नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मेघालय सरकार पर कोयला खनन रोक पाने में असफल होने पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने यह आदेश सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बीके कटके की अध्यक्षा वाली न्यायिक पैनल की उस रिपोर्ट के बाद दिया है जिसमें राज्य में बड़े पैमाने पर कोयला खनन पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने की बात कही गई है. बता दें कि राज्य के जयंती हिल्स पर मौजूद एक कोयला खान में बीते 20 दिनों से 15 मजदूर फंसे हैं. जिन्हें बचाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. प्रशासन के अनुसार जयंती हिल्स पर 370 फीट से ज्यादा गहरे एक खदान से 15 मजदूर कोयला निकालने गए थे तभी पास से गुजर रही नदी का जलस्तर बढ़ने से खदान में पानी भर गया और वह फंस गए.
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बचाव कार्य में लगी टीम बीते कई दिनों से खदान से पानी निकालने की कोशिश कर रही है. लेकिन खदान की गहराई ज्यादा होने के कारण उन्हें इसमें दिक्कत आ रही है. अब वह इस काम के लिए छोटे मोटर की जगह बड़े मोटर पंप का इस्तेमाल करने की तैयारी में है. ताकि बचे हुए पानी को जल्द से जल्द निकाला जा सके. गौरतलब है कि कमेटी ने दो दिन पहले ही एनजीटी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के ज्यादातर खदानें बगैर लीज और लाइसेंस की चलाई जा रही हैं.
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ध्यान हो कि खदान में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव अभियान की गति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिन पहले ही राज्य सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने केंद्र से इसे लेकर एफिडेविट भी दाखिल करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने अपने बचाव में कहा था कि खदान के बगल से गुजरने वाली नदी के जल स्तर में हुई बढ़ोतरी की वजह से उन्हें बचाव कार्य में तेजी से खत्म करने में दिक्कत हो रही है.
VIDEO: खदान में फंसे मजदूरों को बचाने की कोशिश तेज.
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