
वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 ने वकीलों के दायित्व निभाने का तरीका बदल दिया है और इससे मुकदमे में आने वाले खर्च में कमी आई हैं. बेनेट विश्वविद्यालय द्वारा ‘कोविड-19: संवैधानिक एवं कानूनी जटिलताएं' विषय पर आयोजित वेब-संगोष्ठी (वेबिनार) को संबोधित करते हुए पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने महामारी के दौरान न्याय प्रदायगी की जमीनी हकीकतों पर विचार व्यक्त किए.
रोहतगी ने कहा, ‘‘न्यायाधीश और वकील अपने-अपने आवासों से मामलों की की सुनवाई कर रहे हैं और दलील दे रहे हैं. अदालतों के समक्ष पेश होने के लिए ड्रेस कोड बदल गया है. मामलों को भौतिक रूप से दायर करने की जगह अब मामले ऑनलाइन दायर किए जा रहे हैं.''
उन्होंने कहा कि सबसे महत्ववपूर्ण बात यह है कि मुकदमों में आने वाले खर्च में कमी आई है. रोहतगी ने कहा कि आगे जब फिर से भौतिक सुनवाई शुरू हो तो दो प्रणालियों का एकीकरण होना चाहिए. नयी ऑनलाइन प्रणाली बरकरार रखी जानी चाहिए.
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