विज्ञापन

अब 100 फीसदी डिजिटल होगी सांसदों की उपस्थिति: लोकसभा में शुरू हुआ ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम

नई संसद भवन में सांसद अब अपनी निर्धारित सीट पर बैठकर ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे. पहले उन्हें संसद में प्रवेश से पूर्व टैबलेट पर स्टाइलस के माध्यम से हस्ताक्षर करने होते थे, जिससे समय भी लगता था और कई बार कतारें भी लगती थीं. अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है.

अब 100 फीसदी  डिजिटल होगी सांसदों की उपस्थिति: लोकसभा में शुरू हुआ ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम
  • लोकसभा में सांसदों की उपस्थिति अब मल्टी मीडिया डिवाइस के माध्यम से डिजिटल तरीके से ऑनलाइन दर्ज की जाएगी, जिससे पारंपरिक हस्ताक्षर की जरूरत समाप्त होगी.
  • सांसद अपनी निर्धारित सीट पर बैठकर अंगूठे की छाप, पिन नंबर या स्मार्ट कार्ड के जरिए उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे, जिससे ये प्रक्रिया तेज और सुरक्षित होगी.
  • नई डिजिटल प्रणाली के लागू होने से उपस्थिति दर्ज करने में लगने वाला समय औसतन दो से तीन मिनट से घटकर कुछ सेकंड्स हो जाएगा, जिससे सांसदों का समय बचेगा.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

लोकसभा में सांसदों की उपस्थिति दर्ज करने की प्रणाली को अब डिजिटल बना दिया गया है. नई व्यवस्था के तहत, सांसद अब मल्टी मीडिया डिवाइस (MMD) के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे. इससे उन्हें उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के लिए लाइन में खड़ा होने की आवश्यकता नहीं होगी. यह सुविधा फिलहाल केवल लोकसभा में शुरू की गई है, राज्यसभा में अभी पारंपरिक पद्धति ही जारी रहेगी.

डिजिटल बदलाव: अब सीट से ही लगेगी हाजिरी

नई संसद भवन में सांसद अब अपनी निर्धारित सीट पर बैठकर ही अपनी उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे. पहले उन्हें संसद में प्रवेश से पूर्व टैबलेट पर स्टाइलस के माध्यम से हस्ताक्षर करने होते थे, जिससे समय भी लगता था और कई बार कतारें भी लगती थीं. अब यह प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल हो गई है.


तीन विकल्पों से दर्ज होगी उपस्थिति

  • MMD सिस्टम के ज़रिए सांसद निम्नलिखित तरीकों से अपनी हाजिरी लगा सकेंगे
  • अंगूठे की छाप (थंब इम्प्रेशन)
  • पिन नंबर
  • स्मार्ट कार्ड
  • यह प्रणाली आसान, सुरक्षित और तेज़ है, जिससे उपस्थिति की प्रक्रिया अधिक सटीक व विश्वसनीय होगी.


इसी सत्र से लागू, समय की होगी बचत

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा शुरू की गई इस पहल को इसी संसद सत्र से लागू किया जा रहा है। पुराने तरीके में जहाँ उपस्थिति दर्ज करने में औसतन 2 से 3 मिनट लगते थे, वहीं अब यह कुछ ही सेकंड्स में संभव होगा. वर्ष भर में संसद लगभग 70 दिन चलती है. इस हिसाब से हर सांसद को सालाना लगभग साढ़े तीन घंटे का समय बचेगा, जिसे वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में लगा सकेंगे।


राज्यसभा में अभी जारी रहेगी पुरानी प्रणाली

फिलहाल यह डिजिटल उपस्थिति प्रणाली केवल लोकसभा में लागू की गई है. राज्यसभा में अभी भी सांसदों को पुराने तरीके से ही उपस्थिति दर्ज करनी होगी. निकट भविष्य में राज्यसभा में भी इस प्रणाली को अपनाने की संभावना है. नई संसद भवन में शुरू हुआ यह ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम न केवल सांसदों के समय की बचत करेगा, बल्कि संसदीय प्रक्रिया को भी अधिक आधुनिक, कुशल और पारदर्शी बनाएगा। यह डिजिटल पहल भारतीय संसद के भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. संसदीय सूत्रों की माने तो लोकसभा और राज्यसभा सचिवालय की तरफ से ऐसा सिस्टम लाने की प्रक्रिया चल रही है, जिससे दोनों सदनों में डिजिटल उपस्थिति दर्ज़ की जा सकेगी। इसके साथ ही, भविष्य में सांसदों को अपनी उपस्थिति दर्ज़ कराने के लिए सदन में बैठना भी अनिवार्य होगा. इसके पीछे सोच है कि सदन की कार्यवाही में अधिक से अधिक सांसदों भागीदारी सुनिश्चित की जा सके.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com