नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर की फाइल तस्वीर
पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव मैनेजमेंट के लिए चर्चित प्रशांत किशोर से अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों का मंगलवार को विधिवत रूप से परिचय कराया। हालांकि जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन वाली सरकार में हर विधायक प्रशांत किशोर से परिचित हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के सलाहकार पद पर प्रशांत किशोर की नियुक्ति के बाद नीतीश ने अपने मंत्रियों से उनका विधिवत परिचय कराया।
मुख्यमंत्री नीतीश अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए गंभीर हैं और इसी उद्देश्य से उन्होंने 'सात निश्चय' पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सबसे पहले नीतीश कुमार ने बिहार विकास मिशन के बारे में अपने अधिकारियों के साथ चर्चा की, जहां सभी विभाग के सचिव और प्रधान सचिव मौजूद थे। यहां नए विकास मिशन के निदेशक आतिश चंद्र ने सात निश्चय और उसके क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद नीतीश ने अपने संबोधन में बताया कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि इन कामों का क्रियान्वन मिशन मोड में किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि ये अधिकारियों के वर्तमान काम पर कहीं असर नहीं डालेगा। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगर वे कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तो पूछ सकते हैं।
दरअसल नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा है कि प्रशांत किशोर और विकास मिशन को लेकर कानाफूसी में अधिकारियों में संशय की स्थिति है। नीतीश को मालूम है कि बिना अधिकारियों को साथ लिए वह 'सात निश्चय' को जमीन पर लागू नहीं कर सकते।
शाम में कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों को 'सात निश्चय' के रोड मैप के बारे में समझाया, जहां विधिवत रूप से प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। ये पहला मौका था कि प्रशांत किशोर किसी आधिकारिक बैठक में सलाहकार बनने के बाद शामिल हुए थे। इससे पहले नीतीश कुमार के कैबिनेट की बैठक में उस समय के उनके कृषि सलाहकार डॉक्टर मंगला राय शामिल हुआ करते थे।
नीतीश कुमार के सात निश्चय में हर गांव में जलापूर्ति, हर घर में बिजली, छात्रों को 4 लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड और हर घर में शौचालय की व्यवस्था करना मुख्य रूप से शामिल हैं। महागठबंधन के हर नेता को मालूम है कि 'सात निश्चय' भविष्य के हर चुनाव में एक बड़ा चुनावी मुद्दा होगा।
मुख्यमंत्री नीतीश अपने चुनावी वादों को पूरा करने के लिए गंभीर हैं और इसी उद्देश्य से उन्होंने 'सात निश्चय' पर अभी से काम करना शुरू कर दिया है। मंगलवार को सबसे पहले नीतीश कुमार ने बिहार विकास मिशन के बारे में अपने अधिकारियों के साथ चर्चा की, जहां सभी विभाग के सचिव और प्रधान सचिव मौजूद थे। यहां नए विकास मिशन के निदेशक आतिश चंद्र ने सात निश्चय और उसके क्रियान्वयन के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद नीतीश ने अपने संबोधन में बताया कि आखिर ऐसी क्या जरूरत पड़ी कि इन कामों का क्रियान्वन मिशन मोड में किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि ये अधिकारियों के वर्तमान काम पर कहीं असर नहीं डालेगा। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अगर वे कोई सवाल पूछना चाहते हैं, तो पूछ सकते हैं।
दरअसल नीतीश कुमार को इस बात का अंदाजा है कि प्रशांत किशोर और विकास मिशन को लेकर कानाफूसी में अधिकारियों में संशय की स्थिति है। नीतीश को मालूम है कि बिना अधिकारियों को साथ लिए वह 'सात निश्चय' को जमीन पर लागू नहीं कर सकते।
शाम में कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश कुमार ने अपने मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों को 'सात निश्चय' के रोड मैप के बारे में समझाया, जहां विधिवत रूप से प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। ये पहला मौका था कि प्रशांत किशोर किसी आधिकारिक बैठक में सलाहकार बनने के बाद शामिल हुए थे। इससे पहले नीतीश कुमार के कैबिनेट की बैठक में उस समय के उनके कृषि सलाहकार डॉक्टर मंगला राय शामिल हुआ करते थे।
नीतीश कुमार के सात निश्चय में हर गांव में जलापूर्ति, हर घर में बिजली, छात्रों को 4 लाख रुपये का क्रेडिट कार्ड और हर घर में शौचालय की व्यवस्था करना मुख्य रूप से शामिल हैं। महागठबंधन के हर नेता को मालूम है कि 'सात निश्चय' भविष्य के हर चुनाव में एक बड़ा चुनावी मुद्दा होगा।
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