
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और सैन्य मामलों विभाग (डीएमए) के सचिव जनरल अनिल चौहान को भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए संयुक्त आदेश जारी करने का अधिकार प्रदान किया है. यह निर्णय भारतीय सशस्त्र बलों के एकीकरण और दक्षता को नई दिशा देने वाला माना जा रहा है. रक्षा मंत्रालय ने इस पहल को सशस्त्र बलों के कायाकल्प की दिशा में “ऐतिहासिक कदम” बताया है, जिससे एक अधिक समन्वित, सक्रिय और एकीकृत सैन्य प्रणाली की नींव रखी जाएगी. मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय उस पुराने चलन को समाप्त करता है, जिसमें तीनों सेनाएं समान विषयों पर अपने-अपने अलग निर्देश जारी करती थीं.
इस अधिकार के तहत 14 जून को जनरल अनिल चौहान द्वारा पहला संयुक्त आदेश जारी किया गया. यह आदेश ‘संयुक्त निर्देशों और आदेशों की स्वीकृति, प्रकाशन और क्रम निर्धारण' से संबंधित है, जिसका उद्देश्य सैन्य प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना, दोहराव को खत्म करना और तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करना है. इससे संचालन में दक्षता, पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित हो सकेगी.
मंत्रालय के अनुसार- यह निर्णय सैन्य एकता की दिशा में एक निर्णायक पहल है, जो सशस्त्र बलों की साझा रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता को और मज़बूत करता है. यह कदम विशेष रूप से 'एकीकृत थिएटर कमान' (Integrated Theatre Commands) की स्थापना के संदर्भ में निर्णय प्रक्रिया को और अधिक तेज़, प्रभावी और समन्वित बनाएगा. गौरतलब है कि वर्तमान में देशभर में भारतीय सशस्त्र बलों की कुल 17 एकल-सेवा कमानें कार्यरत हैं — जिसमें थल सेना और वायुसेना की सात-सात, तथा नौसेना की तीन कमानें शामिल हैं. सीडीएस न केवल चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष हैं, बल्कि वे त्रिसेना मामलों पर सरकार को निष्पक्ष, संतुलित और समग्र सैन्य सलाह देने की ज़िम्मेदारी भी निभाते हैं. यह पहल ‘संयुक्तता के एक नए युग' की शुरुआत मानी जा रही है — जो सशस्त्र बलों में एकजुटता, उद्देश्यबोध और समर्पण की भावना को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी.
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