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This Article is From Jan 23, 2021

'राजपथ पर राम मंदिर', गणतंत्र दिवस की झांकी में भव्य मंदिर के मॉडल और अयोध्या के दीपोत्सव का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश की झांकी में एक ओर मिट्टी के बने दीये जगमगा रहे होंगे, जो अयोध्या के दीपोत्सव के प्रतीक होंगे. वहीं, अन्य भित्ति चित्रों में भगवान राम द्वारा निषादराज को गले लगाते और शबरी के जूठे बेर खाते, अहिल्या का उद्धार, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाया जाना, जटायू-राम संवाद, लंका नरेश की अशोक वाटिका और अन्य दृश्यों को दिखाया जाएगा.

झांकी के अग्रिम हिस्से में महर्षि वाल्मीकि की एक प्रतिमा विराजमान होगी और इसके पीछे मंदिर का प्रारूप मौजूद रहेगा.

नई दिल्ली:

गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड में 26 जनवरी को यहां राजपथ पर इस साल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की झांकी में प्राचीन शहर अयोध्या की धरोहर, भव्य राम मंदिर की प्रतिकृति, दीपोत्सव की झलक और पौराणिक ग्रंथ रामायण की विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा. अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि झांकी के अग्रिम हिस्से में महर्षि वाल्मीकि की एक प्रतिमा विराजमान होगी और इसके पीछे मंदिर का प्रारूप मौजूद रहेगा.

उत्तर प्रदेश की टीम के साथ आए राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘अयोध्या हमारा पवित्र स्थान है और राम मंदिर मुद्दे से श्रद्धालुओं का भावनात्मक जुड़ाव रहा है. हमारी झांकी में (अयोध्या) नगर की प्राचीन धरोहर को दिखाया जाएगा.''उत्तर प्रदेश की झांकी में नृत्य करती दो महिलाओं सहित कलाकारों का एक समूह भी दिखेगा. इनके अलावा भगवान राम की वेशभूषा में एक व्यक्ति भी झांकी में दिखेगा.

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शुक्रवार को दिल्ली छावनी स्थित गणतंत्र दिवस सांस्कृतिक शिविर में कुल 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न झांकियों से मीडिया को अवगत कराया गया. पीले रंग की रेशम की धोती और गले में रूद्राक्ष की माला पहने तथा हाथ में धनुष लिए चंदौली जिला निवासी अजय कुमार ने कहा, ‘‘मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि अयोध्या एवं इसकी धरोहर को झांकी में प्रदर्शित किया जाएगा और मुझे भगवान राम की भूमिका निभाने के लिए चुना गया है.''

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उत्तर प्रदेश की झांकी में एक ओर मिट्टी के बने दीये जगमगा रहे होंगे, जो अयोध्या के दीपोत्सव के प्रतीक होंगे. वहीं, अन्य भित्ति चित्रों में भगवान राम द्वारा निषादराज को गले लगाते और शबरी के जूठे बेर खाते, अहिल्या का उद्धार, हनुमान द्वारा संजीवनी बूटी लाया जाना, जटायू-राम संवाद, लंका नरेश की अशोक वाटिका और अन्य दृश्यों को दिखाया जाएगा.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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