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This Article is From Mar 21, 2018

मैथिली लिपि को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की जल्द ही बैठक बुला सकते हैं प्रकाश जावड़ेकर

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मैथिली भाषा के विशेषज्ञों की जल्द ही एक बैठक बुला सकते हैं

मैथिली लिपि को बढ़ावा देने के लिए विशेषज्ञों की जल्द ही बैठक बुला सकते हैं प्रकाश जावड़ेकर
प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मैथिली भाषा के विशेषज्ञों की जल्द ही एक बैठक बुला सकते हैं. बता दें कि बिहार के एक विशाल क्षेत्र और झारखंड के कुछ हिस्सों में मैथिली भाषा बोली जाती है. बिहार योजना परिषद के सदस्य और जनता दल यूनाइटेड के नेता संजय झा ने सोमवार को दिल्ली में जावड़ेकर से मुलाकात के बाद इस बात को लेकर आश्वस्त किया. 

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झा ने कहा कि उन्होंने प्रकाश वावड़ेकर को एक समिति का गठन करने की अपील की और साथ ही मैथिली लिपि को संरक्षित करने और प्रचार करने के लिए जरूरी फंड उपलब्ध कराने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में पहली एनडीए की सरकार बनी थी उसी दौरान मैथिली भाषा को 8वीं अनुसूची में स्थान मिला था, अब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दोबारा एनडीए की सरकार है तो मैथिली लिपि से प्रचार-प्रसार के लिए सरकार मजबूत कदम उठाएगी. आधिकारिक तौर पर यूपीएससी के उम्मीदवारों को परीक्षा में विषयों में से एक में मैथिली चुनने की अनुमति प्रदान है. 

उन्होंने कहा कि बैठक में मानव संसाधन मंत्री ने उनकी मांगों पर सहमति जता दी है और कहा कि इस संबंध में जो भी मदद होगी, वह की जाएगी. गौरतलब है कि मैथिली बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में विशाल स्तर पर बोली जाती है. खासकर नॉर्थ बिहार में इसे खूब बोली जाती है. 

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