ‘‘एक सबक सिखाने’’ की जरूरत है।
शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में लिखा है, ‘‘पर्रिकर ने केवल लोगों की भावनाएं व्यक्त की थीं लेकिन वह कौन है जो हमारे जवानों को हतोत्साहित कर रहा है? यदि पाकिस्तान आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने पर दुख जताये तो समझा जा सकता है। लेकिन वह (जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री) महबूबा मुफ्ती थीं जिन्होंने सबसे पहले उसके मारे जाने पर आंसू बहाये थे और उसके बाद वह निर्मल सिंह हैं जिन्होंने कथित तौर पर उसे एक दुर्घटना करार दिया।’’
सुरक्षा बलों द्वारा मुठभेड़ में वानी को मार गिराने पर बात करते हुए निर्मल सिंह ने 30 जुलाई को कहा था, ‘‘पुलिस और सुरक्षा बलों ने हमें (सरकार) बताया कि उन्हें नहीं पता कि आतंकवादी कौन है। वह एक दुर्घटना थी क्योंकि जब कोई अभियान संचालित किया जाता है, ऐहतियात बरते जाते हैं लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इस तरह का होगा। यदि हमें पता होता तो इसकी तैयारियां की गई होतीं।’’
संपादकीय में लिखा है, ‘‘यह एक ओर आतंकवादियों का समर्थन करने और दूसरी ओर शहीद जवानों का अपमान करने के बराबर है। इससे पर्रिकर के लिए चुनौती खड़ी होगी जो देश के खिलाफ बोलने वालों को सबक सिखाने की बाते करते हैं।’’ इसमें लिखा है, ‘‘फिल्मी सितारों को सबक सिखाना आसान है जो कभी कभी बिना सोचे समझे बोलते हैं। लेकिन उनके बारे में क्या जो राष्ट्रवाद का मुखौटा पहनते हैं और ऐसे बयान देते हैं?’’
इसमें लिखा है कि यदि वानी का मारा जाना एक दुर्घटना है तो जम्मू कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार भी एक दुर्घटना है। इसमें पूछा गया है, ‘‘आप क्या करेंगे यदि लोग अपना मन बना लें कि जम्मू कश्मीर में यह सरकार एक दुर्घटना है?’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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