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This Article is From Feb 07, 2017

पन्नीरसेल्वम ने की शशिकला के खिलाफ बगावत, कहा - जयललिता चाहती थीं कि मैं सीएम बनूं

पन्नीरसेल्वम ने की शशिकला के खिलाफ बगावत, कहा - जयललिता चाहती थीं कि मैं सीएम बनूं
चेन्नई: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में आंतरिक कलह के बीच ओ. पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ खुलकर बगावत कर दी. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता चाहती थीं कि अगर उन्हें कुछ हो जाए तो मैं मुख्यमंत्री बनूं. उन्होंने कहा कि अम्मा (जयललिता) के सपनों पूरा करने के लिए मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया. पन्नीरसेल्वम ने कहा, जो राज्य के हितों की रक्षा कर सकता है, उसे ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि यदि जनता चाहेगी तो वह तमिलनाडु सीएम के पद से अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं. वहीं, पन्नीरसेल्वम की खुली बगावत के बाद शशिकला के आवास पर विधायकों की आपात बैठक बुलाई गई.

पन्नीरसेल्वम मंगलवार रात को जयललिता की समाधि पर गए और वहां अकेले में कुछ देर तक ध्यान किया. वह वहां करीब 40 मिनट तक रहे. इस दौरान बड़ी तादाद में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता और अन्य लोग उन्हें देखने के लिए जमा हो गए. बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए आत्मा कचोट रही थी, इसलिए यहां आया. उन्होंने कहा कि देश को और अपनी पार्टी के सदस्यों को कुछ सच्चाई बताना चाहता हूं.

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जयललिता के निधन के बाद उनका मुख्य काम पार्टी और सरकार की छवि की रक्षा करना था जैसा कि दिवंगत मुख्यमंत्री छोड़कर गई थीं, लेकिन उनके प्रयासों को 'ध्वस्त' करने की कोशिश की गई. उन्होंने कहा कि बीते रविवार को उन्हें जयललिता के निवास पोइस गार्डन बुलाया गया जहां शशिकला रह रही हैं. आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक, मंत्री और उनके परिजन मौजूद थे. उन्होंने कहा, 'मुझे बैठक के लिए बुलाया गया जिसके विषय के बारे में मुझे पता नहीं था. मैं चिनम्मा (शशिकला) के पास गया और उन लोगों ने मुझसे इस्तीफे के लिए कहा.

पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुझे शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस्तीफा देना चाहिए. मैंने उनसे पूछा कि विधायकों की बैठक की क्या जरूरत है. उन्होंने कहा कि पार्टी महासचिव और मुख्यमंत्री पद एक व्यक्ति के पास होने चाहिए.'

उधर, शशिकला के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर मंगलवार को अनिश्चितता रही, क्योंकि राज्यपाल विद्यासागर राव ने चेन्नई आने की अपनी योजना टाल दी. इस बीच अन्नाद्रमुक और बागी नेताओं के बीच जयललिता की मृत्यु को लेकर आरोप प्रत्यारोप तेज हो गया.

राज्यपाल विद्यासागर राव की योजना को लेकर अनिश्चितता के मद्देनजर अन्नाद्रमुक ने इस बात पर जोर दिया कि शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व है और इसे रोकने का कोई आधार नहीं है.

मुंबई में राजभवन सूत्रों ने बताया कि राव मुंबई में हैं और फिलहाल चेन्नई जाने की उनकी कोई योजना नहीं है. सूत्रों ने यह संकेत दिया कि वह बुधवार को कोई निर्णय कर सकते हैं. राव महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और वह तमिलनाडु का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.

मंगलवार को पूर्व विधानसभाध्यक्ष पी.एच. पांडियन और उनके पुत्र एवं अन्नाद्रमुक पदाधिकारी मनोज ने जयललिता की मृत्यु पर संदेह व्यक्त किया और आरोप लगाया कि उनके पोयेस गार्डन आवास पर एक झगड़ा हुआ था जिस दौरान उन्हें 'नीचे धक्का दे दिया गया’' और वह बेहोश हो गईं. इसके बाद उन्हें 22 सितम्बर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. पांडियन ने इसके साथ ही जयललिता की निकट सहयोगी वी. के. शशिकला को तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनाये जाने का भी कड़ा विरोध किया. (इनपुट एजेंसी से)

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