कोयंबटूर:
शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक गांव में एक दुर्लभ प्रजाति का करीब तीन फुट लंबा 'उड़ने वाला' सांप दिखाई दिया।
वेंकटेसन नाम के एक किसान ने पिछले शनिवार को देखा कि एक सांप उसके खेत में अपने शिकार को पकड़ने के लिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ के बीच उड़ान भर रहा है। सांप पकड़ने वाला एक दल उस सांप को तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ सका।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार इस तरह के सांप सूखे क्षेत्र में पाए जाते हैं, जैसे कि कंबोडिया, वियतनाम और श्रीलंका और भारत में इनकी उपस्थिति दुर्लभ है।
इस सांप को क्रिसोपेलिया के तौर पर जाना जाता है। यह हवा में भूमि के क्षैतिज दिशा में उड़ान भर सकता है और 20 फुट तक बिना रूके छलांक लगा सकता है। सांप को पकड़ने के बाद उसे पश्चिमी घाट के पुथुपाथी के वनक्षेत्र में छोड़ दिया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
वेंकटेसन नाम के एक किसान ने पिछले शनिवार को देखा कि एक सांप उसके खेत में अपने शिकार को पकड़ने के लिए एक पेड़ से दूसरे पेड़ के बीच उड़ान भर रहा है। सांप पकड़ने वाला एक दल उस सांप को तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ सका।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार इस तरह के सांप सूखे क्षेत्र में पाए जाते हैं, जैसे कि कंबोडिया, वियतनाम और श्रीलंका और भारत में इनकी उपस्थिति दुर्लभ है।
इस सांप को क्रिसोपेलिया के तौर पर जाना जाता है। यह हवा में भूमि के क्षैतिज दिशा में उड़ान भर सकता है और 20 फुट तक बिना रूके छलांक लगा सकता है। सांप को पकड़ने के बाद उसे पश्चिमी घाट के पुथुपाथी के वनक्षेत्र में छोड़ दिया गया।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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