प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोरोना के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए कई नए दिशा निर्देश जारी किये. गृह मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना संकट पर एक समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत किया जाये. साथ ही, प्रधानमंत्री ने 15-18 साल के बच्चों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया को और तेज करने का भी निर्देश दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी एक मीडिया नोट के मुताबिक, स्वास्थ्य सचिव ने देश के जिन राज्यों और क्षेत्रों में कोरोना के मामले सबसे तेजी से बढे हैं, उस पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन किया. साथ ही, आने वाले दिनों में कोरोना के मामलों में संभावित वृद्धि की संभावनाओं को लेकर भी साक्ष्य पेश किये.
बैठक में भारत सरकार की तरफ से "कोविड रिस्पांस पैकेज" के तहत ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्यों की दी जा रही सहायता - जैसे ICU बेड और ऑक्सीजन की उपलब्धता में बढ़ोतरी के साथ-साथ कोविड से जुड़ी दवाइयों की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई. प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि वायरस के वैरिएंट जिस तेजी से सामने आ रहे हैं, उनसे निपटने के लिए वैज्ञानिक स्तर पर हर संभव तैयारी की जानी चाहिए. साथ ही, उन्होंने जीनोम सिक्वेंसिंग व्यवस्था को मजबूत करने पर भी पहल का सुझाव दिया. पिछले 16 दिन में प्रधानमंत्री की कोरोना संकट पर ये दूसरी बैठक थी. प्रधानमंत्री मोदी ने तय किया है कि मुख्यमंत्रियों के साथ जल्द ही राज्य स्तर पर कोरोना के हालात और उससे निपटने की उनकी तैयारी की समीक्षा करने के लिए वो एक अहम बैठक करेंगे. जाहिर है, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार में चिंता बढ़ रही है और आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरे तो केंद्र सरकार को राज्य सरकारों के साथ मिलकर और सख्त कदम उठाने होंगे.
भारत का टीकाकरण अभियान दुनिया के बड़े देशों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं: पीएम मोदी
बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना के इलाज की बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं. किशोरों के वैक्सीनेशन का अभियान मिशन मोड में चलाया जाए. पीएम ने कहा, वैज्ञानिक शोध, टेस्टिंग, वैक्सीन और औषधीय विकास के बीच यह देखा जा रहा है कि कोरोना वायरस लगातार तेजी से रुख बदल रहा है. गैर कोविड चिकित्सा सेवाएं भी पहले की तरह बिना किसी बाधा के चलती रहें. टेलीमेडिसिन और अन्य सेवाओं के जरिये भी लोगों को दूरदराज से भी चिकित्सा सलाह मुहैया कराई जाए. ग्रामीण इलाकों के लोगों को भी लाभ मिलेगा.
दिल्ली में कोरोना के 22 हजार से ज्यादा नए मरीज, 8 माह के बाद इतने ज्यादा नए मामले मिले
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले समीक्षा बैठक में कहा था कि कोरोना महामारी का दौर अभी खत्म नहीं हुआ है और सतर्कता और सावधानी ही बचाव का एकमात्र रास्ता है. उन्होंने सभी लोगों से कोविड प्रोटोकॉल के सभी मानकों का पूरी तरह से पालन करने को भी कहा था. तब से अब तक भारत में कोरोना के सक्रिय मरीज 80 हजार से बढ़कर 6 लाख तक पहुंच गए हैं. यह डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए चिंता का सबब बन सकता है. एम्स, आरएमएल समेत दिल्ली के कई अस्पतालों, संसद भवन के सैकड़ों कर्मचारी और सुप्रीम कोर्ट के चार जज समेत तमाम स्टाफ इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं. दिल्ली में पहले ही वीकेंड कर्फ्यू लागू किया जा चुका है.
मुंबई में कोरोना के 19,474 नए मामले, नई पाबंदियों के बीच थोड़ा घटे मामले
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु समेत बड़े शहरों में सबसे ज्यादा संक्रमण सामने आ रहा है. देश में रविवार को कोरोना वायरस के करीब 1.6 लाख नए मरीज सामने आए हैं, जो पिछले 224 दिन में रोजाना के सबसे ज्यादा मामले हैं. जबकि सक्रिय मरीजों की संख्या 6 लाख के करीब पहुंच गई है, जो करीब 197 दिन में सर्वाधिक है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से हुई इस बैठक में कोविड-19 की ताजा स्थिति की समीक्षा की.रविवार को कोविड-19 के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन के 552 नए मामले सामने आए हैं. इससे संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 3,623 हो गई है.
देश में पिछले 24 घंटे में 327 लोगों की मौत होने के बाद मृतकों की तादाद 4,83,790 हो गई है. ओमिक्रॉन के 3623 मरीजों में से 1409 या तो देश से बाहर चले गए हैं या स्वस्थ हो गए हैं. महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के सर्वाधिक 1,009 मामले सामने आए हैं. दिल्ली में 513, कर्नाटक में 441, राजस्थान में 373, केरल में 333 और गुजरात में 204 मामले मिले हैं.
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