
Statue of Unity Inauguration : सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण हुआ
नई दिल्ली:
गुजरात के केवड़िया में पीएम मोदी ने जब सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया, तो यह सरदार बल्लभभाई पटेल के परिवार के लिए गौरव की बात थी. सरदार पटेल के नाती-पोते ने काफी गर्व महसूस किया. बता दें कि सरदार पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी सो दोगुना लंबा है और करीब 2989 करोड़ रुपये की लागत से बनी है. यह गुजरात में नर्मदा बांध के पास में है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा बुधवार को देश को समर्पित करते हुए कहा कि यह भारत को विखंडित करने के प्रयासों को विफल करने वाले व्यक्ति के साहस की याद दिलाती रहेगी. गुजरात के राज्यपाल ओ. पी.कोहली, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के लोकार्पण के दौरान मौजूद थे. प्रतिमा का लोकार्पण सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर हो रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि सरदार पटेल ने देश का एकीकरण नहीं किया होता तो हमें बब्बर शेरों को देखने, सोमनाथ के दर्शन करने और हैदराबाद में चारमीनार देखने के लिए वीजा की जरूरत पड़ती.
सरदार पटेल के छोटे भाई की पोती मृदुला ने कहा कि मुझे ऐसा लगा जैसे सरदार पटेल हमारी जिंदगी में वापस आ गए. पूरी दुनिया देख रही है. हम काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और काफी खुश हैं. पीएम मोदी ने बड़ा काम किया है. जो लोग पटेल को भूल गये हैं, अब वे उन्हें याद रखेंगे. अगली पीढ़ी भी अब उन्हें जान पाएगी. लोग यहां आने और प्रतिमा देखने को मजबूर हो जाएंगे.
सरदार पटेल के परिवार ने कहा कि अगर कोई सरदार पटेल के नाम का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए करता है तो उन्हें काफी अच्छा महसूस होता है.
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मृदुला के भाई भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सरदार पटेल जितना परिवार से प्यार करते थे, उतने ही अपने देश से भी. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दी. वह कोई पैसा और पद नहीं चाहते थे. जब परिवार के पास पैसे नहीं थे, तब उन्होंने मेरे दादा जी को पढ़ने के लिए बॉम्बे भेज दिया. वह निस्वार्थी इंसान थे.
भूपेंद्र ने आगे कहा कि हालांकि, उन्होंने कभी परिवार को दिल्ली आने के लिए उत्साहित नहीं किया. वह अपने पद का फायदा नहीं उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कभी दिल्ली परिवार को नहीं बुलाया. मृदुला ने सरदार पटेल को उनके काम के बदले उस तरह के सम्मान न करने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया.
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की खासयितें:
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.
इस मूर्ति का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है. देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं. वह इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
सरदार पटेल के छोटे भाई की पोती मृदुला ने कहा कि मुझे ऐसा लगा जैसे सरदार पटेल हमारी जिंदगी में वापस आ गए. पूरी दुनिया देख रही है. हम काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और काफी खुश हैं. पीएम मोदी ने बड़ा काम किया है. जो लोग पटेल को भूल गये हैं, अब वे उन्हें याद रखेंगे. अगली पीढ़ी भी अब उन्हें जान पाएगी. लोग यहां आने और प्रतिमा देखने को मजबूर हो जाएंगे.
सरदार पटेल के परिवार ने कहा कि अगर कोई सरदार पटेल के नाम का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए करता है तो उन्हें काफी अच्छा महसूस होता है.
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मृदुला के भाई भूपेंद्र पटेल ने कहा कि सरदार पटेल जितना परिवार से प्यार करते थे, उतने ही अपने देश से भी. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दी. वह कोई पैसा और पद नहीं चाहते थे. जब परिवार के पास पैसे नहीं थे, तब उन्होंने मेरे दादा जी को पढ़ने के लिए बॉम्बे भेज दिया. वह निस्वार्थी इंसान थे.
भूपेंद्र ने आगे कहा कि हालांकि, उन्होंने कभी परिवार को दिल्ली आने के लिए उत्साहित नहीं किया. वह अपने पद का फायदा नहीं उठाना चाहते थे, इसलिए उन्होंने कभी दिल्ली परिवार को नहीं बुलाया. मृदुला ने सरदार पटेल को उनके काम के बदले उस तरह के सम्मान न करने के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाया.
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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है. प्रतिमा अपने आप में अनूठी है. इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है.
इस मूर्ति का निर्माण राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ है. देश-विदेश में अपनी शिल्प कला का लोहा मनवाने वाले राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था. इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है. इसके अलावा वे बांबे आर्ट सोसायटी के लाइफ टाइम अचीवमेंट समेत अन्य पुरस्कार से भी नवाजे गए हैं. वह इन दिनों मुंबई के समुंदर में लगने वाली शिवाजी की प्रतिमा की डिजाइन भी तैयार करने में जुटे हैं. महाराष्ट्र सरकार का कहना है कि यह प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को भी पीछे छोड़ देगी और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.
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