बीजेपी नेता राम माधव
नई दिल्ली:
हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकवादी बुरहान वानी की मौत के एक महीने बाद भी घाटी में तनाव कम न होने के बाद क्या अब मोदी सरकार कश्मीर की समस्या को एक नए नज़रिए के साथ हल करने के बारे में सोच रही है? बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने जम्मू के पटनीटॉप में 'युवा विचारकों की बैठक' का आयोजन किया है जिसके बाद अनौपचारिक रूप से एक और पहल के शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
राम माधव की अगुवाई में हो रहे इस विशेष सम्मेलन में कुछ मंत्रियों के साथ साथ आरएसएस के सदस्य भी हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक समान विचार के लोगों को एक साथ लाकर बातचीत की अवरुद्ध प्रक्रिया के गतिरोध को तोड़ने और अलगाववादियों तक संदेश देने के लिए इसे एक रास्ते के रूप में देखा जा रहा है।
गठबंधन करार को तैयार किया था माधव ने
गैर सरकारी संगठन इंडिया फाउंडेशन के बैनर तले हो रहे इस सम्मेलन में बीजेपी की वैचारिक संस्था आरएसएस के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं, साथ ही 80 बुद्धिजीवी और समाज के विभिन्न वर्गों के सदस्य भी इसमें भाग ले रहे हैं। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बेटे शौर्य डोभाल की भी उपस्थिति उल्लेखनीय है।
हालांकि यह बैठक सरकार की ओर से की जा रही आधिकारिक पहल नहीं है लेकिन यहां राम माधव की मौजूदगी काफी अहम मानी जा रही है. गौरतलब है कि राम माधव और पीडीपी के दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मिलकर राज्य सरकार के गठबंधन एजेंडा के अनुबंध को तैयार किया था. इस करारनामे ने पाकिस्तान से लगातार बातचीत और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस समेत सभी साझेदारों के साथ संवाद के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी.
गौरतलब है कि करीब एक महीने के अंदर घाटी में हुई हिंसक गतिविधियों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 3000 से ज्यादा घायल हुए हैं. लगातार लगे कर्फ्यू की वजह से सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त है और मोबाइल इंटरनेट सेवा भी ठप पड़ी है. यहां अलगाववादियों ने बंद का ऐलान कर रखा है और कुछ रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी नेताओं ने भी राज्य में विभिन्न रैलियां आयोजित की हैं.
राम माधव की अगुवाई में हो रहे इस विशेष सम्मेलन में कुछ मंत्रियों के साथ साथ आरएसएस के सदस्य भी हिस्सा ले रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक समान विचार के लोगों को एक साथ लाकर बातचीत की अवरुद्ध प्रक्रिया के गतिरोध को तोड़ने और अलगाववादियों तक संदेश देने के लिए इसे एक रास्ते के रूप में देखा जा रहा है।
गठबंधन करार को तैयार किया था माधव ने
गैर सरकारी संगठन इंडिया फाउंडेशन के बैनर तले हो रहे इस सम्मेलन में बीजेपी की वैचारिक संस्था आरएसएस के सदस्य हिस्सा ले रहे हैं, साथ ही 80 बुद्धिजीवी और समाज के विभिन्न वर्गों के सदस्य भी इसमें भाग ले रहे हैं। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के बेटे शौर्य डोभाल की भी उपस्थिति उल्लेखनीय है।
हालांकि यह बैठक सरकार की ओर से की जा रही आधिकारिक पहल नहीं है लेकिन यहां राम माधव की मौजूदगी काफी अहम मानी जा रही है. गौरतलब है कि राम माधव और पीडीपी के दिवंगत नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मिलकर राज्य सरकार के गठबंधन एजेंडा के अनुबंध को तैयार किया था. इस करारनामे ने पाकिस्तान से लगातार बातचीत और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस समेत सभी साझेदारों के साथ संवाद के लिए प्रतिबद्धता दिखाई थी.
गौरतलब है कि करीब एक महीने के अंदर घाटी में हुई हिंसक गतिविधियों में 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 3000 से ज्यादा घायल हुए हैं. लगातार लगे कर्फ्यू की वजह से सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त है और मोबाइल इंटरनेट सेवा भी ठप पड़ी है. यहां अलगाववादियों ने बंद का ऐलान कर रखा है और कुछ रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी नेताओं ने भी राज्य में विभिन्न रैलियां आयोजित की हैं.
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